हैप्पी न्यू इयर बोल कर पटाई कुंवारी बुर की चुदाई

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मेरे प्यारे दोस्तो, मैं शिवम्, पिछले दो सालों से अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ। यहाँ पर पढ़ी हुई कहानियों से प्रेरित होकर आप लोगों के सामने अपनी सच्ची हिंदी सेक्स स्टोरी और मेरा अनुभव तीसरी लड़की के साथ प्रस्तुत कर रहा हूँ। इससे पहले की चुदाई के बारे में लिखना मैंने उचित नहीं समझा।

मैं उत्तर प्रदेश नोयडा का निवासी हूँ। मैं देखने में गोरा हैंडसम मॉडल की तरह हूँ। इसी लुक की वजह से मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं बन पाती, सभी लड़कियाँ सोचती हैं कि यह इतना हैण्डसम है तो इसकी तो जरूर कोई न कोई गर्लफ्रेंड होगी।

और मैं कोई न कोई लड़की फ्रेंड बना भी लेता हूँ तो चुदाई करने का मौका कम ही मिल पाता है और चुदाई तक बात पहुंचने से पहले ही काफी लड़कियों से मित्रता टूट जाती है।

अब मैं अपनी सच्ची कहानी पर अता हूँ।

बात उन दिनों की है जब मैं 12वीं पास करके नोयडा आया था। हम लोगों ने एक बिल्डिंग में एक कमरा किराए पर ले लिया था. कुछ समय बाद हमारे सामने वाले कमरे में बिहार से एक परिवार रहने आया, उस परिवार में एक लड़की भी थी जिसका नाम प्रीति था। वो दिखने में एकदम सेक्सी सी थी लेकिन उसकी हाइट कम थी। तब उसकी उम्र भी 18 के आसपास ही होगी। और मुझे पता नहीं कि लोग लड़कियों के शरीर का साइज़ कैसे पता लगाते हैं… कोई लिखता है 32-28-34 कोई 34-30-36… इसका मुझे आज तक समझ नहीं आया… पर थी वो कयामत!

मुझे भी काफी ख़ुशी हुई कि कोई तो लड़की है… वो भी हमारे कमरे के सामने… जब वो लोग नए नए आये थे तो मेरा ध्यान ज्यादा उस पर नहीं गया.

इस तरह से करीब 3 महीने बीत गये। अब नया साल आने को हुआ तो मेरे ऑफिस में गर्लफ्रेंड के बारे चर्चायें होने लगी. फिर मुझे भी लगा कि कोई मेरी भी होनी चाहिये। तो मैंने निर्णय लिया कि मैं भी कोई गर्लफ्रेंड बनाऊँ। वैसे मेरी गर्लफ्रेंड मेरे होमटाउन में थी लेकिन काफी दूर होने की वजह से मुलाकात कम हो पाती थी।

फिर मैंने 1 जनवरी 2014 को गर्लफ्रेंड बनाने की सोच ही ली और मेट्रो में किसी लड़की को बोला तो उसने मुझे साफ मना कर दिया. वो पहले से किसी की थी. लेकिन मैंने भी हार नहीं मानी और अपनी बील्डिंग में सभी लड़कियों को ‘हैप्पी न्यू इयर’ बोलने की ठान ली और बोला भी!

न्यू ईयर की शाम को मैं गेट पर खड़ा हुआ था तो प्रीति निकली. मैंने मोका देखकर उसे ‘हैप्पी न्यू इयर’ बोल ही दिया. उसने भी हल्की सी मुस्कान के साथ मुझे ‘सेम टू यू…’ बोला और निकल गई. अब तो उसकी मुस्कान ने मुझे दीवाना ही बना डाला था।

अब मैं उससे बात करने का मौका ढूंढता रहता और कभी कभी ‘हाय बॉय’ हो जाती थी।

एक दिन मैंने उसे इशारे से फोन करने को बोला तो उसने नंबर माँगा तो मैंने पेपर पर लिखकर उसके सामने फेंक दिया, उसने भी उठा लिया और रात में उसका फोन आया।

हम लोग काफी बात करने लगे और उससे मिलने का टाइम पूछा. इस तरह से 16 दिन बीत गये और 16 जनवरी को हमने मिलने का प्लान बनाया मेरे घर से सब लोग मेरे होम टाउन गये हुए थे।

