मिल-बाँट कर..-4
प्रेषक : सुशील कुमार शर्मा अब मेरे पास कृत्रिम रूप स…
सोनू से ननदोई तक-1
सबसे पहले तो गुरुजी को प्रणाम जिनकी वजह से हमें इत…
मिल-बाँट कर..-2
प्रेषक : सुशील कुमार शर्मा झंडाराम अभी तक अलमारी की…
वफ़ा या हवस-4
शैलीन- जल्दी से फ्रेश हो जाओ! मैं- क्यों भाभी? शैलीन…
भाभी ने मेरी मार दी-2
विजय पण्डित उसकी बड़ी बड़ी आँखें धीरे से खुली और सिस…
सोनू से ननदोई तक-3
दो दिन बाद की बात है, मेरी चाची के पिता जी परलोक …
प्रिया की नथ-1
दोस्तो, मेरी पिछली कुछ कहानियाँ बहुत सराही गई आप ल…
रिम्पी और उसका परिवार-2
प्रेषक : रुबीन ग्रीन फिर उसी दिन शाम के समय फिर से …
रिम्पी और उसका परिवार-4
प्रेषक : मनीष जैन (रुबीन ग्रीन) दोस्तो, आपने मेरी कह…
प्रिया की नथ-2
दोस्तो, यह मेरी पिछली कहानी ‘प्रिया की नथ’ का दूसरा…