कुंवारी साली की मस्त बुर चुदाई

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000

जीजा साली सेक्स स्टोरी में पढ़ें कि मेरी बीवी की बहन मेरे पास रह कर पढ़ रही थी. एक बार मैंने उसे एक लड़के के साथ झाड़ियों में पकड़ लिया. तो मैंने क्या किया?

दोस्तो, कैसे हैं आप सब? मेरा नाम एस.के. पासवान है. मेरी उम्र 47 साल है. आप सभी का प्यार मुझे मेल के माध्यम से मिलता रहता है।

मेरी पिछली कहानी थी: गाँव की लड़की की चुदाई

आज मैं आपको एक ताज़ा जीजा साली सेक्स कहानी सुनाता हूं. यह कहानी मेरी एक चचेरी साली के बारे में है.

उसका नाम गुंजन है और वह मेरे यहां रहकर ही कॉलेज की पढ़ाई कर रही है. अपनी साली की चुदाई मैंने कुछ महीने पहले ही की थी. उसकी शुरूआत कैसे हुई, उसी के बारे में ये कहानी आपको बता रहा हूं.

गुंजन 19 साल के करीब जा चुकी है. उसकी उभरती जवानी और विकसित होती हुई चूचियां किसी को भी उसकी चुदाई के लिए तड़पा दें. उसकी गांड एकदम से गोल और बहुत ही प्यारी है. होंठ ऐसे कि अगर थोड़ा सा चूस लो तो रस टपकने लगे।

मेरे घर में ही रहते हुए भी मेरी नज़र उसकी जवानी पर नहीं गयी थी. फिर एक दिन ऐसी घटना मेरी आंखों के सामने आयी कि उस दिन के बाद से गुंजन के प्रति मेरा नज़रिया ही बदल गया.

गुंजन मेरी बेटी की उम्र की ही है. मैं उसको बेटी की तरह ही प्यार करता था. एक दिन वो कॉलेज टाइम से एक घंटा पहले ही साइकिल लेकर निकल गयी. इत्तेफाक से मुझे भी उसी तरफ बाजार जाना था. मैं भी उसके दो मिनट बाद ही निकल लिया.

रास्ते में एक छोटी नदी पड़ती है. उसी के ऊपर बने पुल से होकर दूसरी तरफ जाना पड़ता है. जाते हुए मेरी नज़र अचानक पास की झाड़ियों के नजदीक खड़ी साइकिल पर पड़ी. ये साइकिल गुंजन की ही थी.

मैं हैरान था कि वो यहां पर कर क्या रही है! उत्सुकता वश मैं उसी तरफ गया. पास जाने पर झाड़ियों के पीछे से कुछ आवाजें सुनाई दीं- बस अब छोड़ दो! मुझे कॉलेज के लिए देर हो जायेगी. “नहीं, आज तो चोद कर ही छोडूंगा.” “आह्ह … दर्द होता है … जाने दो प्लीज।”

अब मैं और ज्यादा उत्साहित हो गया और मैंने अपना फोन निकाल कर उसका वीडियो रिकॉर्डर ऑन कर लिया. मैं वहीं झाड़ियों में छुपकर अंदर देखने लगा.

गुंजन एक लड़के की बांहों में थी. वो लड़का दूसरे गांव का लग रहा था. वो उसकी गोदी में बैठी थी और वो उसकी चूचियों को जोर जोर से मसल रहा था.

उस लड़के का एक हाथ मेरी साली की चूचियों पर था और दूसरा उसकी सलवार के बीच में ठीक उसकी चूत पर था और वो उसकी चूत को अपने हाथ से जोर जोर से रगड़ रहा था.

वो एक साथ उसकी चूचियों और चूत दोनों को ही मसल रहा था. लड़का बोला- कभी मज़ा ली हो जिन्दगी में? गुंजन- नहीं। लड़का- तो आज तेरे को मजा देता हूं मेरी जान, चल!

इतना बोलकर उसने गुंजन को खड़ी कर लिया और खुद भी खड़ा हो गया. ये सारा सेक्स सीन मेरे फोन में सेक्स वीडियो के रूप में रिकॉर्ड हो रहा था. लड़के ने उठकर उसकी सलवार खोल दी और उसकी पैंटी को खींच कर उसकी जांघों तक सरका दिया.

