पड़ोस की मस्त दीदी की चुदाई

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देसी लड़की सेक्स स्टोरी में पढ़ें कि मेरे पड़ोस वाले घर में छत पर एक जवान लड़की अधनंगी होकर मालिश करती और नहाती थी. मैं उसे देखता था. एक दिन …

दोस्तो, मुझे पता है कि आप सभी को अन्तर्वासना पर एक से बढ़ कर एक सेक्स कहानियां पढ़ने को मिलती हैं और आप सभी पढ़ कर मजा करते हैं. आज मुझे भी इस बात की खुशी है कि मैं अपने पहले की सेक्स का एक मदमस्त अनुभव आप सभी के साथ शेयर कर रहा हूं.

मेरी पिछली कहानी थी: छत पर पड़ोसन भाभी की चुदाई देखी

मेरे साथ ये एक अजीब सी बात है कि जब भी मैं पहली बार किसी रियल लाइफ की घटना को लिखता हूं, तो थोड़ा नर्वस हो जाता हूं. इसी के चलते हो सकता है कि कुछ गलतियां हो जाएं, तो प्लीज़ माफ कर दीजिएगा; और कोशिश कीजिएगा कि आप जब देसी लड़की सेक्स स्टोरी को पढ़ेंगे, तो उसकी कल्पना आपको कामवासना के लोक में ले जाएगी. फिर आपके मेल मेरी इस सेक्स कहानी को स्पेशल बना देंगे.

मैं छत्तीसगढ़ से हूं. मेरा नाम आकाश है, मैं अभी एक स्टूडेंट हूं. मेरी उम्र अभी जवानी में कदम रखने वाली ही है.

अभी मैं कॉलेज के स्टूडेंट हूँ और इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा हूं.

जैसे-जैसे मेरी जवानी हिलोरें मारने लगी … इंटरनेट पर सेक्स तलाशा तो पहली बार में ही अन्तर्वासना साईट हाथ लग गई. अब मैं इस साइट का नियमित पाठक बन गया हूँ. मुझे यहां मनचाही सेक्स कहानी पढ़ने को मिलने लगी हैं. ख़ास बात ये कि मुझको इस वक्त जैसा चाहिए था, इधर वैसा ही मुझे मिलने लगा.

यह बात उस समय की है, जब मैं 19 साल था. स्कूल की 11वीं कक्षा तक मेरे साथ ऐसी कोई बात नहीं हुई थी, जिससे मुझे ऐसे ख्याल आए.

फिर एक दिन की बात है, जब मैं अपने घर की छत पर चढ़ा था, तो मैंने देखा कि बगल के मकान की एक लड़की, जो छत पर बने उसके ओपन बाथरूम से नहा कर बाहर आई हुई थी. शायद वो वहां छत पर अपने हाथ पैर और शरीर की तेल से मालिश कर रही थी.

उसे देख कर हालांकि उस वक्त तो मुझे कुछ ऐसा ख्याल नहीं आया, पर जब मैंने देखा वह अपने हाथ से अपने मम्मों में तेल लगाकर उनको दबाते हुए मालिश करने लगी.

तो मैं उसे ध्यान से देखने लगा.

कुछ ही पलों में उस लड़की ने अपने शरीर से कपड़े हटा दिए और अपने पूरे शरीर पर तेल लगा कर मालिश करने लगी.

चूंकि इस समय ठंड का मौसम था, तो मैं छत पर धूप सेंकने के लिए गया था. सामने गर्म सीन देख कर मैं अपनी छत पर एक तरफ होकर दीवार की आड़ में छुप गया और उसे देखने लगा.

वो लड़की आंख बंद करके अपने दोनों मम्मों के निप्पलों को खींच खींच कर मींजने लगी. छत पर बढ़िया धूप थी तो मैंने धूप में बैठे रह कर उसे देखने का फैसला कर लिया.

मुझे नहीं पता था कि ऐसा भी हो सकता है कि कोई लड़की अपने मम्मों को भींचते हुए मालिश करे. ये सब मेरे लिए एकदम नया था. मैं देखने लगा.

वो लगातार तेल से अपने मम्मों को तो बहुत जोर-जोर से भींचते हुए मचल रही थी.

जैसे कि आप सभी को मालूम है कि इस कायनात में नर मादा दोनों को ही सेक्स की जरूरत होती है. उसे भी इस समय कुछ ऐसा लग रहा था और वो अपने जिस्म की आग को शांत करने में लगी थी.

