इंग्लिश की क्लास में चुदाई की पढ़ाई-3

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अब तक की इस सेक्स स्टोरी के पिछले भाग इंग्लिश की क्लास में चुदाई की पढ़ाई-2

में आपने पढ़ा कि मेरे पड़ोस के जवान लड़के लड़की मुझसे इंग्लिश पढ़ने आते थे. शरीर के अंगों के अंग्रेजी नामों को लेकर सब आपस में खुल गए. मैं दो नंगी लड़कियों को भगनासा और जी स्पॉट के बारे में बता रहा हूँ.

अब आगे.. अब मेरी दो उंगलियां उनकी प्यारी सी चूत में जी स्पॉट ढूंढ रही थीं. पिंकी ने “उफ्फ्फ..” की आवाज की, शायद मैंने उसका स्पॉट छू लिया था. अचानक रोशनी ने अपनी गांड को एक झटका देकर ऊपर उठा लिया, उसका भी स्पॉट मैंने छू लिया था.

अब मेरी उंगलियां हरकत में आकर चूत के स्पॉट को दबाने लगीं; उनकी “म्म्म्म्म..” की आवाजें गूँज उठीं.

थोड़ी देर में पिंकी की चूत से “चप.. चप..” की आवाज आने लगी और रोशनी की चूत “पच पच..” की आवाज निकाल रही थी. शायद अब दोनों का अन्दर वाला ज्वालामुखी ब्लास्ट हो गया था. दोनों पागलों जैसे अपने हाथों से एक दूसरी को खींच रही थीं. पिंकी की चूत से अब पानी निकलने लगा, विक्की उसे गिलास में भरने लगा. पिंकी ने रोशनी की टी-शर्ट के अन्दर हाथ डाल कर उसके आम दबा दिए. रोशनी भी पिंकी को ऊपर से टच करने लगी. पिंकी ने अपनी टी-शर्ट उतार फेंकी. उसे देख कर रोशनी ने भी अपनी टी-शर्ट को उतारी, ब्रा खोली और अपने आम आजाद कर दिए.

पिंकी अब रेंगती हुई रोशनी के पास जाने लगी और उसके आम के ऊपर के अंगूर को चूस लिया. रोशनी से रहा नहीं गया, उसने जोर से ‘मम्मी…’ चिल्ला कर अपनी चूत से बहुत गाढ़ा सा जूस निकाला. गोलू उसे गिलास में भरने लगा. रोशनी ने भी पिंकी के गोल रसभरी जैसे निप्पल को चूसा और पिंकी का रस तेजी से निकलने लगा. लगभग पूरा गिलास भरने वाला था. रोशनी का जूस बहुत गाढ़ा होने के कारण धीरे धीरे और कम निकल रहा था.

तभी रोशनी उछल के उठ गई और बोली- बस अब मुझसे सहन नहीं होता. उसका चेहरा पूरा लाल हो चुका था. मैंने अपनी उंगलियां उन दोनों की चूत से निकालीं और दोनों के जूस को मिक्स करके एक बोतल में डाल दिया. विक्की ने पूछा- इसका क्या करोगे? मैंने विक्की को आंख मार के कहा- ये आगे हमारे काम आएगा.

रोशनी और पिंकी शर्मा के बाथरूम में चली गईं और खुद को साफ़ करके आ गईं. अब काफी समय हो गया था, इसलिए सब लोग अपने अपने घर चले गए.

अगले दिन मॉर्निंग क्लास में विक्की ने कहा- सर, आज अंग्रेजी पढ़ने की इच्छा नहीं है. मैंने कहा- ठीक है, आज मैं आपको बॉडी लैंग्वेज के बारे में बताऊंगा, वो अंग्रेजी बोलने के समय बहुत जरूरी होती है, उससे कॉन्फिडेन्स नजर आता है. जैसे पिंकी के निम्बू बड़े आम बन जाएंगे तो अपने आप उसकी पर्सनालिटी में एक इंग्लिश वाला फीलिंग आएगा. पिंकी ने झट से पूछा- सर उसके लिए मुझे क्या करना है? “पिंकी में सभी को उनकी कमियां और उसे दूर करने के उपाय दूंगा, जरा सा सब्र रखो. गोलू का लंड तनाव में आएगा, तो उसकी शकल पे एक तेज नजर आएगा, ये भी एक कॉन्फिडेंस है. विक्की तुम जब थोड़े बिल्डअप करोगे तब तुम प्रोफेशनल महसूस करोगे. हाँ वैसे रोशनी तुम आजकल कॉन्फिडेंट लगती हो, बस तुम्हारे पुठ्ठे हल्के से दबे हुए हैं. जिस दिन वे फूलने लगेंगे, तुम एक प्रॉपर इंग्लिश टीचर लगोगी.

