मेरा गुप्त जीवन- 85

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अगले दिन कॉलेज में हम दोनों ने अपने नाम भी लिखवा दिए और पैसे भी जमा करवा दिए। अगले हफ्ते का प्रोग्राम बना था जिसमें रात को ट्रेन से दिल्ली जाना था और एक दिन और रात दिल्ली रहना था, और अगली सुबह बस से आगरा के लिए निकलना था, वो रात आगरा में रहना था और फिर लखनऊ की वापसी थी।

मैं सोच रहा था कि मैडम साथ है तो शायद चुदाई का मौका ही न मिले पूनम या फिर किसी और लड़की के साथ! लेकिन मेरा इस बात पर कोई बस नहीं था।

अगले दिन मैडम ने दिल्ली, आगरा जाने वाले लड़कों और लड़कियों की मीटिंग बुलाई जिसमें उन्होंने पूरा कार्यक्रम समझा दिया, यह भी बता दिया कि 2 फर्स्ट क्लास के कूपे में लड़कियाँ रहेंगी और लड़के भी इसी तरह लड़कों के लिए तय कूपे में रहेंगे।

मैंने जाने वाली लड़कियों की तरफ ध्यान से देखा, सब अच्छे घरों की लग रही थी और उनमें से मैं किसी को भी नहीं जानता था।

मीटिंग खत्म होने पर 2 लड़कियाँ मेरी तरफ आ रहीं थी, मैं रुक गया, एक लड़की बोली- क्या तुम ही सोमू ठाकुर हो? मैं हैरानी से बोला- जी हाँ मैं सोमू हूँ, बोलिए क्या सेवा कर सकता हूँ आपकी? तब वो लड़की मुस्कराते हुए बोली- सेवा वेवा नहीं करवानी है, बस तुम से मिलना था सो पूछ लिया। अगर खाली हो तो कुछ समय के लिए कैंटीन में आ सकते हो क्या? मैं बोला- कोई खास काम है क्या? वो लड़की फिर बोली- नहीं कोई खास काम नहीं था, बस सोचा कि ट्रिप पर जाने वाले लड़के लड़कियों के साथ थोड़ा परिचय कर लिया जाए! मैं बोला- ज़रूर, चलें क्या? उन्होंने सर हिला दिया और मैं और पूनम उन के साथ चलने लगे।

कैंटीन पहुँच कर उन्होंने अपना परिचय दिया, भरे निस्म वाली गोरी लड़की जो सलवार कमीज़ में थी उसका नाम जसबीर था और उसके साथ वाली लड़की जो थोड़ी लम्बी और गंदमी रंग वाली थी, उसका नाम नेहा था। मैंने कहा- आप दोनों से मिल कर बड़ी ख़ुशी हुई, मेरे साथी लड़की का नाम है पूनम और मेरा नाम तो आप जानती ही हैं।

हम सबने कोकाकोला पिया और फिर बातें होने लगी। वो दोनों ही इंटर के दूसरे वर्ष में थी यानि हम दोनों से एक वर्ष आगे थीं।

फिर जसबीर बोली- क्या आप दोनों साथ साथ रहते हैं? पूनम बोली- जी हाँ, मैं कुछ दिनों से इनकी कोठी में ही रह रही हूँ और सोमू मेरे कजिन हैं। जसबीर बोली- वो क्या है कि हम चाहती थी कि सोमू जी से ट्रिप पर जाने से पहले दोस्ती कर लें तो शायद ठीक रहेगा। मैं बोला- वह तो ठीक है लेकिन इतने लड़कों से सिर्फ मुझको दोस्ती के लिए चुनना कुछ अजीब लग रहा है, क्यों पूनम?

पूनम चुप रही लेकिन मैं बोला- चलो ठीक है हम दोनों को आपकी दोस्ती कबूल है! और हुक्म दीजिये? अब नेहा बोली- सोमू तुम्हारे बारे में हमने बहुत कुछ सुन रखा है, हम चाहती हैं कि आप दोनों हमारे जिगरी दोस्त बन जाएँ तो अच्छा हो। मैंने पूनम की तरफ देखा और बोला- आप दोनों कहाँ रहती हैं लखनऊ में? नेहा बोली- आपकी कोठी के पास मेरा बंगलो है और उससे थोड़ी दूर जसबीर रहती है। मैं बोला- अगर आप फ्री हों तो आज या कल हमारे गरीबखाने आ जाएँ तो खुल कर बातें हो सकती हैं। जसबीर बोली- ठीक है, हम आप को बाद में बता देती हैं कि आज या कल का प्रोग्राम बन सकता है। मैं बोला- ठीक है आज जाने से पहले बता दीजियेगा।

अगले दिन मैं पूनम क्लास के बाहर खड़े थे क्यूंकि प्रोफेसर साहिब नहीं आये थे तभी देखा जसबीर और नेहा आ रही थी। मैं बोला- ठीक है आप आ जाओ, आप लंच करना चाहेंगी मेरी कोठी में? नेहा बोली- नहीं लंच हम कर के आएँगी। आप दोनों गेट के पास मिल जाना तो मैं आपको अपनी कार में ले जाऊँगी। ओके?