मैं दूर एक आड़ से सब कुछ देख रहा था. उसे देखते ही देखते मेरा लंड खड़ा हो गया और मैं वहीं छत पर ही अपना लंड हिलाने लगा.

उधर वो मादक लौंडिया मुझे एक लाइव ब्लू-फिल्म का मजा दे रही थी और मैं बड़ी तेजी से अपने लौड़े को ठंडा करने का कार्य कर रहा था. कुछ ही देर में मैंने अपना सारा माल गिरा दिया और उधर वो भी मालिश करते करते मस्त होने लगी थी.

अब उसने अपने पैरों पर तेल लगाना शुरू कर दिया था. अब वो पैरों से थोड़ा ऊपर अपनी संगमरमरी जांघों पर हाथ फेरने लगी. फिर वो थोड़ी सी झुकी और अपनी चुत में उंगली डालकर मालिश करने लगी.

उस समय उसकी दोनों टांगें फैली हुई थीं इसलिए मैं उसकी चुत को साफ-साफ देख सकता था. उसकी चुत में ज्यादा झांटें नहीं थीं, बहुत कम बाल उगे हुए थे. मैं बस उसे देखते ही कुछ ही पल शांत हो गया.

उधर वो अपने जिस्म की मालिश करते करते एकदम से गर्मा गई और अपनी चूत में बड़ी तेजी से उंगली चलाते हुए अपने एक दूध को हाथ से पकड़ कर मसलने लगी.

ये सारा मंजर मैं अपनी छत से साफ़ देख रहा था. मुझे एहसास ही नहीं था कि वो ये सब भी कर सकती थी.

अब वो बड़ी तेजी से अपनी उंगली को चुत में अन्दर बाहर करने लगी थी.

तभी उसने एक हरकत करना और शुरू कर दिया. अपनी जिस उंगली को वो चुत में अन्दर बाहर कर रही थी, उसे निकाल कर उसने अपने मुँह में ले ली और उंगली को चूस कर साफ कर दिया.

शायद वो शांत हो चुकी थी और उसकी चुत ने रस छोड़ दिया था जिसे उसने चाट लिया था.

वो झड़ने के बाद एक दो मिनट यूं ही बैठी रही; फिर उसने अपने बालों में तेल लगाया और एक तौलिया लपेट कर वहां से अपने कमरे में चली गई. उसका कमरा छत पर ही बना था.

इधर मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया था. मैंने फिर से लंड हिलाया और दूसरी बार भी झड़ गया.

मैं झड़ने के बाद चुपचाप एक कोने में बैठकर उस मंजर को सोचने लगा.

दोस्तो, जिस बला ने मुझे पागल कर दिया था उसका नाम वर्षा था और वो मुझे 3 – 4 साल बड़ी थी.

मैं नीचे जाने की सोच ही रहा था कि वो कुछ देर बाद फिर से अपने कमरे से बाहर आ गई. इस समय वो ब्रा और पैंटी लेकर आई थी. उसने पहले ब्रा को उल्टा करके अपने हुक को लगाया और फिर उसे घुमा कर ब्रा को अपने दोनों चूचों पर सैट करके ब्रा को पहन लिया.

ब्रा पहनने के बाद उसने अपने मम्मों को दबा कर और ब्रा को उछाल उछाल कर सैट किया. फिर पैंटी हाथ में लेकर अपने पैर फैलाए. जैसे ही उसने पैर फैलाए, उसकी चुत थोड़ी सी फैल गई और हल्की सी पानी पानी सी गुलाबी रंग की दिखी. शायद उसने कभी सेक्स नहीं किया था, क्योंकि उसका चुत की फांकें चिपकी हुई थीं.

नंगी लड़की का सीन देख कर मेरे लंड महाराज एकदम से फनफना उठे. उसकी नंगी चुत देखते ही मैं पागल सा हो गया था. मुझे कुछ समझ में ही नहीं आ रहा था कि ये सब हो क्या रहा है.

वो दिखने में एकदम गोरी ऐसी मानो जैसे सफेद रंग की संगमरमर की मूरत हो. एकदम गदराई और भरी हुई मस्त जवानी. बहुत ही सुंदर और दिखने में एकदम शरीफ सी लड़की थी.

मुझे नहीं लगता था कि उसका कोई ब्वॉयफ्रेंड भी होगा. वो एक सिंपल से कपड़े पहनने वाली लड़की थी. ज्यादातर घर में ही रहती थी, घर से बाहर ही नहीं जाती थी.

