चिलिका का अधूरा सफ़र

प्रेषक : सुज़ान कौर अन्तर्वासना के पाठकों को मेरा कोट…

मेरा गुप्त जीवन-40

परी को देखा वो अपना पेटीकोट पहन कर बैठी थी, उसके …

मेरा गुप्त जीवन -42

प्रिय पाठको, मुझको जो ईमेल मिल रहीं हैं उनमें से क…

माल तैयार है, आ जाओ

प्रेषक : अभिषेक चौधरी हाय दोस्तो ! मेरा नाम राहुल ह…

मेरा गुप्त जीवन-41

मैं फिर अपने पलंग पर लेट गया और सोचने लगा कि एक औ…

मेरा गुप्त जीवन- 82

आज मैंने बड़े दिनों बाद अपनी क्लास में बैठे लड़के और…

मेरा गुप्त जीवन-33

चाची और उषा के जाने के बाद हम तीनों फिर एक साथ हो…

तेरी याद साथ है-25

मैंने जल्दी से रिंकी को खुद से अलग किया और फिर उसे…

मेरा गुप्त जीवन -45

कम्मो काफ़ी देर चोदती रही मुझको… और जब उस का मन भर …

मेरा गुप्त जीवन- 90

इस तरह आगरा की वो रात समाप्त हुई और अगले दिन का प्र…