कॉलेज की छुट्टी पर हम सब नेहा की कार में बैठ कर मेरी कोठी में पहुँच गए। कम्मो को मैंने पहले ही फ़ोन कर दिया था सो वो नाश्ता इत्यादि टेबल लगा कर बैठी हुई थी। हम सब बैठक में बैठ गए और कम्मो और पूनम ने नाश्ता प्लेट्स में लगा दिया।

नाश्ता और चाय पीने के बाद हम सब बैठक में सोफों पर आ बैठे और हलकी फुल्की बात चीत शुरू हो गई। फिर मौका देख कर मैंने बात छेड़ी- हाँ, अब बताओ जस्सी जी और नेहा जी, आपका क्या प्रोग्राम है?

जस्सी ही बोली- ऐसा है सोमू यार, हम को तुम्हारे बारे में उड़ती हुए खबर लगी थी कि आप काफी रोमांटिंक हो और नैनीताल ट्रिप में आपने कुछ लड़कियों को काफी एंटरटेन किया था। इसी लिए हमने सोचा कि अगर आप हमारे दोस्त बन जाओ तो यह 3-4 दिन का बोरिंग ट्रिप अच्छा निकल जाएगा और हम एक दूसरे को काफी एंटरटेन कर सकेंगे। क्यों तुम्हारा क्या विचार है? मैं बोला- आपने जो उड़ती हुए खबर मेरे बारे में सुनी, वो तो काफी हद तक ठीक है और मैं इस से इंकार नहीं करता लेकिन इसको दुबारा रिपीट करना क्या ठीक होगा?

अब नेहा बोली- मुझको जान कर ख़ुशी हुई सोमू कि तुम काफी फ्रैंक हो और हमारी बात को इतनी जल्दी समझ गए हो। दरअसल हमारी इच्छा थी कि हम तुम्हारे दोस्त बन जाएंगे तो हमें भी एक दूसरे को एंटरटेन करने का मौका मिल जाएगा। मैं बोला- आप दोनों ने अपनी बात बड़े अच्छे ढंग से रख दी है, अगर आपको नैनीताल ट्रिप के बारे में पता चला है तो यह भी पता चल गया होगा कि वहाँ क्या हुआ था?

जस्सी बोली- वही तो सुन कर हमको काफी अचरज हुआ लेकिन फिर सोचा शायद वो लड़कियाँ जानबूझ कर बात बहुत बढ़ा चढ़ा कर बता रही हैं तो हम खुद इसको आज़माना चाहती हैं। मैं अब हँसते हुए बोला- यानि आप को पूरा ज्ञान है कि मेरे से दोस्ती का मतलब क्या है और आप दोनों उसका अनुभव स्वयं करना चाहती हैं। अब जस्सी और नेहा दोनों ही मुस्करा पड़ी।

मैंने पूनम की तरफ देखा और कहा- यह मेरी कजिन पूनम है जो मेरे साथ ही मेरी क्लास में पढ़ने के लिए आई है और मेरे साथ ही रह रही है और यह भी दिल्ली आगरा ट्रिप में जा रही है, आप दोनों कृपा करके इससे पूछ लीजिये कि क्या आपसे दोस्ती इनको बर्दाश्त होगी? जस्सी ने पूनम से पूछा- क्यों पूनम, तुम्हारी क्या राय है हमारे साथ दोस्ती के बारे में? पूनम बोली- मुझको तो आपके साथ दोस्ती करके बहुत ही ख़ुशी होगी। आप दोनों मुझ से बड़ी हैं और शहर की रहने वाली है तो आपकी दोस्ती से मुझको काफी फायदा होगा लेकिन यह नैनीताल ट्रिप के बारे में मुझको कुछ खास नहीं पता! हाँ, इतना जानती हूँ कि इस ट्रिप में सोमू का जबर चोदन हुआ था, शायद 3-4 लड़कियों ने इसके साथ ज़बरदस्ती की थी! क्यों सोमू?