उस दिन के बाद से उसे देखने का मानो मेरा नजरिया ही बदल गया था. मुझे कुछ अलग ही फीलिंग आ गई थी. उसे देखते ही मुझे उसकी नंगी चुत का सीन याद आ जाता था.

यह सिलसिला लगातार चलता रहा. मैं छिप छिप कर उसे देखने लगा. कभी वो केवल एक पैंटी में दिख जाती थी, तो कभी कमरे के बाहर बने ओपन बाथरूम में नंगी नहाते दिख जाती थी.

उसे यूं देख कर मेरे अन्दर उसे चोदने के लिए हवस भर चुकी थी. मैं घर पर जब भी रहता, छत से उसे ही देखता रहता कि वो क्या कर रही है … कैसी है. यही सब देख कर मैं बस खुद को शांत कर लेता था.

मगर आप सभी जानते होंगे कि किसी भी लड़की या औरत के साथ संबंध बनाना उसके चाहने पर ही बनाना चाहिए, ऐसा मेरा मानना है. अगर आप जबरदस्ती किसी के साथ ऐसा करते हैं, तो यह न आपका हक है और न ही उसकी सहमति है. एक तरह से यह एक अपराध होता है. मैं किसी भी तरह की जबरदस्ती नहीं करना चाहता था, पर उसके साथ सेक्स करना चाहता था.

मैं नए-नए तरीके सोचने लगा कि कैसे क्या करूं कि बंदी सैट हो जाए.

जब वह कॉलेज से घर आती थी, तो मैं जल्दी से छत पर आ जाया करता था. वो अपनी ड्रेस बदल कर बाथरूम में सिर्फ ब्रा पैंटी में जाती थी तो मैं उसे देखता रहता था.

संडे के दिन वो थोड़ा देरी से नहाती थी और कमरे से बाहर भी दो-तीन बार आती थी.

फिर एक दिन मैं उसे उसी तरह देख रहा था, उसने अपनी छत पर बने बाथरूम में अपनी ड्रेस उतारी. फिर ब्रा को उतारा और सिर्फ पैंटी में ही नहाने लगी थी.

मैं इस कामुक मंजर को वासना भरी नजरों से देख रहा था. वो अपने हाथ पैरों और मम्मों को साबुन लगा रही थी. उसके पूरे बदन पर सफेद झाग आ गया था.

उसने एक मग पानी लिया और अपने मम्मों पर डालकर नहाने लगी. कुछ देर तक उसने अपने दूध रगड़े और पैंटी में हाथ डालकर चुत को रगड़ा. उसके बाद उसने तौलिया उठा कर अपने बदन को पौंछने लगी.

कपड़े पहनने से पहले उसने अपनी पैंटी को उतारा और तौलिया से चुत को पौंछते हुए पूरा बदन साफ किया. फिर उसने एक टांग उठाकर पैंटी पहनी और बस खेल हो गया.

न जाने कैसे उसने मुझे देख लिया और वो एकदम से घबरा कर अपने बदन को ढकने लगी. झट से ओपन बाथरूम में बनी एक आड़ में चली गई.

उधर उसने अपने कपड़े पहने और थोड़ी देर बाद वो बाहर आ गई. छत पर आकर उसने आवाज लगायी, तो मैंने उस तरफ देखा. उसने मुझे इशारे से करीब बुलाया.

मैं उसके नजदीक हो गया.

वो बोली- आकाश … तुम क्या देख रहे थे? मैं एकदम डर गया और बोला- इधर एक बिल्ली थी … उसे भगाने आया था.

वो सब जान चुकी थी कि मैं क्या देख रहा था.

उसने मुझसे कहा- मैं तेरे पापा और मम्मी को बता दूंगी. सच सच बोल क्या देख रहा था? मैं डर गया और बोला- दीदी, मैं आपको ही देख रहा था.

वो बोली- सच-सच बता रहा है न … अब तो मैं बता कर ही छोडूंगी. मैं बोला- नहीं दीदी, प्लीज आप जो कहेंगी, मैं वही करूंगा … पर आप मम्मी पापा को मत बताना.

उसने मुझसे कहा- चल ठीक है. पर ये बात तुम किसी को बताना नहीं … और तुम वादा भी करो कि जो मैं कहूंगी, वह करोगे. मैंने कहा- ठीक है.

फिर कुछ दिन बीत गए. मैंने उसे देखना ही छोड़ दिया था. मैं कुछ दिन तक तो उससे नजर ही नहीं मिला पाया.

ऐसे ही कुछ दिन बीत गए.

