स्पोकन इंग्लिश-2

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उस दिन का खेल हमने वहीं ख़त्म किया, कपड़े ठीक किये और वहाँ से निकल गए।

मैंने एक दिन मान्या से कहा- मान्या, अब रहा नहीं जाता।

तो मान्या ने मुझे कहा- रहा तो मुझसे भी नहीं जाता ! पर तुषार, तुम मुझे धोखा तो नहीं दोगे न? मुझे भोग कर कहीं तुम मुझे छोड़ तो नहीं दोगे?

मैंने मान्या को पूरा यकीन दिलाया और तब वो मेरा साथ हद पर करने को तैयार हो गई।

मेरा एक दोस्त जो सूरत में अकेला रहता है, मैंने उससे एक दिन के लिए उसका कमरा ले लिया। उसको हमारे अफ़ेयर के बारे में मालूम था। तय किए गये दिन उसने कॉलेज से छुट्टी मार ली और हम दस बजे वहाँ पहुँच गये।

वो भी दिमाग से और मन से तैयार थी कि आज उसे चुदना है। वहाँ पहुँचते ही मेरे दोस्त ने हम दोनों को कॉफ़ी पिलाई और वहाँ से निकल गया।

हमने फ्लैट का दरवाजा बन्द कर लिया। मेरे सांसें तेज हो रही थी।

पहले तो हम एक दूसरे को बाहों में लेकर बातें करने लगे, मेरा हाथ उसकी जांघ को सहला रहा था।

उस दिन उसने लेगिंगस और लॉन्ग टी-शर्ट पहनी थी। मैं अपना हाथ थोड़ा ऊपर की ओर ले गया और उसकी चूत न नजदीक फ़िराने लगा।

वो धीरे धीरे गर्म हो रही थी और मेरा लंड भी खड़ा हो रहा था। अब मैंने धीरे से अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए। पाँच सात मिनट ऐसा ही चला और इस दौरान मैं उसके वक्ष के उभार दबा रहा था पर मुझे इसमें कुछ खास मज़ा नहीं आ रहा था। क्योंकि ये सब तो हम बहुत बार कर चुके थे।

अब मैं देर न करते हुए उसका हाथ पकड़ कर बेडरूम में ले गया और जाते ही उसकी टी-शर्ट निकाल दी। मैं पहली बार उसे इस हालत में देख रहा था। मेरे सोचने से ज्यादा बड़े थे उसके चूचे !

फ़िर मैंने मान्या की ब्रा भी उतार दी। मैं उसके गोरे गोरे मम्मे देख कर और उत्तेजित हो गया और टूट पड़ा उसके मम्मों पर और लगा चूसने।

करीब पांच मिनट तक मैंने उसके मम्मे चूसे और तब मेरे एक हाथ उसकी चूत को सहला रहा था। इस बार वो इतना झड़ गई थी कि उसकी चूत का पानी मुझे उस की लेगिंगस पर महसूस हो रहा था।

मैंने भी अपनी जींस और टी-शर्ट निकल दिया और फिर उसकी लेगिंगस भी उतार फेंकी।

अब मान्या सिर्फ पेंटी में थी मेरे सामने ! मैं उसके मम्मे फ़िर से चूसने लगा।

और तब धीरे धीरे नीचे सरकते हुआ उसकी पेंटी के पास आ गया। वो इतनी गरम हो चुकी थी कि कुछ समझ नहीं पा रही थी।

मैंने धीरे से उसकी पेंटी भी अपकी चिकनी जांघों से सरका दी, उसने अपने दोनों पैर आपस में सिकोड़ लिए। मैं पैर खोलने पर जोर न देते हुए फ़िर मम्मे चूसने लगा और एक हाथ उसकी चूत पर ले गया।

पर इस बार मान्या ने झांट के बाल काटे तो थे पर पूरी शेविंग नहीं की थी। मेरे हाथ वहाँ जाते ही उसने धीरे से दोनों टांगें ख़ोलना शुरू कर दी और दो मिनट का अंदर तो पूरी टांगें खोल दी। अब मैं फ़िर नीचे की ओर गया और चूत के दर्शन किए।

चूत की फांकों को थोड़ा चौड़ा करके अपनी जीभ घुसा दी और चूसने लगा। मान्या कुछ जोर से आवाज़ निकलने लगी। उसके मुँह से बड़ी सेक्सी आवाज़ निकल रही थी।

अभी तो मुश्किल से दो मिनट भी नहीं हुई थी की वो फिर से झड़ गई और मेरा भी छूट गया।

मैं उसके ऊपर आ गया और होंठों पर होंठ रख कर कुछ देर ऐसे ही पड़ा रहा। वो उठ कर बाथरूम की ओर चली गई और वापिस आकर मेरे बाजू में लेट गई।

मैं भी बाथरूम गया, वहाँ मैंने देखा कि रेज़र पड़ा हुआ था। मैंने सोचा कि क्यों ना झाँट के बाल ठीक से साफ करके चुदाई की जाये। मैंने तुरंत मान्या को बाथरूम में बुला लिया। वो पेंटी और ब्रा पहनकर आई और पूछा- क्या है?