मैं और वो दोनों भी ज़ोर से हंस पड़ी। जस्सी बोली- क्यों सोमू यह सही है क्या? उन 4 लड़कियों ने तुम्हारा जबर चोदन किया था? मैं नकली गुस्से में बोला- हाँ, किया तो था लेकिन अगले दिन उनमें से दो फिर आ गई थी मेरा जबर चोदन करने के लिए लेकिन मैंने मना कर दिया। अब जस्सी बोली- उफ़, मेरी माँ… लेकिन तुमने मना क्यों किया? मैं बहुत ही संजीदा होते हुए बोला- मैंने उन दो को साफ़ कह दिया कि मैं सिर्फ 2 लड़कियों से जबर चोदन नहीं करवाता अगर करवाना ही है तो कम से कम 4 लड़कियाँ होनी चाहिए? जस्सी और नेहा तो हंसी के मारे लोटपोट हो गई।

मैं उसी टोन में फिर बोला- अब आप सिर्फ दो लड़कियाँ हैं तो मेरा जबर चोदन होना तो मुश्किल है। जस्सी बोली- क्या आप चाहते हों कि हमारे ग्रुप में 2 लड़कियाँ और हों तो काम बनेगा? मैं बोला- नहीं नहीं, मैंने यह नहीं कहा, यह तो सिर्फ मज़ाक की बात हो रही है, वैसे पूनम को मिला कर आप 3 लड़कियाँ तो हैं इस ग्रुप में तो मेरा जबर चोदन तो आप कभी भी कर सकती हैं?

नेहा बोली- क्या अभी भी हो सकता है तुम्हारा चोदन सोमू? मैं मज़ाक की टोन में बोला- जबर चोदन करवाने वाला तो अभी भी बैठा है लेकिन जबर चोदन करने वाली लड़कियाँ भी तो होनी चाहये ना? अब जस्सी और नेहा की सूरत देखने वाली थी, दोनों शर्म से लाल हो रही थी।

इतने में कम्मो कमरे में दाखिल हुई, कम्मो ने आते ही बोला- कौन किस का जबर चोदन कर रहा है? मैंने कम्मो का परिचय दिया- यह कम्मो जी हैं, यह इस घर की मालकिन है और इस घर को चलाने का सारा ज़िमा इनका है। मैं इन लड़्कियों को बता रहा था कि नैनीताल में क्या हुआ था? मेरा जबर चोदन हुआ था लेकिन मैंने तभी प्रण किया था कि कम कम से तीन या चार लड़कियाँ होंगी तभी चोदन करवाऊंगा नहीं तो नहीं! कम्मो बोली- हाँ, कम से कम इतनी तो होनी ही चाहिए न। जस्सी और नेहा बेचारी सर नीचे कर के बैठी थी।

तब पूनम ने दोनों लड़कियों से पूछा- अच्छा बताओ क्या आप दोनों सोमू का जबर चोदन करना चाहती हैं? जस्सी बोली- करना तो चाहती हैं लेकिन हम तो सिर्फ दो ही हैं न सो कैसे सोमू का जबर चोदन कर सकती हैं? पूनम बोली- आप घबराओ नहीं, मैं आपके साथ मिल जाती हूँ और फिर हम तीन बदमाशों से कहाँ भाग के जाएगा सोमू?

यह सुनते ही नेहा और जस्सी की बांछें खिल उठीं। जस्सी बोली- सच्ची पूनम तुम हमारे साथ मिल जाओगी? वेरी गुड! सोमू अब तैयार हो जाओ तुम लखनऊ की तीन गुंडियों से नहीं बच सकते? हम तीनों तुमको नहीं छोड़ेंगी।

कम्मो और मैं उनकी बातें सुन कर बहुत हंस रहे थे। मैं बोला- बस तीन ही सिर्फ? कम से कम चार तो ढूंढ के लाओ! कम्मो बोली- छोटे मालिक, ज़्यादा ताव मत दिलाओ, नहीं तो गुंडों की सरदार भी इनके साथ मिल जायेगी? मैं थोड़ा चकराया- यह गुंडों की सरदार कौन है जी? और कहाँ से आ रही है? हम भी तो देखें?

कम्मो अपनी छाती ठोक कर मैदान में आकर खड़ी हो गई, तीनों छोटी गुंडियाँ भी दौड़ कर अपने सरदार के साथ आ कर खड़ी हो गई। मैं थोड़ा घबराया तो सही लेकिन फिर हिम्मत करके एक ज़ोर की दहाड़ लगाई- यह एक शेर की गर्जना है जिससे बड़े बड़े गुंडे बदमाश भी थर थर कांपते हैं! है कोई माई की लाली जो इस भूखे शेर के सामने टिक सके?