फिर उसने गुंजन की चूत को जोर से रगड़ा तो गुंजन सिसकार उठी और उसकी बांहों से लिपट गयी. फिर लड़के ने अपनी पैंट की जिप खोली और अपना लंड बाहर निकाल लिया. गुंजन को अपनी जांघों की ओर घुमाया और फिर उसकी चूत में लंड लगाकर उसे अपने से चिपका लिया.

साली की चूत में लंड लगते ही वो उससे बुरी तरह से चिपक गयी और सिसकार कर उस लड़के को बांहों में भर लिया. तभी मैंने टोका- ये क्या हो रहा है यहां? जैसे ही मेरी आवाज़ उनके कानों में गयी तो वो दोनों हड़बड़ा कर यहां-वहां देखने लगे।

तभी मैं बाहर उनके सामने आ गया और उनके होश सफेद हो गये. गुंजन के पैरों के नीचे से जमीन निकल गयी. वो दोनों अब तक अपने कपड़े ठीक कर चुके थे. मैंने लड़के की गर्दन पकड़ ली और उसकी वहीं पर धुनाई कर दी.

वो अपनी जान बचाकर वहां से भाग गया. मेरी नजर गुंजन पर गयी तो वो एक तरफ खड़ी होकर कांप रही थी. मैंने गुस्से में कहा- यही करने आई हो तुम यहां पर? अगर इतनी ही आग लगी थी तो मुझसे ही कह देती! चलो तुम्हारा वीडियो तेरे पापा को भेजता हूं.

वो घबरा गयी और गिड़गिड़ाकर बोली- नहीं जीजू, वीडियो मत भेजना. मेरी पढ़ाई छूट जायेगी और मार पड़ेगी, वो अलग। मैं- तुम्हारे लक्षण तो पढ़ाई के कम और चुदाई के ज्यादा लग रहे हैं. गुंजन- माफ कर दो जीजू, बहुत बड़ी गलती हो गयी.

मैं- चलो, तुम घर चलो. अब मैं तुमसे घर पर ही बात करूंगा. मैंने गुंजन को घर वापस भेज दिया और खुद बाजार चला गया.

जब मैं वापस लौटा तो घर में कोई भी नहीं था. गुंजन उस वक्त डरी सहमी हुई सी बैठी थी. उसके चेहरे पर शर्मिंदगी थी.

जाकर मैंने कहा- हां, तो क्या किया जाये? वीडियो भेज दूं तुम्हारे बाप को? वो बोली- नहीं जीजू, ऐसा मत करना. मैं- नहीं, मैं तो भेजूंगा.

उसने मेरे पैर पकड़ लिये. मैं- ठीक है, एक शर्त है मेरी. वो बोली- हां, जो भी शर्त है मैं मान लूंगी. मैं- आज के बाद तुम उस लड़के से नहीं मिलोगी. गुंजन- हां, वादा करती हूं, नहीं मिलूंगी.

मैं उसके बगल में बैठ गया और उसे समझाने लगा। उसे बताया कि इस हरकत से उसकी बदनामी तो होगी ही मेरी भी बदनामी होगी। मैंने पूछा- एक बात बताओ? उससे क्या चाहती थी तुम?

वह चुप थी. मैंने जोर से डांटकर पूछा तो वो बोली- चुदवाना चाहती थी. मैं- कभी किसी से चुदी हो इससे पहले? गुंजन- नहीं।

मैं- तो फिर ऐसे चुदवाते हैं क्या? ये तरीका था चुदवाने का ऐसे खुले में और वो भी इस तरह खड़े होकर? अगर इस तरह से चुदवाती तो फट जाती तुम्हारी वहीं पर। ढेर सारा खून निकलता. फिर उसी खून से सनी सलवार के साथ घर आती? सोचो, अगर कोई देख लेता तो क्या होता? कितनी बदनामी होती तुम्हारी और तुम्हारे साथ मेरी भी।

वो बोली- हां जीजू, आप सही कह रहे हो. मैं उसके कंधे को सहलाने लगा और बोला- अगर चुदवाने की ही बात थी तो वो इच्छा तो मैं भी तुम्हारी पूरी कर सकता हूं. जीजा साली सेक्स से घर की बात घर में ही रहेगी और किसी को शक भी नहीं होगा. तुम्हें मजा भी मिल जायेगा.

