मेरा गुप्त जीवन -50

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तब हम चलते हुए किश्ती से थोड़ी दूर हो गए और तब मैंने शानू को एक साइड ले जाकर कहा- मैंने फैसला लिया है कि आज रात की पार्टी मेरे कमरे में होगी। आप चारों वहीं आ जाना। क्यों ठीक है न? शानू ने बाकी लड़कियों को भी बुला लिया और उनको मेरी बात बताई। वो तैयार हो गई और कहा कि खाना खाने के एक घंटे बाद वो मेरे कमरे में आने की कोशिश करेंगी। वो सब बहुत खुश थी।

मैं बोला- तुम चारों सब लड़के लड़कियों पर नज़र रखो, अगर किसी को भी शक हो गया तो हम सब मारे जाएंगे। कोई हमारे बारे में कोई बात करे तो तुम फ़ौरन हम सबको बता देना ताकि हम सब चौकस हो जाएंगे। वैसे लोगों की बातों से मुझ पर कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा लेकिन आप लड़कियाँ हैं, सोचिये आपके जीवन पर क्या असर पड़ेगा?

शानू बोली- सोमू ठीक कह रहा है, अगर हम किसी को बताएंगी तो पकड़े जाने पर हम पर ही ज्यादा असर होगा। प्लीज किसी से भी रात की बात का कोई ज़िक्र नहीं करना, ओके? सबने सर हिला दिया।

फिर रात को खाने के बाद चारों लड़कियाँ मेरे कमरे में इकट्ठी हुईं। वो अपने नाईट गाउन में थी और सभी बड़ी मादक लग रही थी। चारों ने आने के बाद सबसे पहले मुझको हॉट किस की होटों पर और अपने गोल गुंदाज़ उरोज मेरी छाती से लगाये।

मैं बोला- तुम सबने सोचा है कि चुदाई को करने का क्रम किस प्रकार तय करेंगे? मैरी बोली- लाटरी डाल लेते हैं, उससे क्रम तय हो जायेगा। मैं बोला- बाकी जो इंतज़ार कर रही होगी, वो क्या करेंगी? शानू बोली- सोमू ठीक कह रहा है,. जो चुद रही है वो तो सोमू के साथ बिजी है लेकिन बाकी क्या करेंगी?

सब चुप रही। जब कुछ समय उन को कुछ नहीं सूझा तो मैं ही बोला- शानू बताओ, क्या आप लड़कियों ने कभी किसी दूसरी लड़की के साथ सम्बन्ध बनाया है? शानू बोली- मैंने तो कई बार लड़कियों के साथ सेक्स किया है, आप तीनों ने कभी किया है क्या? सबने शर्माते हुए हाँ में सर हिला। मैं बोला- तो ठीक है, जिन लड़कियों का नम्बर बाद में होगा, वो अपने लिए पार्टनर चुन लेंगी और उसके साथ सेक्स कर सकती हैं या फिर सेक्स करते हुए कपल की सहायता कर सकती हैं। चलो अब लाटरी डालो!

शानू ने पर्चियों पर मेरा और हर लड़की क नाम लिख दिया। और फिर मेरी आँख पर पट्टी बाँध दी और मैंने एक एक करके पर्चियाँ उठाई। सबसे पहले बानो और मेरा नाम वाली पर्ची निकली, दूसरी पर्ची निम्मी के साथ, तीसरी मैरी के साथ और चौथी शानू के साथ वाली थी। मुझ पर कोई खास असर नहीं था, हाँ, लेकिन शानू थोड़ी उदास हो गई थी क्यूंकि उसका नाम आखिर में निकला था।

शानू बोली- मैं सोचती हूँ कि मैं चुदाई रेस से बाहर हो जाऊँ तो ही ठीक है क्योंकि मेरे तक पहुँचने तक सोमू का माल तो खत्म हो जायेगा न? मैं बड़े ज़ोर से हंस दिया और बोला- शानू, तुम ऐसा करो, पहले तुम निम्मी और मैरी से कल रात का हाल तो पूछो।

तब मैरी और निम्मी ने पिछली रात का किस्सा सुनाया और कहा- सोमू ने हम दोनों को कल रात को 3-3 बार चोदा और फिर उसने तुम दोनों को भी दो दो बार चोदा। और जब वो गया था तुम्हारे कमरे से तो उसका लंड कैसा था? दोनों बोली- खड़ा था पूरी तरह! यानि वो इतनी देर तक बगैर डिस्चार्ज हुए खड़ा रहा? यार कमाल है! शानू बोली- सच कह रही हो तुम दोनों? अगर सच है तो सोमू हम सब को भी चोद सकता है?

और शानू का भी मुखड़ा खिल उठा, उसने आकर मुझको सबसे पहले नंगा किया और यह देख कर बड़ी खुश हुई कि मेरा लौड़ा पूरा तनावट में था। तब सबने अपनी गाउन उतार दिए और चारों दौड़ कर मुझसे चिपक गई।

मुझ को आज पहली बार लगा कि वाकयी में मुझमें अद्भुत शक्ति है और मैं किसी भी स्त्री को अपनी और आकर्षित कर सकता हूँ और उसको कामसुख दे सकता हूँ। मेरे मन में कोई गर्व या अभिमान नहीं आया क्यूंकि मेरे मन में यही विचार था कि इस अद्भुत शक्ति के साथ ईश्वर ने मुझ को बहुत अधिक उतरदायित्व भी दिया है, मेरे से किसी स्त्री या व्यक्ति विशेष का मन न दुखे, यही सदैव मेरा प्रयत्न रहा है जीवन में।