पिंकी ने ये सुनकर अपनी चेयर थोड़ी खिसकाई. मैंने देखा उसने अपने दोनों पैर चौड़े कर रखे थे और स्कर्ट के अन्दर पेंटी नहीं पहनी थी.

“पिंकी तुमने पेंटी क्यों नहीं पहनी है?” “सर आपने कल बाल काटे थे न, इसलिए पेंटी पहनने से चूत के ऊपर खुजली हो रही है. सर आप मेरी ये खुजली मिटा सकते हैं क्या?

मैंने जाकर रूम का गेट बंद किया.

‘पिंकी तुम पहले अपनी टी-शर्ट उतारो और विक्की तुम पिंकी के टमाटर को दबा दबा कर उसकी रसभरी को चूसो, इससे तेरी एक्सरसाइज भी हो जाएगी और पिंकी के टमाटर भी फूलने लगेंगे. गोलू तुम अपनी चड्डी उतार दो और अपनी भिन्डी को पिंकी के मुँह में डाल दो और लंड को खड़ा करने की प्रैक्टिस करो.’ पिंकी ने कहा- पर सर ये सु सु कर देगा. मैंने कहा- इस बार ये ऐसा नहीं करेगा; तुम पलंग पर जाकर जैसा कहा, वैसे लेट जाओ.

थोड़ी देर ये प्रोग्राम चलता रहा, पर गोलू को फिर से सु सु लगी. वो बाथरूम में जाकर वापस आया. विक्की भी पिंकी के रसभरी चूस कर नशे में आ गया और बाथरूम में चला गया. फिर शायद अपनी ककड़ी को हिला कर वापस आ गया.

पिंकी बोली- सर मैं ये सु सु वाले ककड़ी और भिन्डी नहीं चूसूंगी, मुझे आपका लंड चाहिए. रोशनी ने उसी समय बीच में बोला कि नहीं अभी सर मेरे पुट्ठों को फुलाने का तरीका बताएंगे.

मेरा मन सच में पिंकी के पिंक होंठों को चीरने को मचल रहा था और वो भी मेरी प्यासी लग रही थी. पर रोशनी मुझसे प्यार करती थी, इसलिए वह नहीं चाहती थी कि मैं अपना लौड़ा किसी पराई लड़की की चूत में पेल दूँ.

मुझे एक आईडिया आया. मैंने कहा- पिंकी तुम अपने सारे कपड़े उतार दो और रोशनी तुम अपनी जीन्स और पेंटी उतार के मेरे पास आओ. रोशनी अपनी पतली पतली नंगी टांगों से चलकर मेरे पास आई और बोली- अब मुझे क्या करना है?

मैंने पिंकी को पलंग पे सीधा लेटा लिया और रोशनी के दबे हुए पुट्ठों को हाथ से फैला कर पिंकी के सॉफ्ट टमाटर जैसे मम्मों पे बिठा दिया.

“रोशनी अब तुम धीरे धीरे अपनी कमर को गोल गोल घुमाओ, जैसे बेल्ली डांस करते हैं.

जैसे ही रोशनी ने कमर घुमाना शुरू किया, पिंकी की छोटी सी रसभरी कड़क होकर खड़ी हो गई और रोशनी की गांड के छेद को छूने लगी.

“दीदी आपकी गांड बहुत गरम है, बहुत मजा आ रहा है.”

रोशनी भी अब जोश में आ गई और वो अपने एक हाथ से पिंकी के दूसरे टमाटर को मसलने लगी. विक्की अभी पिंकी की चूत के मटर वाली लुल्ली को घूर रहा था.

मैंने कहा- विक्की तू घूरना बंद कर और उसे चूस ही ले.. गोलू तेरी नुन्नी खड़ी नहीं होती तो क्या हुआ, तू पिंकी की चूत में अपनी कड़क उंगली घुसा दे.

इससे पिंकी पागल सी हो गई. मैंने अपनी पेंट और अंडरवियर उतारना शुरू किया. इतने में पिंकी रोशनी की टी-शर्ट ऊपर कर उसके आम को दबाने लगी. मैं अपने तने लंड के साथ पलंग पे चढ़ा और रोशनी की पूरी टी-शर्ट और ब्रा को निकाल कर जमीन पर फेंक दिया.