गुंजन बोली- आप ठीक कह रहे हो शायद। मैंने उसको अपने आगोश में ले लिया और कहा- ठीक है, मैंने अब तुम्हें माफ किया. मगर एक बार अपनी चूचियों के दर्शन कर दो अब मुझे।

वो हां करने के सिवाय कुछ कह ही नहीं सकती थी. उसकी चाबी मेरे हाथ में थी. उसने अपनी कुर्ती को वहीं पर मेरे सामने ऊपर उठा दिया. उसकी काली ब्रा में उसकी गोल-गोल कसी हुई चूचियां मुझे दिखीं.

मैं बोला- ऐसे नहीं, पूरी कुर्ती उताकर दिखाओ. उसने पूरी कुर्ती उतार दी. मैंने उसकी चूचियों को ध्यान से देखा और फिर उसको घुमाकर उसकी ब्रा के हुक को खोल दिया. उसकी ब्रा को उतारकर अलग कर दिया और नंगी चूचियां देखते ही मेरा लंड एकदम से खड़ा हो गया.

उसकी चूचियों को मैंने प्यार से सहलाया तो वह सिहर गई। मैंने उसकी चूचियों को दबाते हुए कहा- गुंजन, कभी लंड देखा है तुमने? वो बोली- नहीं। मैं- उस लड़के का भी नहीं देखा?

वो बोली- नहीं, बस पैंट में खड़ा हुआ देखा था. बाहर नहीं देखा. आज पहली बार उसने अपना लंड चेन से बाहर निकाला था लेकिन मैं आज भी नहीं देख पाई.

मैंने कहा- तो आज देखना चाहोगी? उसने हां में गर्दन हिला दी. मैं- तो फिर मेरी पैंट की जिप खोल दो.

उसने जिप खोल दी और फिर मेरी बेल्ट भी खोल दी. मैं उसके सामने खड़ा हो गया. वो समझ गयी कि उसे क्या करना है. उसने मेरी पैंट का हुक खोल कर उसको नीचे सरका दिया. मेरे कच्छे में मेरा मूसल तना हुआ था.

मैंने उसके हाथ अपने कच्छे की इलास्टिक पर रखवाये और उसके हाथों को अपने हाथों से दबाते हुए अपने कच्छे को नीचे उतरवा दिया. मेरा फनफनाया लंड उसके सामने उछल गया.

लंड देखते ही उसकी आँखें हैरानी से फैल गयीं और बोली- इतना लम्बा! मैं- गुंजन, लंड जितना बड़ा और मोटा होता है, लड़की को चुदने में उतना ही ज्यादा मजा आता है.

मैंने कहा- अब इसे हाथ में लेकर सहलाओ. उसने मेरे लंड को हाथ में पकड़ा और आगे पीछे करने लगी. मैं उसकी चूचियों को छेड़ने लगा. फिर मैं उसके साथ ही बैठ गया.

उसका हाथ मेरी जांघों में मेरे लंड पर ही था और मैं उसके होंठों को चूसने लगा. मैं साथ साथ उसकी चूचियों को भी दबा रहा था. फिर मैंने उसकी सलवार को भी खोल दिया. उसकी सलवार में अंदर हाथ देकर उसकी कच्छी में घुसा दिया.

मेरा हाथ उस जवान लड़की की चूत पर जा लगा और मेरे अंदर वासना का सैलाब आ गया. मैं उसकी गर्म गर्म चूत को सहलाने लगा और मेरा लंड फटने को हो गया.

मेरी साली धीरे धीरे मस्त हो रही थी।

अचानक मैंने एक उंगली उसकी चूत में दे दी और अंदर घुसेड़ दी. वो एकदम से मुझसे चिपक गयी और तेजी से मेरे लंड पर हाथ चलाने लगी. मैं उसकी चूत में उंगली चलाते हुए उसको मजा देने लगा.

