पार्क में सीमा की मस्त चूत चुदाई -1

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000

मैं आपका दोस्त रोहित जयपुर से आज फिर एक नई कहानी लेकर आया हूँ !

मैंने अब तक अन्तर्वासना पर कई कहानियाँ लिखी। जिन्हें गुरूजी ने प्रकाशित भी किया। इसके लिए मैं उन्हें धन्यवाद देता हूँ ! मैं अब तक कई लड़कियों को चोद चुका हूँ जिस कारण मैं लड़कियों को कैसे चुदवाने के लिए राजी करते हैं, यह बात जान चुका हूँ।

अब मैं आज की कहानी शुरू करता हूँ। यह बात जून 2009 की है जब मैं ऑडिट करने एक कंपनी में जाता था। कंपनी बहुत अच्छी थी, साथ ही वहाँ की एकाउंटेंट सीमा !

बहुत सेक्सी, सुन्दर, सुडौल बदन वाली… जब वो चलती तो उसकी गांड ऐसे हिलती मानो अभी मेरा लौड़ा उसकी गांड में घुस जयेगा और वो तड़पने लगेगी… मुझे वो बहुत पसंद थी .. वो ऑडिट करते समय मेरी हमेशा सहयता करती… हम लोग बहुत बातें करते .. उसके वक्ष का आकार 34 था.. टॉप में उसके स्तन बहुत अच्छे लगते ! मानो अभी ब्रा टॉप से बाहर आ जायेंगे…

वो जींस भी बहुत टाइट पहनती थी… मैं जब भी उसे देखता तो चोदने के बारे सोचता था… मैं रोज़ उससे ढेर सारी बातें करता था…

हम मोबाइल पर भी बातें किया करते थे…

काम करते करते कभी कभी उसके स्तन से मेरे हाथ अड़ जाते ! शुरुआत में तो मैंने ध्यान दिया… पर जब मैं उसके वक्ष को अधिक समय के लिए छूने लगा… तो बहुत मजा आने लगा… मैं बार बार उसके स्तनों को छूता और वो कुछ नहीं बोलती… मुझे तो बहुत मजा आने लगा था… जब वो खड़ी होती तो उसकी गांड पर हाथ फेरने लगा…

यह करने पर भी वो कुछ नहीं बोली तो मेरी हिम्मत बढ़ गई, अब मैं उसकी गांड के छेद में ऊँगली डालने लगा… एक दिन तो मैंने हद ही कर दी और गांड में ऊँगली डालते डालते चूत तक पहुँच गया… उसकी चूत पर बाल थे यह छूने से पता चल रहा था ..

एकदम से सीमा मेरे हाथ पर मारती हुई बोली- यार थोड़ा धीरे करो…

मुझे तो यह सुनने के बाद और मजा आ रहा था… अब तो मुझे खुली छूट मिल चुकी थी… अब मैं उससे इस बारे में बात करने लगा… मैंने सीमा से पूछा- तुमने कभी सेक्स किया है? बोली- नहीं…

मैं सोचने लगा- आज फिर एक कुंवारी चूत… बड़ा मजा आएगा.. फिर बोला- मुझसे चुदवाओगी?

पहले वो कुछ नहीं बोली, फ़िर मेरे खड़े लंड पर हाथ रख कर बोली- तेरे साथ तो बड़ा मजा आएगा रोहित… फिर मैं रोज़ उसे व्यस्क मेसेज मोबाइल से भेजने लगा जो उसे बड़े पसंद आते…

शनिवार का दिन था, मैंने पूछा- कल तुम्हारी छुट्टी है…तो कल की क्या योजना है? बोली- जहाँ तुम चलो, वहीं चलते हैं… मैं बोला- ठीक है ! कल पहले मूवी, फिर रेस्टुरेंट में चलते हैं ! बोली- ठीक है…

अगले दिन के लिए मैंने एक नया परफ्यूम ख़रीदा जिसकी खुशबू बहुत अच्छी थी.. मैं बहुत खुश था कि अब जल्दी एक और नई चूत मेरे लंड को मिलने वाली है.

रविवार का दिन भी आ गया… मैं जल्दी तैयार हुआ… और हम ठीक छः बजे पर हॉल में पहुँच गए। हॉल में बहुत काम लोग थे, मूवी देखनी किसे थी, हम कोने वाली सीट पर जा कर बैठ गये। वो बहुत मस्त कपड़े पहन कर आई थी..

सीमा धीरे से मेरे कान में बोली- यार आज तो मैं पैंटी और ब्रा पहन कर नहीं आई ! हैँ?… मैंने गाल पर किस देते हुए बोला- फिर तो बड़ा मजा आएगा…!

और फिर मैंने उसकी जींस का बटन खोला और जिप भी खोल दी.. वो बोली- यहाँ ये सब क्यों कर रहे हो…?