पिंकी भी रोशनी के आम और काले अंगूर को देखने लगी, तभी मैंने पलंग पे खड़े होकर अपना लंड रोशनी के आम जैसे चुचों पर रगड़ने लगा. पिंकी ने अपनी एक उंगली रोशनी की वी शेप वाली झांटों पर फेरना शुरू किया, रोशनी आंख बंद करके मुँह से “आह..” कहा और मैंने झट से अपना लंड उसके खुले होंठों पे रख दिया. उसकी गरम साँसें मेरे लंड को खींच रही थीं.

अचानक रोशनी ने आँखें खोलीं और मुझे धक्का देके दूर कर दिया- छी… ये क्या कर रहे हो राहुल?” मैंने कहा- प्यार.. “नहीं मुझे ऐसा प्यार पसंद नहीं है.” पिंकी ने मौका देख कर कहा- सर आप भी न, पहले आप प्यार से दीदी के अंगूर को चूमिए, उनके आमों को सहलाइए.

रोशनी ने इस बार ख़ुशी से पिंकी को देखा और प्यार भरी आँखों से पिंकी की बात को सहमति दे दी. हम दोनों को पिंकी की चालाकी का पता नहीं चला.

“सर आप पलंग पे खड़े क्यों हैं, लंड कभी और दिन चुसवाना दीदी से, अभी आप नीचे बैठ जाओ.”

मैं अब मज़बूरी में अपने घुटनों के बल बैठ गया और रोशनी के खट्टे मीठे अंगूर चूसने लगा. मैंने गुस्से में उसके एक आम को ताकत से दबा दिया. “आह.. राहुल प्यार से दबाओ ना.. मुझे दर्द होता है.” इतने में मुझे महसूस हुआ कि पिंकी मेरे लौड़े पर हाथ फेर रही है. मेरी आम की पकड़ थोड़ी ढीली पड़ गई. रोशनी बहुत खुश हुई. उसे लगा मैंने उसकी बात मान ली.

खैर अब पिंकी मेरे लंड को अपनी तरफ खींच रही थी, मैं उसका इशारा समझ गया. मैं धीरे धीरे घुटनों के बल खिसकता हुआ उसके ठीक सर के ऊपर तक पहुँच गया. अभी भी मेरा लौड़ा उसके मुँह की पहुँच से दूर था. यदि मैं थोड़ा और आगे आता तो रोशनी को शक हो सकता था. वैसे वह अपना सर ऊपर किए आँखें बंद रखे “आह आह..” की आवाज निकाल रही थी. मुझे एक तरकीब आई.

“रोशनी तुम अब पिंकी के बाएं चुचे पर बैठो, नहीं तो पिंकी की सिर्फ एक तरफ की ही चूची बड़ी हो जाएगी.”

रोशनी ने धीरे से अपने पुट्ठों को उठाकर पिंकी की दूसरी रसभरी पर रखा. मैंने देखा कि पिंकी की पहली वाली रसभरी पर रोशनी की गांड का पसीना लगा हुआ था और उसका शेप एक स्ट्रॉबेरी के जैसा थोड़ा सा बड़ा और नुकीला हो गया था.

अब मैं भी मौका देख कर थोड़ा ओर आगे खिसका और रोशनी के पुट्ठों को हाथ से फैला दिया ताकि पिंकी की दूसरी रसभरी वाली निप्पल भी एसहोल की गर्मी में पक कर स्ट्रॉबेरी बन जाए. रोशनी ने फिर से अपनी कमर घुमाना शुरू कर दिया.

अब मैं ठीक पिंकी के सर के ऊपर था, शायद उसे मेरी गांड भी नजर आ रही थी. मैंने थोड़ा नीचे झुक कर फिर से रोशनी के अंगूर चूसना शुरू किया. मेरे झुकने से पिंकी का मुँह मेरे आंड पर आ गया और नाक मेरी गांड में धंस गई. उसने अपनी जीभ निकाल कर मेरे लंड को चाटने की कोशिश की, पर हर बार आंड पर ही रगड़ जाती. मैंने अपना एक हाथ रोशनी के चूचे से हटा कर अपने खड़े लंड को पकड़ कर पिंकी के मुँह में घुसा दिया.

ओह्ह क्या मजा आ रहा था.. मेरी साँसें बहुत गरम होने लगी. तभी रोशनी ने अपनी आँखें खोल के अपना चेहरा नीचे किया, पर मैंने झट से उसके होंठों को अपने होंठों में ले लिया.