दो मिनट में ही वो जोर से हिलते हुए झड़ गयी. उसकी चूत ने ढेर सारा पानी छोड़ दिया. उसकी सांसें तेजी से चल रही थीं. मैं बोला- मजा आया? उसने गहरी सांस भरते हुए कहा- हां जीजू. मैं- तो अब मेरा भी पानी निकालो।

उसने पूछा- कैसे? मैं- मेरे लंड को तेजी से हिलाओ और ऊपर नीचे करो. वो तेजी से मेरे लंड की मुठ मारने लगी. मेरी उत्तेजना और बढ़ गयी.

मैं सिसकारते हुए बोला- इसे मुंह में ले ले गुंजन … आह्ह … चूस जा इसे। उसने नीचे झुक कर मेरे लंड को मुंह में भर लिया और जोर जोर से चूसने लगी.

मेरे हाथ उसके सिर पर आ गये और मैं उसके मुंह को चोदने लगा. जल्दी ही मेरा माल निकलने को हो गया और मैंने उसके मुंह को जोर से अपने लंड पर दबा दिया.

मेरा लंड उसके गले तक घुस गया और लंड से पिचकारी निकल गयी. मैंने सारा माल अपनी साली के मुंह में पिला दिया. मैंने लंड को तब तक घुसाये ही रखा जब तक उसके पेट में अंदर मेरा सारा माल चला न गया.

मैंने लंड बाहर निकाला और उसे गले से लगाकर पूछा- मजा आया? वो मेरे बदन से चिपक गयी और मेरी पीठ को सहलाने लगी. उसने अपनी प्रतिक्रिया दे दी. मैं बोला- अगर इसको चूत में लोगी तो और ज्यादा मजा आयेगा.

वो बोली- तो फिर दीजिये न! उसकी शर्म अब खत्म हो चुकी थी. मैं बोला- घबराओ मत, आज तुम्हें जीजा साली सेक्स का असली मजा दूंगा मैं। फिलहाल तुम अपनी कुर्ती पहन लो वरना कोई आ गया तो मुसीबत हो जायेगी.

उस दिन के बाद से गुंजन के साथ मेरा छेड़छाड़ का खेल शुरू हो गया. आते जाते मैं उसकी गांड दबा देता था. कभी उसकी चूचियां पकड़ कर भींच देता था. कभी उसके होंठ चूस लेता था और कभी चूत पकड़ लेता था.

वो भी मेरे लंड को छेड़ देती थी. मेरी पैंट पर से सहला देती थी. कई बार लंड को किस भी कर लिया करती थी. बहुत मजा आ रहा था लेकिन अभी तक मुझे मेरी साली की चुदाई का मौका हाथ नहीं लग रहा था.

महीना भर ऐसे ही बीत गया. फिर एक दिन मेरी बीवी मेला देखने की जिद करने लगी. वो तैयार बैठी थी और मेरे चलने का इंतजार कर रही थी.

तभी मेरा फोन बजने लगा और मैंने बीवी से कहा कि मुझे दोस्त का फोन आया है और मुझे काम से दूसरे गांव जाना है. तुम मां के साथ चली जाओ.

दरअसल वो फोन मैंने जानबूझकर करवाया था अपने दोस्त से ताकि मैं जीजा साली सेक्स का मजा ले सकूँ। फिर मैं उन लोगों से पहले ही घर से निकल गया. मैं वहीं गांव के दूसरे रास्ते पर चला गया और कुछ देर बाद गुंजन का फोन आया कि वो लोग मेला देखने के लिए निकल गये हैं.

तभी मैं कुछ देर बाद वापस घर में आ गया और अन्दर से सब लॉक कर लिया. हम दोनों घर में अकेले थे. गुंजन ने भी पढ़ाई का बहाना कर दिया था.

आते ही हम दोनों एक दूसरे से लिपट गये और जोर जोर से एक दूसरे को चूसने लगे. मैंने उसको खूब सारा प्यार किया और उसके हाथों को चूमने लगा. कुछ ही देर में मैं उसके कपड़े उतार रहा था.