तभी चारों लड़कियाँ एकदम से मुझ पर झपट पड़ी और मुझको दबोच लिया और मुझको उठा कर मेरे वाले बैडरूम में ले गई। मैं मन ही मन सोच रहा था कि या खुदा अब मेरे लौड़े का बचना मुश्किल है, चार चार गुंडियाँ सोमू का हरण करके ले जा रही हैं, कोई बचाये तो सही!

मेरे कमरे में पहुँचते ही सबने मिल कर मुझको निर्वस्त्र कर दिया और नेहा और जस्सी ने जब मेरा मोटा और लम्बा खड़ा लंड देखा तो उनकी आँखें फटी की फटी रह गई। उस धींगा मुष्टि में जस्सी ने मेरे लौड़े को अपने हाथ में पकड़ लिया और नेहा ने भी उसको अपने हाथों में ले लिया। फिर मैं उनके हाथों से छूट कर नेहा की साड़ी को उतारने लगा और बाकी की गुंडियाँ भी इस काम में मेरी मदद करने लगी।

नेहा जब नंगी हुई तो उसके मुम्मे देख कर हम सब को बड़ा आनन्द आया क्यूंकि वो एकदम गोल और मोटे थे और बिल्कुल सॉलिड थे ज़रा भी उनमें लटक नहीं आई थी। उसके बाद बारी आई जस्सी की, वो भी नंगी होने पर बहुत ही खूबसूरत लगी, उसके मम्मे भी मोटे और सॉलिड थे लेकिन उसकी ख़ूबसूरती दिख रही थी उसके गोल और सॉलिड लेकिन उभरे हुए चूतड़ों में थी! क्या चीज़ थे यार… वो तो गोल गोल और उभरे हुए थे।

अब बारी थी पूनम की और उसको भी जल्द ही नंगी कर दिया गया और उसके बाद मैंने कम्मो को भी निर्वस्त्र कर दिया। चार गुंडियों में अकेला लंडबाज़ और वो भी जबर चोदन के लिए तैयार किया जा रहा था।

जब सब मेरे लंड को सहलाने में लगी थी तो मैं उनसे बचने के लिए भाग उठा और भाग कर रसोई में चला गया जहाँ पारो मुझ को नंगा देख कर हैरान हो गई और जब मैंने उसके सामने चिल्लाना शुरू किया कि ‘बचाओ मुझको…’ तो उसने बेलन उठा लिया और मेरे साथ रसोई के बाहर आ गई और बोली- कौन है जो छोटे मालिक को तंग कर रहा है?

और जब उसने चार नंगी औरतों को देखा तो वो समझ गई और वो ज़ोर से बोली- खबरदार किसी ने भी छोटे मालिक को हाथ भी लगाया, काट के रख दूंगी। और मैं जल्दी पारो के मोटे चूतड़ों के पीछे छुप गया और मेरा खड़ा लंड उसकी गांड में घुसने की कोशिश करने लगा।

अब कम्मो ने पारो को भी पकड़ा और बाकी मुझको पकड़ कर हम दोनों को कमरे में ले आये और सबसे पहले कम्मो ही पारो की साड़ी उतारने लगी और पूनम और नेहा भी उसको नंगी करने में लग गई। वो बोलती रही- यह क्या कर रहे हो मेरे साथ? मेरे कपड़े क्यों उतार रही हो?

लेकिन कौन सुनता उसकी गुहार… थोड़ी देर में वो भी नंगी हो गई और वो भी गुंडियों की पार्टी में शामिल हो गई और उसने भी मुझको घेर लिया। अब कम्मो ने कहा- सब मेरी बात ध्यान से सुनो। सबसे पहले छोटे मालिक को लिटा दो पलंग पर और फिर सबसे पहले जस्सी उसके ऊपर चढ़ कर चोदेगी, उसके बाद नेहा और फिर पूनम की बारी है। मैं और पारो बाद में देख लेंगी।

यह सुन कर सबसे पहले दौड़ कर जस्सी मेरे ऊपर बैठ गई और मेरे खड़े लंड को अपनी बालों से भरी चूत में डाल दिया। और कम्मो ने उसकी कमर को पकड़ कर उसको ऊपर नीचे करना शुरू कर दिया। मैंने जस्सी के गोल मुम्मों के साथ खेलना शुरू कर दिया और पूनम ने नेहा के सुन्दर मुम्मों को चूसना शुरू कर दिया और पारो पूनम के मुम्मों को अपने हाथ से छूने लगी।

