मेरा गुप्त जीवन -58

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000

मैं हँसते हुए बोला- कम्मो यह सब तुम ने ही तो सिखाया है यार! तुम्हारी चूत की कसम! खूब हँसते रहे हम दोनों और फिर मैं कॉलेज के लिए चल पड़ा।

जब वापस आया तो कम्मो ने ठंडा पानी देते हुए कहा- रानी और प्रेमा आंटी का फ़ोन आया था, दोनों तुम्हारा और मेरा थैंक्स कर रही थी, ‘परसों का प्रोग्राम पक्का है?’ यह पूछ रही थी। मैं बोला- परसों का प्रोग्राम तो पक्का है ही, उनको क्यों शक हुआ? कम्मो बोली- दोनों आंटी तुम्हारी मुरीद हो चुकी हैं और तुम्हारे लौड़े की याद में तड़प रही हैं। मैं हंस पड़ा- मैं भी उनकी चूतों की याद में उनके ताजमहल सी ख़ूबसूरती का तलबगार हो चुका हूँ।

इसी तरह चुहलबाज़ी में चोदम चुदाई की दो रातें मैंने कम्मो और पारो के साथ बिता दी, दो बहनों को भी पिछली रात चोद दिया तो आज का दिन मैं फ़्रेश था।

दोनों मुजस्स्मा ऐ ख़ूबसूरती अगले दिन ठीक टाइम पर आ गई, उनके आते ही कम्मो ने मुझको मेरे कमरे से निकाल दिया और उन दोनों का चेकअप करने लगी। चेकअप के बाद दरवाज़ा खुला तो रानी बहुत मुस्करा रही थी और प्रेमा बेचारी उदास थी। कम्मो बोली- बधाई हो छोटे मालिक, रानी का काम तो लगता है, हो गया है और प्रेमा बेचारी अभी लटकी हुई है।

मैंने प्रेमा जी को एकदम बाँहों में बाँध लिया और उनके लबों पर चूमना शुरू कर दिया, इस तरह थोड़ा संयत किया और रानी को भी चूम कर बधाई दी। कम्मो बोली- अब आप दोनों की क्या मर्ज़ी है? प्रेमा बोली- मैं तो कोशिश करती रहूंगी जब तक दही नहीं जम जाता। कम्मो बोली- हाँ, यह तो सही है दूध में जामन लगना चाहये, ना जाने कब दही फिर से जम जाए! तो प्रेमा जी आप तो छोटे मालिक से आज चुदवा लो और चुदवाती रहो जब तक आप का काम नहीं हो जाता… क्यों क्या ख्याल है आप का? प्रेमा बोली -वही तो! सोमू की चुदाई बहुत ही बढ़िया होती है, जब तक काम नहीं होता सोमु को तकलीफ देती रहूंगी मैं। मैंने आगे बढ़ कर प्रेमा जी को आलिंगन बद्ध कर लिया और उनके मम्मों को दबाने लगा।

उधर कम्मो ने रानी को समझाना शुरू कर दिया। सब कुछ समझा बैठी तो रानी ने कहा- कम्मो जी, अगर आप बुरा न मानें तो मैं कुछ दिन और सोमू को तंग कर सकती हूँ? मेरा अभी सोमू से चुदाई का दिल नहीं भरा, क्यों सोमू? मैंने झट आगे बढ़ कर रानी को गले लगा लिया और उसकी चूत में साड़ी के ऊपर से ऊँगली डालने की कोशिश करने लगा। आज रानी ने लाइट हरे रंग की साड़ी और मैचिंग ब्लाउज पहन रखा था और वो बहुत ही खूबसूरत लग रही थी।

मेरा लंड काफी समय से उन दोनों को देख कर तना बैठा था, मैं कम्मो के इशारे के इंतज़ार किये बगैर ही अपने कपड़े उतारने लगा, जब पूरा नंगा हो गया तो मैं पहले प्रेमा जी के पास गया और उनके कपरे उतारने लगा। यह देख कर प्रेमा खुद ही सारे कपड़े उतारने लगी और उधर रानी भी पीछे क्यों रहती, वो भी कुछ क्षणों में वस्त्रविहीन हो गई।