रोशनी को कुछ समझ नहीं आया. मैंने मेरी सारी गरम साँसें रोशनी की मुँह में डाल दीं. रोशनी के प्यार से आंसू आने लगे, उसे लगा कि मैं उसे कितना प्यार करता हूँ. जब कि सच तो यह था कि मेरी ये गरम साँसें पिंकी अपने मुँह में मेरे लंड में भर रही थी.

पिंकी भी अपने दोनों हाथों से रोशनी के मम्मे को इस तरीके से दबाने लगी ताकि उसे ये नहीं पता चले कि उसके चेहरे के सामने और नीचे क्या चल रहा है.

वैसे रोशनी के पीठ पीछे भी विक्की और गोलू पिंकी की चूत का पूरा आनन्द उठा रहे थे. वाकयी क्या मस्त नजारा था वो, पिंकी सीधी लेटी हुई थी, विक्की की जीभ उसकी मटर जैसी लुल्ली को सहला रही थी. गोलू अपनी उंगली उसकी चूत के अन्दर बाहर करके खेल रहा था. रोशनी अपनी गांड से उसकी रसभरी को दबा के गोल गोल घुमा रही थी. मैं रोशनी के होंठों पर किस कर रहा था और एक हाथ से अपने लंड को पकड़ कर पिंकी के मुँह में घुमा रहा था. पिंकी अपने दोनों हाथों से रोशनी के आम मसल रही थी.

इतने में गोलू पीछे से चिल्लाया- सर, पिंकी की चुत से जूस आ रहा है. मैं फ़ौरन उठा और कहा- विक्की तुम पिंकी का जूस पलंग पर मत गिरने देना, जितना हो सके अपने मुँह में भर लो, मैं बाथरूम से कल वाली बोतल लेकर आता हूँ.

विक्की ने अपना पूरा मुँह पिंकी की चूत पे रख दिया. पिंकी की चूत से नॉन स्टॉप जूस निकलने लगा, विक्की का मुँह पूरा जूस से भर गया. मैंने जल्दी से बोतल को पिंकी की चूत पे रखा, उसकी चूत से टप टप करके जूस गिरता जा रहा था. विक्की बाथरूम में जाके अपने मुँह में भरा जूस थूक आया.

इतने में पिंकी ने अपने रसभरी पे कुछ चिपचिपा महसूस किया.

“ओह्ह सर रोशनी दीदी की चूत से भी रस निकल कर उनकी गांड से होता हुआ मेरे चुचों पर लग रहा है.” “ओह्ह पिंकी मेरे पास सिर्फ यही बोतल है और तुम्हारा जूस रुकने का नाम ही नहीं ले रहा, अब क्या करूँ. विक्की तुम ये बोतल संभालो, मैं कुछ देखता हूँ. पिंकी ने आवाज लगाई- आप चिंता मत कीजिये सर.

उसने दुबली सी रोशनी दीदी को अपने मम्मों से उठा कर उसके मुँह तक खींच लिया और सारा जूस गट गट करके पीने लगी. “पिंकी ये क्या कर रही हो छोड़ो मुझे आअह..” “अरे रोशनी तुम चुप रहो, पिंकी ठीक ही कर रही है.. इससे तुम्हारा जूस बिस्तर पर नहीं गिरेगा.”

मैंने पिंकी के पसीने से भरे स्ट्रॉबेरी को देखा और यही मौका था कि मैं रोशनी के पीठ पीछे पिंकी की स्ट्राबेरियों को चूस लूँ. उसने भी मुझे लंड चूसकर बहुत मजे दिए हैं.

मैंने धीरे से पिंकी के उभार को पूरा मुँह में भर लिया. उसके मम्मों में से गुलाब और चमेली जैसी खुशबू आ रही थी. रोशनी की गांड का पसीना चमेली सा महक रहा था. पिंकी ने रोशनी की नाजुक जाँघों को कसकर पकड़ा और मुँह से एक जोर की सांस ली. इस बार पिंकी ने सारा जूस एक बार में चूसकर पी लिया.

रोशनी को एक जोर का झटका लगा, वो ऊपर उछली, पर पिंकी की पकड़ से नहीं छूटी और आगे की तरफ गिरते हुए दोनों हाथों को पलँग पर रख दिया.

वो एक कुतिया की स्थिति में आ गई. उसकी चूत पिंकी के मुँह से आजाद हो गई. मैं भी पिंकी के टमाटर को छोड़कर उठ गया.

रोशनी ने पीछे मुड़कर मुझे देखा- आप यहाँ क्या कर रहे हो?

मेरी इस सपनीली सेक्स स्टोरी के ऊपर आपके मेल पाना चाहूँगा. प्लीज मेल जरूर कीजिएगा. कहानी जारी है. [email protected]

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