जल्दी ही मैंने मेरी साली को ऊपर से नंगी कर दिया और उसकी चूचियों को पीते हुए उसके पूरे नंगे जिस्म पर हाथ फिराने लगा. मैं उसकी चूचियों को जोर जोर से चूस रहा था और वो मेरे सिर को अपने हाथों से अपनी चूचियों पर दबा रही थी.

अब मैं नीचे की ओर चला और मैंने जवान साली की सलवार को भी उसके पैरों से अलग कर दिया. नंगी चिकनी टांगें देख कर मेरा लंड उछलने लगा. मैं उसकी कच्छी के ऊपर से ही उसकी बुर की फांकों को कुरेदने लगा. वो आहें भरने लगी.

फिर मैंने उसकी कच्छी भी उतार दी. जैसे ही उसकी चूत पर मुंह रखा तो वो सिहर गयी. मैं उसकी बुर को चूसने लगा और वो मचलने लगी. कुछ ही देर की चुसाई के बाद उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया और मैंने उसकी चूत का सारा रस पी लिया.

अब वह शांत पड़ गयी. अब मैंने अपने सारे कपड़ उतार दिये. मेरा लंड फनफना रहा था और उसके हाथ में मैंने अपना गर्म लौड़ा दे दिया. वह भी मस्त होकर मेरा लंड सहलाने लगी। मैं मस्ती के सागर में डूबने लगा।

जवान, मस्त छोकरी के नर्म हाथ में मेरा गर्म लंड था. मैंने उसके सिर को लंड की तरफ झुकाया। उसने झट से लंड को मुंह में ले लिया और चूसने लगी. मैं अपनी कमर को आगे पीछे करते हुए उसे लंड चुसवाने लगा.

दस मिनट तक मैंने उसके मुंह को चोदा और फिर उसकी चूचियों पर अपना माल छोड़ दिया. अब तक गुंजन फिर से गर्म हो चुकी थी. वो मेरे माल को अपने हाथों से अपनी चूचियों पर मसल रही थी. मेरे लंड को भी सहला रही थी.

फिर उसने मेरे सोये हुए लंड को दोबारा मुंह में भरा और जोर जोर से चूसने लगी. पांच मिनट में ही मेरा लंड फिर से तन गया. अब वो खड़ी होकर खुद ही मेरे लंड को अपनी चूत पर रगड़ने लगी और सिसकारते हुए बोली- जीजू, दे दो अब अपना.

मैं- क्या दे दूं गुंजन? वो- अपना लंड दे दो जीजू … डाल दो प्लीज! मैं- कहां डाल दूं मेरी रानी? वो- मेरी चूत में डाल दो अपना लंड … जीजू प्लीज।

तड़पाने के मकसद से मैं फिर बोला- तुम्हें दर्द होगा रानी. वो बोली- सह लूंगी. मैं- खून भी आयेगा. वो- आने दो, सब सह लूंगी … बस मुझे चोद दो जीजू।

मैं- चिल्लाओगी तो नहीं? वो- नहीं, बिल्कुल नहीं, अब मुझे चोद दो प्लीज … जल्दी करो जीजू प्लीज।

फिर मैंने अपना लंड उसकी बुर के छोटे से छेद पर सेट किया. उसके पैरों को कंधे पर रख कर उसके ऊपर दोहरा हो गया. उसके कंधे को पकड़ कर उसे अपने कब्जे में जोर से जकड़ लिया. फिर अपने होंठों को उसके होंठों से जोर से चिपका कर जोर का शॉट मारा.

मेरा लंड उसकी बुर को फाड़ता हुआ चार इंच अंदर घुस गया। वह जोर से छटपटाई. चीखना भी चाहा उसने लेकिन उसके होंठ मेरे होंठों में कैद थे. उसकी आंखों में आंसू आ गये थे लेकिन बिना परवाह किये मैंने दूसरा धक्का भी दे मारा.

दूसरे धक्के में पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में उतर गया. वह मुझे अपने ऊपर से हटाने की कोशिश करने लगी. मगर मैं उसको अपनी बांहों में जकड़े रहा.