मैंने कम्मो की तरफ देखा और बोला- गुरु जी, आप क्यों आज चुप चुप हैं? कोई ख़ास कारण हैं क्या? कम्मो हँसते हुए बोली- नहीं छोटे मालिक, प्रेमा जी का गर्भ ना ठहरना समझ नहीं आया, मैं उसके बारे में ही सोच रही थी। इससे पहले कि इन दोनों की चुदाई शुरू हो, मैं इन दोनों का नाप ले लेती हूँ जो बहुत ज़रूरी है। कम्मो अलमारी से नाप वाला फीता ले आई और एक कॉपी में इन दोनों का नाम लिख कर उनके आगे दोनों के नाप लिखने के लिए मुझ को कहने लगी। मैं बोला- ठीक है, लेकिन पहले अपनी तरफ तो देखो? कम्मो झट समझ गई और झट से अपने कपड़े उतारने लगी, फिर उसने इंचटेप से पहले प्रेमा की मम्मों का नाप लिया जो 36 इंच था और फिर उसने कमर का नाप लिया जो 26 था और फिर उसने चूतड़ों का नाप लिया जो 38 था। इस तरह प्रेमा का नाप निकला 36-26-38. अब रानी का नाप लिया तो 36-25-36 निकला। उसी तरह कम्मो ने इंच टेप से मेरे लंड का नाप भी लिया और वो निकला 7.6 इंच! इस पर सब लेडीज ने बहुत ज़ोर से तालियाँ बजाई।

अब कम्मो बोली- आज सबसे पहले चुदाई प्रेमा की होगी, उसमें छोटे मालिक दो बार अपना फव्वारा छुटाएँगे और रानी की चुदाई भी 2 बार होगी और उसमें छोटे मालिक सिर्फ एक बार छुटाएँगे। क्यों मंज़ूर है सबको? सबने ज़ोर से हाँ कह दिया।

कम्मो बोली- छोटे मालिक, आप इस छोटे से हरम के छोटे मालिक हैं तो आप लेट जाएँ। पहले प्रेमा जी को आपके पास लाया जाएगा और वो पूरी तरह से इस काली चुन्नी से ढकी होंगी और फिर एक बार की चुदाई और वीर्य छुटाई के बाद आपकी खिदमत में रानी साहिबा को पेश किया जाएगा।

जैसे जैसे कम्मो डायरेक्ट करती रही, वैसे ही चुदाई का प्रोग्राम चलता रहा। प्रेमा को भी घोड़ी बना कर चूत की गहराई में और उसके बच्चेदानी के मुंह के अंदर दो बार छुटवाया। उसके बाद रानी को भी मैंने बड़े आराम से बिना किसी जल्दी के हल्के हल्के धक्कों से चोदा। आज उसको पहले दिन से भी ज्यादा मज़ा आ रहा था क्यूंकि उसके मन में कोई टेंशन नहीं थी।

वो भी मेरी चुदाई से दो बार छूटी और फिर कम्मो की डायरेक्शन में मैंने उस को अपने नीचे लिटा कर चोदा और उसकी भी बच्चेदानी के मुंह के अंदर फव्वारा छुटाया। और तब मैंने रानी के कान में कहा- तुम गर्भवती हो गई हो, और इसका सबूत तुमको आज शाम ही मिल जाएगा। रानी के चेहरे पर एक अजीब सी चमक थी और वो ख़ुशी के मारे मुझ से बार बार लिपट रही थी।

उधर प्रेमा की उदासी को कम करने की कोशिश कम्मो कर रही थी। फिर वो प्रेमा को मेरे हज़ूर में लेकर आई और बोली- हज़ूर, आप इस नाचीज़ पर भी रहम कीजिये और आज इसकी भी मुराद ज़रूर पूरी कर दें। मैं बोला- ऐ बेगमाते ऐ अवध, इस लौंडिया को भी गर्भवती करने के लिए यह नवाबज़ादा पूरी तरह से तैयार बैठा है, पेश करो उस हसीना को, अभी हम उस को औलाद का नायाब तौफा दे देंगे। सब हंसने लगे।

अब प्रेमा को मैंने मज़बूत बाँहों में घेर लिया और एक निहायत ज़ोर की जफ़्फ़ी डाली और उसके गोल और मोटे मम्मों को एकदम से अपनी चौड़ी छाती में दबा दिया। मैंने उसके मम्मों को चूसा और होटों को भी चूस कर लाल कर दिया। फिर मैं सरकते हुए उसकी चूत में मुंह को डाल कर उसके सख्त हुए भग को चूसने लगा। प्रेमा की चूत जल्दी जल्दी खुलने और बंद होनी शुरू हो गई और फिर मेरी जीभ के कमाल से 5 मिन्ट में ही कांपती हुई झड़ गई।