उस रात करीब 1 बजे मैंने उसे अपने रूम बुलाया और वो आ भी गई और हाँ… उसकी हिम्मत की दात देनी पड़ेगी की उसके रूम में उसके पापा मम्मी होने के बावजूद वो मेरे पास आ गई।

उसके मेरे रूम में आते ही मैंने उसे गले से लगाया और उसके लिये पहले से मैं डेरी मिल्क लाया था, तो हमने बैठकर खाई और हम काफी टाइम तक किस करते रहे। मैं जैसे ही आगे बढ़ने लगा तो वो बोली- अभी नहीं! मैंने काफी मनाया भी लेकिन उसने साफ़ मना कर दिया और बोली- अभी नहीं… मुझे पेस (मासिक) आया है। तो मुझे काफी निराशा हुई।

इसके वावजूद हम दोनों काफी समय तक ऐसे ही लेटे रहे, मैं उसे किस करता रहा और वो भी! करीब 3 बजे वो मेरे रूमसे अपने रूम में चली गई।

फिर सुबह हमारी बात हुई तो वो बोली- आज मैं आपके रूम आऊँ क्या? तो मैंने भी हाँ बोल दी और वो उसी टाइम मेरे रूम में आ गई।

उसके आते ही मैं उस पर प्यासे की तरह टूट पड़ा और वो भी मेरे साथ दे रही थी। मैंने उससे कहा- आज भी पेस आया है क्या? तो बोली- कल तक का ही था!

फिर क्या… राही को मंजिल साफ दिख रही थी। वो टीशर्ट और लोअर में आई थी तो सर्दी के कारण काम्प रही थी… मैंने उसे अपने बिस्तर पर लिटाया और एक एक करके पूरे कपड़े उतार दिए. अब वो सिर्फ पेंटी में थी और पेंटी के उतारते ही मुझे पता भी चल गया था की कल इसने क्यों मना कर दिया था. आज वो अपनी बुर के बालों की सफाई करके आई थी।

यह हिंदी सेक्स स्टोरी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!

और आपको यह भी बता दूँ कि कोई भी लड़की पहली बार चुदने के लिये बालों की सफाई करके जरूर आएगी… ऐसा मेरे साथ 3 लड़कियों के साथ हुआ है। अगर आप भी किसी लड़की को पहली बार चोदेंगे प्लान बनाकर तो वो जरूर शेविंग कर के ही आएगी।

अब मैं पहली बार रजाई के अंदर किसी लड़की के साथ… वैसे तो और भी लड़कियों की चुदाई की लेकिन रजाई का मजा ही कुछ अलग होता है।

अब हम दोनों एक दूसरे को किस किये जा रहे थे.

फिर वो बोली- मुझे शर्म आ रही है, आप लाइट बंद करो! मैंने लाइट भी बंद कर दी।

काफी देर तक चुम्बन चलता रहा और वो पूरी तरह से मदहोश हो चुकी थी। इसके साथ ही हम दोनों को सर्दी लगना बंद हो गई क्योंकि अब हमारी रजाई किनारे हो गई थी। काफी टाइम से मैंने भी चुदाई नहीं की थी तो मुझे भी जल्दी थी कहीं कोई जाग न जाये तो सब मजा ख़राब हो जाय। अब मैं उसके पूरे बदन को चूम कर काफी मजा ले रहा था.

उसकी बारी आई तो उसने मेरे पूरे शरीर को चूमा। वो मेरे ऊपर थी, मैंने सोचा इसे मुंह में लंड डालने को बोलूँ पर मुझे लगा की वो नहीं करेगी और पता नहीं बुरा मान जाये… तो मैंने कुछ न कहा। कुछ देर के बाद मैंने फिर उसे उसी की स्टाइल में चूमना शुरू किया बिस्तर पर लिटा कर… अब तो वो एकदम मदहोश आँखें बंद करके अपने शरीर को अकड़ाते हुए मुझे लण्ड को गुफा में प्रवेश करने का खुला निमन्त्रण दी रही थी.