फिर एक दिन उसने कहा- मुझे तुमसे कुछ काम है … जरा घर आना.

मैं उसके घर चला गया. मेरे मम्मी पापा का उनके यहां आना जाना चलता था, तो उसने मुझे बुलाना कुछ गलत नहीं समझा. मैं भी चला गया.

फिर उसने कहा- तुम कल स्कूल नहीं जाओगे. मैंने पूछा- क्यों?

उसने कहा- मैंने बोल दिया न … नहीं जाओगे माने नहीं जाओगे … ठीक है! मैं- जी ठीक है.

वो- जब तेरे मम्मी पापा घर से चले जाएं, तो तुम मेरे घर आ जाना. मैं सर हिलाते हुए हां कहके अपने घर आ गया.

अगले दिन जब मम्मी पापा खेत जा चुके थे … तो मैं उनके यहां गया. वह टीवी में सीरियल देख रही थी.

मैंने कहा- दीदी आपने बुलाया था. उसने बोला- अरे तू तो जुबान का बड़ा पक्का है. मैं- आप ही ने तो कहा था. वो बोली- अन्दर आ जाओ.

मैं अन्दर घर में आ गया.

उसने उठ कर बाहर का मेन दरवाजा बंद कर दिया और करीब आकर बोली- चल बिस्तर पर चलते हैं. मैं- क्या बोल रही हो आप? वो- वही, जो तूने सुना है.

मैं बिस्तर पर चला गया. वो भी मेरे बाजू में लेटी थी.

कुछ ही पल देखने के बाद उसने मुझे चूमना चाटना शुरू कर दिया. मैं समझ नहीं पा रहा था कि ये क्या कर रही है.

फिर उसने अपनी टी-शर्ट उतार दी और सिर्फ ब्रा में हो गई. मैं उसे यूं अधनंगी देख कर घबरा गया और मेरा पसीना छूट गया.

मतलब जिस लड़की को दूर से नंगी देख कर मेरा लंड खड़ा हो जाता था, आज उसे अपने साथ बिस्तर पर यूं ब्रा में देख कर मेरी गांड न जाने क्यों फट रही थी.

उसने रेड कलर की ब्रा पर रखी थी. उसका हाथ मेरी गर्दन पर आया और उसने मुझे अपने सीने में ब्रा के ऊपर से दबाना शुरू कर दिया.

अब यह सब देख कर मेरे अन्दर हलचल होने लगी. मेरा छोटू भी जवाब देने लगा.

आप यह सेक्स कहानी हिंदी में देसी सेक्स कहानी की मस्त साईट अन्तर्वासना पर पढ़ रहे हैं.

मेरा लंड टन टन कर रहा था और वह मेरे लंड को उछलता फूलता देख रही थी. मेरा छोटू सलामी देने लगा था. ये मेरा पहली बार का अनुभव था. मैं भी मदहोश हो गया और उनका साथ देने लगा.

मैंने उसकी ब्रा को उतार दिया और उसके मम्मों को जोर जोर से दबाने लगा. इस समय मेरी मस्ती बढ़ने लगी थी और ऐसा लग रहा था मानो मेरा नसीब आज मुझे किसी और ही दुनिया में ले गया था.

कुछ देर ऐसा करने के बाद उसने अपना लोवर उतार कर दूर फेंक दिया. अब वह सिर्फ पैंटी में मेरे साथ थी.

मैंने उसे किस किया तो वो भी मुझे किस करने लगी थी. हम दोनों किस करते हुए खूब गर्म हो गए थे.

उसने मुझसे कहा- झांटों में आ जाओ.

मैं नीचे झुककर उसकी चुत की झांटों में अपने मुँह को दबा रहा था और उसकी रसभरी चूत को चाट रहा था. चत से गर्म और खट्टा पानी निकल रहा था. वो मादक आवाज ले रही थी और मेरे सर को अपनी चुत पर दबा रही थी.

मादक आवाजें निकलने से मुझे और भी ज्यादा जोश चढ़ रहा था. उसने मुझसे कहा- आह मस्त चाटते हो … किधर से सीखा.

मैंने कुछ नहीं कहा और ऊपर सर उठा कर उसकी आंखों में वासना से देखने लगा.

उसने कहा- अब देर मत करो … जल्दी से अन्दर डाल दो.

मैंने उठ कर धीरे से पोजीशन बनाई और अपने खड़े लंड को उसकी चूत की फांकों पर घिसने लगा. चुत रस से लबालब थी और एकदम चिकनी थी.