मैं बोला- जानेमन यहाँ हमें कोई नहीं देख रहा ! फिर उसने चारों ओर देखा, वहाँ सिर्फ 20-25 लोग ही थे जो हम से काफी दूर थे… सीमा बोली- चलो अब कर सकते हो…

फिर मैंने वापिस उसकी जींस की जिप खोली और बालों वाली चूत पर हाथ फेरने लगा। उसे बड़ा मजा आ रहा था… वो मुँह से आवाजें निकालने लगी- आह आह… मैंने बोला- जरा धीरे आवाज निकालो… बोली- ठीक है… फिर मैंने उसका शर्ट का बटन खोला और स्तनों को मसलने लगा… बहुत मजा आया दोस्तों..

वो बोली- यार, दोनों एक साथ मत खोलो… मैंने फिर उसकी जींस की जीप बंद कर दी.. और वक्ष को ही दबाने लगा…

थोड़ी देर बाद इंटरवल हो गया, उसने जल्दी से अपने बटन बंद किये और मुझे कुछ खाने के लिए लाने को बोलने लगी… मैं बाहर गया और कोल्ड ड्रिंक्स और समोसे लेकर आ गया। मूवी फ़िर शुरु हो गई। सीमा बोली- यार, अब मैं तुम्हारा देखना चाहती हूँ.. मैं बोला- जानेमन, हम तो हमेशा तुम्हारे लिए तैयार हैं…

फिर उसने मेरी जींस की जिप खोली और मेरा 7.5 इंच लम्बा लौड़ा बाहर निकाला और देख कर बोली- यार, तुम्हारा तो काफी बड़ा है… बहुत मजा आएगा.. फिर वो मेरे लंड को हाथ में लेकर मसलने लगी… मुझे काफी मजा आ रहा था। काफी देर ऐसे करने पर मुझे लगा कि मेरा पानी (वीर्य) आने वाला है, तो मैंने बोला- अब रुक जाओ.. नहीं तो पानी आ जायेगा… वो रुक गई… हम लोग वहाँ से मूवी ख़त्म होने से 25 मिनट पहले ही बाहर आ गये और सीधे पार्क में चले गए… अँधेरा काफी हो चुका था इसलिए पार्क लगभग खाली ही था।

हमने ऐसी कुर्सी देखी जहाँ पेड़ हों और हमें कोई ना देख पाए… फिर हम कुर्सी पर जाकर बैठ गए… सीमा घबरा रही थी… मैं बोला- जानेमन, घबराने की कोई जरुरत नहीं है… फिर बोली- यार, किसी ने देखा तो? मैं बोला- इस समय कोई नहीं आता है यहाँ… फिर वो बोली- ठीक है…

फिर मैंने उसकी शर्ट के दो बटन खोले और उसके चुचूक को मुँह में चूसने लगा… थोड़ी देर बाद मैंने उसकी जींस खोली और उसकी बालों वाली चूत पर हाथ फेरने लगा… वो आह आह करने लगी… फिर मैंने उसकी चूत में ऊँगली डाल कर खोलने की कोशिश की… उसकी चूत बड़ी कसी थी…

मैंने अपनी ऊँगली पर अपना थूक लिया और चूत को धीरे धीरे खोलने लगा तो सीमा बोली- यार दर्द हो रहा है… मैं बोला- तो फिर अपना लंड डालता हूँ, कम दर्द होगा… बोली- ठीक है… फिर मैंने उसे बैन्च पर लिटा दिया और उसके ऊपर लेट कर उसकी चूत में अपना बड़ा लंड धीरे धीरे घुसाने लगा… वो बोली- थोड़ा दर्द हो रहा है लेकिन मैं सहन कर लूंगी ! तुम चालू रखो..

मैंने थोड़ी गति बढ़ाई और उसकी चूत को फाड़ने लगा.. तीन मिनट बाद उसकी चूत फट गई और वो चिल्लाई- हाय राम मर गई… मैं डर के मारे रुक गया और पूछा- क्या हुआ जानेमन… थोड़ी देर रुक कर बोली- तुमने तो मेरी जान ही निकाल दी… अब ठीक हूँ, चालू रखो !

मैं बोला- यार मुझे डर लग रहा है… कोई आ गया तो मर जायेंगे… परसों मेरे घर कोई नहीं होगा तुम भी बहाना बना कर छुट्टी ले लेना.. खूब मजे करेंगे ! वो बोली- ठीक है… फिर हमने जल्दी अपने कपड़े ठीक किये और घर चले गए… मंगलवार को हमने बहुत मस्त चुदाई की जिसे आप मेरी आगे वाली कहानी में पढ़ना मत भूलना… और हाँ मेल करते रहिये। [email protected] 1181

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000