प्यासी दुल्हन -2

दस दिन बाद मेरा बैंक का पेपर लखनऊ में था। मेरी को…

ये दिल … एक पंछी-2

प्रेषिका : निशा भागवत “ओह्ह्ह ! मैं तो गई…” “प्लीज नि…

शूल

प्रेषिका : स्लिम सीमा कल बुआ का श्राद्ध विधि-विधान से…

प्यासी दुल्हन -3

रात के सात बज रहे थे, भाभी के साथ मैंने खाना बनाय…

उसने रोक दिया

हरजिन्दर बरार दोस्तो, मैं जानता हूँ कि आप सभी लोग …

हाय मेरी शुकू शू

प्रेम गुरु की कलम से … मैं जानता हूँ कोई भी लड़की ह…

पलक की चाची-6

प्रेषक : सन्दीप शर्मा जब मैं आंटी के होंठों से अलग ह…

पलक की चाची-5

प्रेषक : सन्दीप शर्मा वो आकर मेरे बगल में बैठ गई और …

अवनी मौसी-1

प्रेषिका : निशा भागवत अवनी मौसी अभी कोई पैंतीस वर्ष…

किरदार-3

प्रेषिका : स्लिमसीमा “जी नहीं ! अक्ल के लिए !” उसने …