उसने अपनी टांगें फैला दीं और मेरे लंड का सुपारा धीरे से चुत की फांकों में घुस आया. मैंने चुत की गर्मी महसूस की तो थोड़ा जोर लगा दिया. मेरा लंड अन्दर चला गया.

वो चिल्ला उठी और कहने लगी- उई मम्मी रे मर गई … आह इसे बाहर निकालो … जल्दी बाहर निकालो आह बहुत दर्द हो रहा है. वह ऐसे बोल रही थी, जिसे उसकी चुत में गर्म सलाख घुस गई हो.

मैंने तुरंत लंड चूत से बाहर निकाल दिया.

वो बोली- पागल हो गया क्या … मार ही डालोगे क्या?

मैं कुछ नहीं बोला. बस चूतियों सा पलकें झपकाता रहा.

कुछ देर बाद थोड़ा धीरे से मैंने कहा- दीदी अगर मैं सच कहूं, तो मुझे इस बारे में कुछ भी अनुभव नहीं था. मेरे दोस्तों के उनकी गर्लफ्रेंड के किस्से भर सुने थे कि कैसे किया जाता है.

वो मेरी तरफ चुप होकर देख रही थी. वो बोली- फिर? मैंने कहा- शायद उनके लिए यह सब रोज का काम हो गया था, पर मुझे जितना भी पता था, वो सिर्फ सेक्स वीडियो देखकर ही जान पाया था. ना तो मेरी अब तक कोई गर्लफ्रेंड है … और ना ही कोई सैटिंग है.

उसने मेरे लंड को हाथ से सहलाया और बोली- चल फिर से करते हैं. मैंने कहा- दीदी आपको दर्द हुआ तो? वो बोली- पहली बार में तो होता ही है. तू कर.

मैंने उसे फिर लंड लगा कर चोदना शुरू किया. वो दर्द से ‘उई … उई आआह ..’ करती रही. धीरे धीरे मैंने पूरा लंड पेल दिया और चुदाई चालू कर दी.

जल्दी ही उसका पानी निकल गया और लंड सुगमता से चुत में अन्दर बाहर होने लगा. चुदाई की फच फच की आवाज आने लगी थी. वो मेरे लंड को अपनी चुत में अन्दर तक लेते हुए गांड हिला रही थी. मैं भी उसकी लय से लय मिलाते हुए धकापेल चोदे जा रहा था.

तभी मैंने बिना लंड निकाले उसे अपने ऊपर ले लिया. वो अब मेरे लंड की सवारी करने लगी थी. उसकी चूचियां बड़ी मस्त थिरक रही थीं. अपनी गांड को उठा उठा कर लंड पर चुत पटक कर चुदाई कर रही थी. मैं भी उसके मम्मों को जोर जोर से दबा रहा था.

कुछ देर बाद मैंने उसे घोड़ी बनाकर चोदना शुरू कर दिया. मैं इस आसन में थोड़ी स्पीड से चुत चोदने लगा था.

वो अपने बदन को ऐंठने लगी और आवाजें निकालने लगी.

अब मुझे भी लग रहा था कि मैं भी झड़ने वाला हो गया हूँ. मैंने अपने आपको रोका और तुरंत उठ गया.

वो घूम गई और मेरे लंड को अपने हाथ में लेकर चूसने लगी. उसी समय लंड ने लावा छोड़ दिया; वो मेरा सारा वीर्य पी गई.

चुदाई खत्म हुई तो वो मेरे सीने से लिपट गई. हम दोनों बिस्तर पर पड़े अपनी सांसें नियंत्रित करने लगी.

कुछ देर बाद फिर से चुदाई हुई और इस बार हम दोनों ने काफी देर तक चुदाई चुसाई का मजा लिया.

उसके बाद मैं अपने कपड़े पहन कर घर आ गया.

आज हम जब भी मिलते हैं, तो वो पड़ोसी बन कर आती है.

कुछ दिन बाद उस देसी लड़की की शादी हो गई थी. अब उसकी फिगर लगभग 34-30-36 की हो गई है. अब वो एक बच्चे की मां भी बन चुकी है. मुझे नहीं पता कि ये मेरा बच्चा है या उसके पति से पैदा हुआ है. न ही मेरी पूछने की हिम्मत हुई और न ही उसने मुझे कभी बताया.

यही मेरा पहला सेक्स अनुभव था जिसे मैंने आपके साथ साझा किया है. आपको देसी लड़की सेक्स स्टोरी को पढ़ कर कैसा लगा, आप कमेंट और मेल करके बताएं. [email protected]

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