अब मैं उसके ऊपर चढ़ा और लम्बे और मोटे लंड का कमाल दिखाने लगा, जब ज़ोर से चुदाई का आलम गर्म हुआ तो प्रेमा अपनी कमर उठा उठा कर लंड का स्वागत करने लगी और फिर एक ज़ोरदार झटके से वो छूटने लगी। छूटने के दौरान उसने मुझको अपनी बिलोरी जांघों में कैद कर लिया था जिस से मैं हिल भी नहीं सकता था।

जब वो ढीली पड़ी तो मैं फिर से उसकी चूत में हमले करने लगा, तेज़ हल्के और फिर तेज़… यही क्रम बाँध दिया। अब मेरा छूटने वाला हुआ तो मैंने उसकी कमर के नीचे हाथ रख कर चूतड़ों को ऊपर उठा लिया और अपने लंड को पूरा अंदर डाल कर फिर बाहर निकालने लगा और थोड़े समय में ही मैं छूटने की कगार पर पहुँच गया।

आखिरी धक्के में जब मेरा छूटने वाला था तो मैंने प्रेमा की चूत को अपने पेट से जोड़ कर लंड की पिचकारी छोड़ दी जो उसकी सारी चूत में फैल गई। प्रेमा बोली- उफ्फ, क्या गरम लावा है सोमू तुम्हारा पानी, मैं तो निहाल हो गई। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !

हम सब थक गए थे तो कम्मो कपडे पहन कर गई और ठंडी कोकाकोला की बोतलें ले आई और हम सब पीते रहे और एक दूसरे को बड़ी ही गर्म नज़रों से देखते रहे।

कम्मो बोली- प्रेमा और रानी, आपने अपने पति से कल रात चुदवाया था या नहीं? प्रेमा बोली- कल नहीं परसों की रात को चुदवाना था सो चुदवा लिया। रानी बोली- हाँ, मैंने भी चुदवा लिया था। कम्मो बोली- पर पतियों को कैसे मनाया चुदवाने के लिए?

प्रेमा बोली- मेरा पति तो सीधा है, मैंने रात को अपना रात का चोग़ा ज़रा चूत के ऊपर कर लिया था सोने से पहले और जैसे ही उसकी नज़र पड़ी मेरी चूत पर तो वो बत्ती बुझा कर मेरी चूत पर से चोग़ा हटा कर अपने 5 इंच वाले लंडको गीली चूत में अंदर डाल कर मुश्किल से 10-12 धक्के ही मार पाया था कि उसका लंड टपक गया। वो मेरे ऊपर से उठ कर बेड पर लेटा और खर्राटे मारने लगा।

रानी बोली- मुझ को काफी मुश्किल हुई उसको चोदने के लिए तैयार करने में। जैसे कम्मो ने बताया था, मैंने एक चाल खेली, जैसे ही वो कमरे में आया और लेटा, मैंने चिल्लाना शुरू कर दिया कि मेरी नाइटी में कीड़ा है और थोड़ी उछल कूद मचाने लगी। और जल्दी ही मैंने अपनी नाइटी उतार दी और पूरी नंगी हो गई और झूठ मूठ के कीड़े को ढूंढने लगी। मैं जानबूझ कर अपनी चूत और मम्मे सेठ के मुंह के पास ले जा कर ढून्ढ रही थी कीड़ा। बस सेठ ने मेरा जिस्म देखा और झट से 4 इंची लंड को निकाल कर मुझ पर चढ़ बैठा और जैसे ही उसने डाला, मैंने ‘आह उह’ करना शुरू कर दिया जिससे उसको यकीन हो गया कि मुझको बड़ा आनन्द आ रहा है और वही हर बार की तरह सिर्फ़ 5 मिन्ट में ही छूटा बैठा सेठ और मेरे ऊपर से उठ गया, बाद में मुझ को ऊँगली मारनी पड़ी।

कम्मो बोली- लेकिन प्रेमा और रानी, यह तुम लोग भी तो सोचो कि सेठ और उसका परिवार तुम दोनों को काफी सारा धन सोना और हीरे जवाहरात भी तो प्रदान करता है। मैं बोला- हर चीज़ का अपना सुख और दुःख होता है, तो जिस हाल में मौला रखे उसी हाल में हम सब को खुश रहना चाहिये। क्यों कम्मो? कम्मो बोली- वाह छोटे मालिक, बड़ी ऊंची बात कह गए आप तो! वाह!

अब प्रेमा और रानी कपड़े पहनने लगी और मेरे देखते देखते ही चाँद बादलों में छिप गया, हुस्न नज़रों से ओझल हो गया। दो दिन बाद फिर आने का वायदा कर के दोनों चली गई। कहानी जारी रहेगी। [email protected]

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000