एक घंटे में चार लौड़े
लेखक : सनी गांडू मैं सनी ! मुझे तो आप सब अच्छी तरह…
इस्तान्बुल में शिप पर चुदाई-3
प्रेषक : विक्की कुमार अब क्रिस्टीना भी कुछ अपने मुँह …
मेरी गांड फ़ट गई
प्रेषक : हरीश महरा “उसकी खुद की फ़ट गई” का दूसरा भा…
शहर में आकर गाण्ड मराई
प्रेषक : प्रेम सिंह सिसोदिया मैं गांव छोड़ कर कॉलेज …
उसकी खुद की फट गई !
हरीश महरा सभी अन्तर्वासना पढ़ने वालों को मेरा यानि ह…
जमशेदपुर की गर्मी-1
प्रेमशीर्ष द्वारा लिखित एवम् प्रेम गुरु द्वारा संशोधित …
इस्तान्बुल में शिप पर चुदाई-1
प्रेषक : विक्की कुमार मैं परम आदरणीय गुरुजी का शुक्र…
जमशेदपुर की गर्मी-3
प्रेमशीर्ष द्वारा लिखित एवम् प्रेम गुरु द्वारा संशोधित …
प्यारी मोना-3
आप सबको मेरी कहानी प्यारी मोना-1, प्यारी मोना-2 पसं…
कुछ मनोरंजन हो जाये
प्रेषिका : शिल्पा त्रिपाठी प्रिय पाठको, मैं शिल्पी उम्र…