क्यूंकि सबसे पहले लाइन में बानो थी, वो मेरे इशारे पर मेरे पास आई। मैंने शानू को कहा- शानू, आप इस चार रानियों वाले हरम की मुखिया हैं तो आप बानो को मेरे पास ले कर आइए और यह तौहफा हम को पेश कीजिए।

शानू समझ गई कि मैं गेम खेल रहा हूँ। वो बानो को चेक करने लगी, पहले उसने उसके मम्मों को चेक किया और फिर उसकी चूत में ऊँगली डाली और फिर उसकी गांड में ऊँगली डाली, फिर वो बानो को लेकर मेरे पास आई और झुक कर बोली- हज़ूरे आला, आपकी खिदमत में कनीज़ यह नायाब तौहफा लेकर आई है, कबूल फरमाएँ। मैं भी उस लहजे में बोला- प्यारी बेगम, तुम कितनी हसीं और समझदार हो, यह बहुत ही खूबसूरत तौहफा आप लेकर आई हैं। बहुत शुक्रिया आपका!

और मैंने आगे बढ़ कर बानो को अपने गले से लगा लिया और फिर उसके होटों को चूमा। मैंने देखा कि बाकी तीनों हमारी तरफ ही देख ही रहीं थी। मैंने शानू को इशारा किया और वो समझ गई, झट से सब लड़कियों को कहा- चलो चलो, सब अपने पार्टनर के साथ शुरू हो जाओ। मैं बादशाह सलामत की खिदमत कर रही हूँ। जल्दी ही बाकी मैरी और निम्मी आपस में किसिंग और मम्मों को चूसने और चूत में ऊँगली डालने लगी। वो एक बेड पर शुरू हो गई और दूसरे पर मैं और बानो।

आज मैंने बानो को ध्यान से देखा, वो काफी कसे हुए जिस्म वाली लड़की थी, उसका रंग गंदमी था और शरीर काफी गोलाई में था, उसके जिस्म की सबसे खूबसूरत चीज़ उसके मम्मे और गोल मोटे चूतड़ थे। मैंने उसको बिस्तर पर बैठा दिया और उसकी टांगें चौड़ी कर उसकी गोद में अपना मुंह डाल दिया और उसकी चूत के घने बालों को सूंघने लगा, बड़ी ही मादक सुगंध आ रही थी।

फिर मैंने उसको पलंग पर पर लिटा दिया और उसकी टांगों को अपने गले के चारों और फैला दिया। फिर मेरा मुंह सीधा उसकी चूत में उसकी भग पर रख दिया और जीभ से लपालप उसको चूसने लगा। मैंने देखा कि शानू भी बानो के मम्मों को चूस रही थी और उसको होटों पर बारी बारी से किस भी कर रही थी।

बानो को थोड़ी देर में ही आनन्द आने लगा और वो बार बार अपनी जांघें बंद और खोल रही थी और अपनी कमर को उठा कर मेरे मुंह से चूत के भग को लगा रही थी। और फिर उसने एक ज़ोर से सीत्कार के बाद अपनी टांगें मेरे मुंह के चारों और बाँध दी और मुझको हिलने का कोई स्थान नहीं दिया।

जब उसका कांपना कुछ कम हुआ तो मैंने उठ कर उसको बिस्तर पर पूरा लिटा दिया और खुद उसकी खुली टांगों के बीच बैठ कर अपने लौड़े को उसकी चूत के मुंह पर रख कर एक ज़ोरदार धक्का दिया और लंड लाल पूरा ही अंदर समा गया। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !

अब मैंने अपने शरीर को बानो के शरीर के ऊपर कर लिया और कमर से धक्के का सिलसिला शुरू कर दिया। बानो की टांगें कुछ देर हवा में थी और फिर वो मेरी कमर के चारों और कस गई थी।

दूसरे बेड पर निम्मी और मैरी लगी हुई थी ज़ोर शोर से, खूब एक दूसरे को किस और चाट रही थी, शानू अभी भी बानो को लिप्स पर किस कर रही थी। फिर वो उठ कर मेरी कमर को ऊपर नीचे करने लगी, उसका एक हाथ मेरे अंडकोष के साथ खेल रहा था और दूसरा मेरी गांड में हल्के से अंदर बाहर हो रहा था।

कुल मिला कर पूरा हरम वाला माहौल बना हुआ था और मैं बकौल खुद नवाबे- हज़रतगंज अपनी पूरी शानू और शौकत से अपने टेंपरेरी हरम के बीच में बैठा हुआ मौज और मस्ती का लुत्फ़ उठा रहा था।

शानू जो बानो को ध्यान से देख रही थी और उसके छूटने इंतज़ार बड़ी बेसब्री से कर रही थी, एकदम चौंक कर बानो से बोली- छूट रहा है री तेरा तो! सोमू जल्दी से धक्के मारो, बानो छूटने वाली है।

और मैंने अपने धक्कों की स्पीड एकदम तेज़ कर दी और तभी नीचे लेटी बानो ने मुझ को कस कर टांगों में पकड़ कर ज़ोर से काम्पने लगी। मैंने भी उसको कस कर अपने सीने से लगा लिया और उसके मम्मों को एकदम क्रश कर दिया। कुछ मिन्ट हम दोनों ऐसे ही लेटे रहे। बाकी दोनों लड़कियाँ भी छूट चुकी थी और एक दूसरी की बाहों में लेटी हुईं थी। कहानी जारी रहेगी। [email protected]

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