मैं मुंह बना रहा था लेकिन मुझको जस्सी की चूत एकदम टाइट और गीली लगी, मुझको उसको चोदते हुए बड़ा आनन्द आ रहा था। जल्दी ही जस्सी लंड के धक्कों से छूटने के कगार पर पहुँच चुकी थी और वो बगैर किसी की मदद के अब अपने आप ऊपर नीचे हो रही थी और शीघ्र ही वो हाय हाय करती हुए झड़ गई।

कम्मो ने उसको उसकी मर्ज़ी के खिलाफ मेरे ऊपर से उठा लिया और नेहा को ऊपर आने के लिए कहा। अब नेहा मुझको चोद रही थी और मैं उसके बहुत ही सेक्सी मुम्मों से खेल रहा था। पारो भी अब नेहा के मम्मों को चूसने लगी और पूनम मौका देखते ही मेरे अंडकोष को सहला रही थी और उनकी टाइटनेस से बड़ी प्रभावित हो रही थी, वो मुझको लिप्स पर चूम रही थी और मैं उसके भी मोटे मुम्मों से बड़ा आनन्दित हो रहा था।

मुम्मों की गोलाई और मोटाई के मामले में इस वक्त नेहा एक नंबर पर थी और पूनम नंबर 2 पर थी। कम्मो और पारो के मुम्मे बहुत सॉलिड और बड़े थे लेकिन अब वो कन्या नहीं थी तो इस गिनती में नहीं आती थी। जस्सी के मुम्मे हालाँकि छोटे ज़रूर थे लेकिन सॉलिड और सीधे अकड़े हुए थे और बन्दूक की नल्ली की तरह उसके चुचूक एकदम खड़े थे। इन सब में से गांड के हिसाब से जस्सी एक नंबर पर थी और पूनम दो नंबर पर थी।

कम्मो बड़े ध्यान से मुझको देख रही थी कि मैं कहीं थक तो नहीं रहा और नेहा ने जब ऊपर से ज़ोर ज़ोर से और जल्दी धक्के मारने शुरू किये तो मैं समझ गया कि उसकी भी टाइट चूत में से भी अमृत जल निकलने वाला है। पांच मिन्ट के बाद वो झड़ गई और मेरे ऊपर पूरी तरह से पसर गई।

जब वो कुछ संयत हुई तो वो मुझको बेतहाशा चूमने लगी और मेरे सारे मुख को चूम चूम कर गीला कर दिया और कम्मो ने झट मेरा मुंह साफ़ कर दिया और नेहा की जगह पूनम को बुला लिया और कहा- चढ़ जा पूनम सूली पर! लेकिन पूनम ने कहा- अभी नहीं, हम तो रात को भी अपना काम कर सकते हैं। कम्मो बोली- छोटे मालिक, आपका चोदन हो चुका है, आप उठ जाओ अगर चाहो तो! मैं नकली गुस्से में बोला- कैसे उठ जाऊँ गुंडियों की रानी, जब तक तुम्हारी ना ले लूँ तो कैसे उठ जाऊँ बोलो तो? और फिर इस पुलिस वाली का क्या करें? वो साली भी तुम सबसे मिल गई थी, जब तक तुम दोनों को सज़ा नहीं दे लेता मैं कहीं भी जाने वाला नहीं। यह सुन कर कम्मो और पारो हंसने लगी।

कम्मो बोली- छोटे मालिक, हम दोनों गुंडियों को सजा रात को दे देना लेकिन इन नई गुंडियों को तो जाने दो, बेचारियों को घर जाने में बहुत देर हो रही है और टाइम भी काफी हो गया है। मैं बोला- अच्छा पहले यह दोनों कसम खाएँ कि ये दिल्ली आगरा ट्रिप में मेरा जबर चोदन नहीं होने देंगी और ना ही किसी और को मेरा चोदन करने देंगी।

दोनों जस्सी और नेहा ने कसम खाई और कहा- हम दोनों कसम खाती हैं कि हमारे होते हुए सिवाए हमारे कोई और सोमू को चोद नहीं सकता। हम जब चाहें सोमू का जबर चोदन कर सकती हैं। पूनम झट से बोल पड़ी- ऐसे कैसे कसम खा रही हो तुम दोनों? मैं तो सोमू की कजिन हूँ और उसकी बचपन की साथी हूँ और उस पर सब से ज़्यादा हक तो मेरा है। मेरी आज्ञा के बिना कोई भी सोमू को चोद नहीं सकता।

कहानी जारी रहेगी। [email protected]

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