वो दर्द से चिल्लाकर बोली- जीजू निकालो बाहर … आईई मां … मर गयी मैं। मैंने कहा- बस दो मिनट बर्दाश्त कर लो जान … अभी कम हो जायेगा दर्द।

फिर मैं उसकी चूचियों को सहलाते हुए उसे चूमने लगा। तब तक लंड बुर में जगह बना चुका था। मैंने जड़ तक लंड को पीछे खींचते हुए दोबारा धक्का मारा और उसके मुंह से निकला- आह जीजू … ऊंह्ह … मर गयी। दोबारा से फिर वही किया और फिर से उसकी वैसी ही आवाज निकली.

चौथी बार जब मैंने बुर में लंड को पेला तो उसकी बुर खुद ऊपर उठ कर लंड का स्वागत करने लगी. फिर क्या था … धक्का पेल चुदाई शुरू हो गई। मेरे नीचे दबी मेरी सेक्सी जवान साली गुंजन चुदाई का मज़ा लेते हुए मेरा साथ देने लगी।

चुदते हुए जोश में आकर वह मुझे नीचे करके मेरे ऊपर आ गई. वो खुद ही मुझसे चुदने लगी. मुझे भी जन्नत का मजा मिलने लगा. दस मिनट की चुदाई के बाद वह झड़ गई।

उसकी बुर के पानी से मेरा पूरा लंड भीग गया। वह मेरे ऊपर ही गिर गई और शांत पड़ गई। मैं तो अभी और चोदने को तैयार था। उसे मैंने झट से नीचे किया और जमकर चोदने लगा.

थोड़ी ही देर में वह फिर से साथ देने लगी। हमारी यह चुदाई काफी लम्बी चली. जीजा साली दोनों पसीने से भीग गये थे. दोनों के बदन चिपचिपा गये थे. पसीने से भीगे हुए बदन को चोदने में मुझे और ज्यादा मजा आता है.

मैंने साली की चूत को जमकर भोगा. फिर एक साथ हम दोनों झड़ गए। मैंने अपना माल उसकी बुर में ही छोड़ दिया। फिर हम दोनों बिस्तर पर एक दूसरे की बांहों में लिपटे हुए पड़े रहे.

थोड़ी देर के बाद हम अलग हुए. मैं उठने लगा तो उसने मुझे बिस्तर पर गिरा दिया और पूरे बदन को चूमने लगी। मैंने उससे पूछा- मन नहीं भरा क्या? वो बोली- नहीं … जीजू।

वो फिर से मेरे लंड को सहलाने लगी. थोड़ी ही देर में मेरा लंड फिर खड़ा हो गया। उसने मुझे नीचे पटक लिया और मेरे लंड को बुर पर सेट करते हुए गांड को नीचे दबा दिया. फच् … की आवाज़ के साथ पूरा लंड साली की चूत में घुस गया।

एक बार फिर से जीजा साली सेक्स दौर शुरू हो गया। इस बार कमान गुंजन ने ही संभाली। वह मुझे बिना रुके चोदती रही. जब तक उसकी चूत ने फिर से मेरे लंड पर पानी नहीं छोड़ दिया, वह नहीं रुकी.

फिर मेरी साली मेरे ऊपर गिरकर शांत हो गई। फिर मैंने उसे घोड़ी बना दिया. उसको गोद में उठाया और एक पैर उठाकर चोदा. फिर पीछे से चोदा. कोई ऐसा आसान नहीं बचा जिसमें मैंने उसे नहीं चोदा.

उस दिन के बाद हम दोनों जीजा साली सेक्स की गाड़ी चल निकली। हमें उस दिन जैसा खुला मौका तो दोबारा काफी टाइम तक नहीं मिला लेकिन हफ्ते में चार दिन तो किसी तरह मैं उसे चोद ही देता था.

कुछ दिन के बाद फिर ऐसा ही खुला मौका मिला तो मैंने उसकी कुंवारी गांड की चुदाई भी कर डाली. अब इसके बाद की जीजा साली सेक्स कहानी मैं फिर कभी सुनाऊंगा कि मैंने अपनी साली की चुदाई में और क्या क्या मजा किया?

इस जीजा साली सेक्स कहानी पर आप अपनी राय देना न भूलें. मैंने अपनी ईमेल आईडी कहानी के अंत में दी हुई है. [email protected]

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000