मैंने भी देर न करते हुए उसकी दोनों टांगों को ऊपर उठा कर उसकी बुर में उंगली डाल दी तो और वो भी मस्त हो गई. अब मैं उसे उंगली से ही बुर की चुदाई कर रहा था। उसके मुख से आह की हल्की सी आवाज भी मुझे सुनाई दी। इसके बाद मैंने उसकी बुर को किस किया जिसमें एक मादक सी लहर दौड़ रही थी। अब मुझे भी रहा नहीं जा रहा था, मुझसे बुरा हाल प्रीति का था।

देर न करते हुए मैंने उसकी बुर पर लंड रखा और एक हल्का सा झटका मारा तो लंड फिसल गया। काफी प्रयास करने पर भी मैं उसे छोड़ नहीं पा रहा था।

फिर उसकी कमर के नीचे तकिया लगाया और टांगों को ऊपर कर बुर में थूक भी लगाया, काफी समय गुजर जाने से चिकनाहट कम हो गई थी, और हल्का से झटके के साथ उसकी बुर में लण्ड उतार दिया। झटके के साथ उसकी मुख से जो निकला मुझे सुनकर हँसी अ गई। क्योंकि उसने बोला था ‘उई मम्मी…’ अपने बिहार वाले स्टाइल में… अब हँसी तो मुझे आनी ही थी। और वो उईऊऊम् म उम्म्ह… अहह… हय… याह… उ उ अ अ उई माँ करती रही।

उसके दर्द ने मुझे और भी मजा दिया और वो थोड़ा सा छटपटाई भी पर मैंने उसे जोर से दाब रखा था क्योंकि मुझे पता था मेरे लण्ड से इसकी बुर फट जायेगी। अब मैं उसके दर्द को कम होने का इंतजार करने लगा और उसको किस करने लगा।

जब उसका दर्द कम हुआ तो मैंने एक और जोर का झटका धीरे से दिया और वो अब सनक गई थी और वो अब मुझे हटाने लगी. तो मैंने काफी मनाया और वो मान गई पर वो अभी भी पूरा लंड नहीं ले पा रही थी। मुझे डर लग रहा था कि कहीं कोई बगल वाले कमरों में जाग गया तो समस्या हो जायेगी.

और उसको मैं अपने आधे लंड से ही चोदता रहा और वो दर्द की वजह से सब मजा खो चुकी थी, अब सिर्फ वो दर्द के बारे में ही सोच रही थी और उसे सेक्स की फीलिंग्स भी खत्म हो गई थी। मुझे भी लग रहा था उसे बहुत दर्द है… मैं उसे उसकी चूची मसल कर मस्त करने की सोच रहा था पर वो कैसे भी नहीं मानी और मुझे मजबूर होना पड़ा और मैं उसे चोदता रहा.

करीब 15 मिनट तक मैं झड़ गया। मुझे पता था कि कल तक उसका मासिक था… फिर भी मैंने उसकी बुर में वीर्य न गिराकर रूमाल में गिराया और हम 10 मिनट तक वैसे ही साथ लेटे रहे।

मैंने दुबारा करने की कोशिश की तो उसने मना किया, काफी मनाया पर वो मानी नहीं। और मैंने उसे कल फिर से आने का वादा कर जाने दिया।

वो अपने रूम में गई, फिर से बाहर निकली बाथरूम में जाने को तो मैंने उसे गुड नाईट के साथ हल्की सी मज़ाक करने की सोची, मज़ाक के लिये मैंने उसे कहा- प्रीति प्लीज ‘उई मम्मी…’ फिर से बोलो? तो वो बोली- गंदे हो तुम! मैंने भी अनसुना कर दिया और अगले दिन फोन पर बात की, उसे फिर से ‘उई मम्मी…’ बोला तो बुरा मान गई और ‘गंदे लड़के… तुम गंदे हो… अब कभी न आऊँगी तुम्हारे पास…’ और वो गुस्सा हो गई।

काफी टाइम बीत जाने के बाद एक दिन फिर से मौका मिला, इस बार हम दोनों बाथरूम में ही साथ घुस गये और किस करते रहे, पर उसने सेक्स करने से साफ़ मना कर दिया, बोली- तुम गंदे हो, मुझे बहुत दर्द होता है। मैंने बहुत समझाया पर वो थी कि मानने को तैयार ही नहीं।

वो अब मुझसे बात भी नहीं करती और अब उसकी शादी भी हो गई है क्योंकि वो गाँव से थी।

तो दोस्तो, यह थी मेरी ‘हैप्पी न्यू इयर’ बुर की चुदाई की हिंदी सेक्स स्टोरी… मेरा अनुभव। आप सभी पाठकों से निवेदन है कि मेरी कहानी के बारे में अपनी राय जरूर बताएँ। मुझे आपके ई-मेल्स का बेसब्री से इन्तजार रहेगा। [email protected]

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