मैंने कहा- तुमने अपने नीचे वाले बाल ठीक से शेव नहीं किए हैं, अंदर आ जाओ, मैं ठीक से कर देता हूँ।

वो शरमा गई और ना ना कहने लगी पर मैंने उस पकड़ लिया और जबरदस्ती उसे बाथरूम में खींच कर उसकी पेंटी उतार दी।

उसने मारे शर्म के अपने दोनों हाथों से अपना चेहरा छुपा लिया और मैंने उसे नीचे लेटा दिया और उसके पैर चौड़े कर लिए, उस पर थोड़ा पानी डाला और रेज़र लेकर झाँट के बाल शेव करने लगा। मैंने उसके पैर उठा कर पूरे नीचे तक बाल साफ़ कर डाले और फिर पानी से चूत धो डाली।

मेरा लौड़ा एकदम से खड़ा हो चुका था और यह सब करने के बाद उसकी चूत इतनी अच्छी लग रही थी कि मन किया कि अभी लौड़ा डाल कर चोद दूँ पर मैं अपने आप पर काबू पाते हुए उसको वापिस बेडरूम में ले गया और हम 69 की पोजीशन में आ गये। वो मेरा लौड़ा चूस रही थी और मैं उसकी चूत।

मेरा तो निकल गया कुछ देर में और वो भी झड़ चुकी थी पर फिर भी मैंने उसकी चूत चूसना चालू रखा। तब उसकी हालत इतनी ख़राब थी कि वो जोर जोर से सीत्कारें भर रही थी और अपनी टांगें उछाल रही थी।

और फिर वो झड़ गई।

हम इसी हालत में कुछ देर पड़े रहे और मुझे नींद आ गई। थोड़ी देर के बाद जब मैं नींद से उठा तो देखा कि मान्या मेरा लंड चूस रही थी और मेरा लंड खड़ा हो चुका था।

मैंने भी उसकी चूत चूसना चालू कर दिया। पर वो पहले से ही झड़ चुकी थी। मैंने अपनी एक उंगली उसकी चूत में डाली। उसकी चूत इतनी कसी हुई थी कि उंगली डालना भी मुश्किल हो रही थी।

मैं जैसे तैसे अपनी उंगली से चूत चोदने लगा। अब मैंने देर ना करते हुए उठ कर मान्या को आधा बेड से बाहर खींच लिया, उसकी दोनों टांगें बेड से बाहर आ गई और तब मैंने अपने लंड को चूत के छेद पर रखा।

फिर मन में कुछ ख्याल आया तो थोड़ा सा झुक कर उसकी चूत को थोड़ा चड़ा करके चाट लिया और अपने थूक से बराबर गीला कर दिया।

और फ़िर लगा दिया लौड़े को चूत के छेद पर !

मुझे मालूम था कि कुंवारी चूत है तो चिल्लायेगी, इस लिए अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए और मारा एक धक्का।

लंड फिसल गया।

मैंने मान्या से कहा- उसको पकड़ कर ठीक से निशाने पर रखो ना जान।

उसने लौड़ा पकड़ कर चूत के छेद पर टिका दिया, मैंने वापिस उसके होंठों पर अपने होंठ रखते हुए एक जोरदार झटका मारा।

लंड का टॉप अन्दर घुस गया और मान्या ने चिल्लाना चाहा पर मेरे होंठ उसके होंठों पर थे तो उसने मुझे होंठों पर काट लिया और मेरे होंठों पर थोड़ा खून निकल गया।

मुझे बहुत गुस्सा आ गया और मैंने मान्या की बाजू जोर से पकड़ कर वापिस एक झटका मारा। उसने जोर से चीख निकाली पर उसकी

चीख की परवाह किए बिना और एक झटका मारा और मेरा लंड उसकी सील तोड़ता हुआ आधा अंदर घुस गया।

मान्या की आँखों से आँसू निकलने लगे और वो बेहोश सी होने लगी। उसकी चूत में से खून निकल रहा था।

मैंने सोचा कि अगर लौड़ा बाहर निकाला तो खेल बिगड़ जाएगा। मैं धक्के लगाता रहा और पूरा लंड चूत में पेल दिया।

अब मैं उसके ऊपर लेट गया और दिलासा देने लगा।

अब मुझे मेरी गलती का अहेसास हो गया तो मैं उसे प्यार से पुचकारने लगा और किस करने लगा।

मान्या का दर्द थोड़ा कम हुआ तो मैंने धीरे धीरे लण्ड अंदर बाहर करना चालू किया। पर अब भी उसको थोड़ा थोड़ा दर्द हो रहा था तो मैंने झटके धीरे धीरे लगा रहा था।

कुछ देर बाद मैंने अपने स्पीड बढ़ाई और उसने भी कोई विरोध नहीं किया। तब मैंने अपनी स्पीड फुल कर दी। बेडरूम में थप-थप की आवाज़ आने लगी और उसे भी मज़ा आने लगा। पर इस मजे के बीच में थोड़ा सा दर्द अभी भी उसके चेहरे पर था।

और आखिर में तो वो अपने कूल्हे उठा उठा कर मेरा साथ देने लगी। मैं पहले झड़ चुका था इसलिए मेरा निकलने में थोड़ा वक़्त लग रहा था पर पांच मिनट के बाद हम दोनों एक साथ ही झड़ गये।

चादर पर खून और हम दोनों के वीर्य के धब्बे पड़े थे। उस दिन हमने और दो बार चुदाई की।

दोस्तो, आपको मेरे यह कहानी कैसी लगी, मुझे जरूर मेल करें।

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प्रकाशित : 23 मई 2013

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