पापा मम्मी की दूसरी सुहागरात -1
अन्तर्वासना के पाठको को अंकित का नमस्कार! मेरी पहली …
मेरा गुप्त जीवन-59
शाम को घर पहुंचा तो विनी बैठक में मिल गई और बोली-…
एक भाई की वासना -41
सम्पादक – जूजा जी हजरात आपने अभी तक पढ़ा.. जाहिरा श…
मेरा गुप्त जीवन -58
मैं हँसते हुए बोला- कम्मो यह सब तुम ने ही तो सिखाय…
एक भाई की वासना -40
सम्पादक – जूजा जी हजरात आपने अभी तक पढ़ा.. पहले तो …
बस में मिली भाभी का अकेलापन
दोस्तो, मैं अर्पित, दिखने में स्मार्ट 5’10” हाइट और ब…
नयना और दीप्ति संग वासना का खेल -5
अब तक आपने पढ़ा.. दीप्ति ने ककड़ी हाथ में पकड़ने की क…
एक भाई की वासना -34
सम्पादक – जूजा जी हजरात आपने अभी तक पढ़ा.. कुछ देर …
अगस्त 2015 की लोकप्रिय कहानियाँ
प्रिय अन्तर्वासना पाठको अगस्त महीने में प्रकाशित कहानि…
मेरा गुप्त जीवन-56
जैसे ही मैं कॉलेज से वापस आया कम्मो मुझको मेरे कमर…