मेरा गुप्त जीवन- 81

अगले दिन कॉलेज गया तो हिना गेट पर ही मिल गई और बो…

चिलिका का अधूरा सफ़र

प्रेषक : सुज़ान कौर अन्तर्वासना के पाठकों को मेरा कोट…

मेरा गुप्त जीवन- 85

अगले दिन कॉलेज में हम दोनों ने अपने नाम भी लिखवा …

मेरा गुप्त जीवन -87

हमारी ट्रेन ठीक टाइम पर दिल्ली स्टेशन पर पहुँच गई और…

मेरा गुप्त जीवन-41

मैं फिर अपने पलंग पर लेट गया और सोचने लगा कि एक औ…

मेरा गुप्त जीवन- 79

अभी हम यह बातें कर ही रहे थे की फ़ोन की घंटी बजी। …

मेरा रास्ता साफ है

प्रेषक : आकाशदीप मेरा नाम आकाशदीप है और अन्तर्वासना …

तेरी याद साथ है-25

मैंने जल्दी से रिंकी को खुद से अलग किया और फिर उसे…

मेरा गुप्त जीवन -45

कम्मो काफ़ी देर चोदती रही मुझको… और जब उस का मन भर …

मेरा गुप्त जीवन-43

रात भर हम जागते, चोदते और सोते रहे। यही क्रम काफी …