दीदी की चुदवाने की शर्त

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000

मेरा नाम समीर है, यह कहानी मेरी और मेरी दीदी की है, कहानी एकदम सच्ची है। बात तब की है जब मैं दिल्ली अपनी मौसी की लड़की यानि मेरी दीदी के घर गया था। उनका नाम चारू था। धीरे-धीरे मेरी और दीदी की अच्छी पटने लगी और हम खुल कर हर बारे में बातें करने लगे। हम सेक्स के बारे में भी बात कर लेते थे। एक दिन जब मैं जब घूम के घर लौटा तो मैंने दरवाज़ा खुला पाया और जैसे मैंने अन्दर जाकर देखा तो दीदी कपड़े धो रही थीं और उनकी साड़ी काफ़ी ऊपर तक उठी हुई थी और उनके सारे कपड़े भीग गए थे, जिससे उनकी अन्दर की ब्रा साफ़ दिखाई दे रही थी। उसी वक्त मेरा लंड खड़ा हो गया। क्या फिगर था उनका…! बड़े-बड़े मम्मे, भारी कूल्हे, पतली कमर….हय क्या मस्त जवानी थी ! मैंने अपने रूम में जाकर अपना लंड ठीक किया और और उन्हें पेलने के बारे में सोचने लगा। फिर मैं बाहर आ गया। दीदी रसोई में थी । मैं वहीं जाकर खड़ा हो गया और बात करने लगा। मैंने दीदी से उनके और जीजा जी के सेक्स के बारे में पूछा। पहले तो दीदी कुछ नहीं बोलीं, फिर मुस्कुरा कर कहा- क्या जानना चाहता है? मैंने हिम्मत करके पूछा- जीजा जी तो बहुत परेशान करते होंगे आपको? तो वो बोलीं- वो क्या परेशान करेंगे अब…! मुझे परेशान करना इतना आसान नहीं है। मैंने कहा- मैं परेशान करूँ आपको? वो हँसी और बोलीं- तू क्या कर पाएगा, तू तो अभी बच्चा है। आज तक ऐसा मर्द ही नहीं हुआ जो मेरी चीखें निकलवा सके। मैं समझ गया कि वो मुझे खुद को चोदने का निमंत्रण दे रही हैं। मैंने तुरंत अपना गेम खेला और कहा- आपने कभी मौका ही नहीं दिया कि मैं आपकी चीखें निकलवा सकूँ.. और मैं बच्चा हूँ या मर्द, ये तो बाद में पता चलेगा। वो हँसने लगीं, तो मैंने उनका हाथ पकड़ कर कहा- चलो दीदी शर्त लगाते हैं… देखते हैं कौन जीतता है..! दीदी हँसने लगीं, तो मैंने तुरंत ही उनके होंठों पर अपने होंठ रख दिए। हम दोनों की साँसें तेज होने लगीं। उन्होंने कुछ नहीं कहा, तो मैं समझ गया कि आज काम बन गया। मैंने तुरंत उन्हें अपनी बांहों में उठा लिया और बिस्तर पर जाकर पटक दिया। मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिए और नंगा हो गया।

यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं ! जैसे ही मैंने अपना शॉर्ट् उतारा तो वो मेरे लण्ड को देख कर दंग रह गईं और कहा- तुम्हारा लण्ड तो वाकयी बहुत बड़ा है। ये कितना लंबा है? तो मैंने कहा- ये 9 इंच का है। तो उन्होंने कहा- तुम्हारे जीजा जी का तो सिर्फ़ 5 इंच का है, उन्होंने ख़ुद कहा था। ये सुन कर मुझसे रहा नहीं गया तो मैंने दीदी के भी सारे कपड़े उतार फेंके और उन्हें पूरा नंगा कर दिया। अब मैं और दीदी बिल्कुल नंगे थे। मैं उनकी बुर चाटने लगा, दस मिनट चाटने के बाद वो झड़ गईं और मैंने उनका सारा रस पी लिया। फिर मैंने उनको उठाया और मेरा लण्ड उनके मुँह में दे दिया और उनको चूसने को कहा। उन्होंने खूब चूसा और अच्छा चूसा। दस मिनट के बाद मैं भी झड़ गया और मैंने अपना सारा वीर्य उनके मुँह में झाड़ दिया और उन्होंने मेरा सारा वीर्य पी लिया और फिर हम एक-दूसरे से लिपट गए। फिर 5 मिनट के बाद मेरा लण्ड फिर खड़ा हो गया और मैंने उन से कहा- आज दिखाता हूँ दीदी आपको कि असली मर्द कैसे होते हैं और कैसे चीख निकलवाते हैं। फिर मैंने उनको लिटा दिया और उनकी फ़ुद्दी के द्वार पर लण्ड रखा और एक धक्का मारा। मेरा दो इंच लण्ड ही उनकी बुर में गया कि वो चीख उठीं और वो दर्द के कारण चिल्ला रही थीं। पूरे कमरे में उनकी चीखें गूंज रही थीं। मैंने अपना काम जारी रखा और फिर एक और धक्का मारा और अब मेरा आधे से ज्यादा लण्ड उन की चूत में घुस गया। वो बहुत तेज़ चीख उठीं और लंड निकालने को कहने लगीं। वो कहने लगीं- मैं हार गई समीर… पर अब अपना लंड निकाल लो, यह मेरी बुर को फाड़ देगा। पर मैं कहाँ मानने वाला था, मैंने एक जोरदार धक्का मारा और पूरा का पूरा लंड उनकी बुर को फाड़ता हुआ अन्दर घुस गया और मैंने देखा कि उन की फुद्दी में से खून निकल रहा है। मैं चौंक गया तो मैंने पूछा- दीदी आपकी फुद्दी में से खून निकल रहा है..! तो उन्होंने कहा- तु्म्हारा लण्ड इतना बड़ा है न..! और फिर मैंने धक्के लगाना चालू किए और कुछ धक्के खाने के बाद उनको भी मजा आने लगा और वो भी अपने चूतड़ उठा-उठा कर अपनी चूत मरवाने लगी थीं और लगातार सिसकार रही थीं, “ऊऊऊ…ऊऊऊऊ श्श्श्श्श्श्श्श्ह्स म्म्म्म्म्म्म् म्म्म और डालो और डालो और डालो समीर, मेरी फुद्दी को फाड़ दो मेरी फुद्दी को फाड़ दो।” दीदी की चूत लगातार पानी छोड़ रही थी और मेरा लौड़ा बड़े आराम से अन्दर-बाहर आ जा रहा था। दीदी भी अपने चूतड़ उठा-उठा कर सहयोग कर रही थी। वो मदहोश हुई जा रही थीं। उनके आनन्द का कोई पारावार ना था। ऐसा मज़ा शायद उन्हें पहले नहीं मिला था। अब मैं चरमोत्कर्ष तक पहुंचने वाला था। मैंने दीदी को कहा- लो दीदी.. ! ले लो मेरा सारा रस ! पिला दे अपनी चूत को ! “हाँ.. ! भर दे मेरी चूत अपने रस से मेरे समीर !” दीदी बोलीं। और मैंने पूरे जोर से आखिरी धक्का दिया तो मेर लन्ड दीदी के गर्भाशय तक पहुंच गया शायद और वो चीख पड़ीं- मार डालेगा क्या? मेरे मुँह से निकला- बस हो गया ! मेरा लन्ड दीदी की चूत में पिचकारियाँ मार रहा था। दीदी भी चरम सीमा प्राप्त कर चुकी थीं। फ़िर कुछ रुक-रुक कर हल्के-हल्के झटके मार कर मैं दीदी के ऊपर ही लेटा रहा। हम दोनों काफ़ी देर तक अर्धमूर्छित से पड़े रहे। फिर हमने पूरी रात बार-बार चुदाई की। मुझे आप अपने विचार यहाँ मेल करें। [email protected]

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000