विरह की आग में सुनयना की चुदास

मेरे प्यारे पाठक दोस्तो, आप सभी को मेरा प्रणाम.. मैं…

जबलपुर की ममता की अतृप्त वासना -4

अब तक आपने पढ़ा.. ममता मेरे लण्ड पर कूद रही थी.. उस…

पहले मैं फ़िर तू

मैं विशाल एक बार फिर हाज़िर हूँ आप सबके सामने, आजक…

मेट्रो में मुलाकात

अन्तर्वासना के तमाम पाठकों एवं पठिकाओं को मेरा प्यार…

मेरा गुप्त जीवन- 157

रश्मि मुझ को सचमुच हैरानी से देख रही थी और उसकी आँ…

जिम में चुदाई की शुरुआत

प्रेषक : रवीश सिंह मेरा नाम रवीश सिंह है और मैं जम्…

मेरा गुप्त जीवन- 155

मैंने धीरे धीरे लंड को नैंसी की चूत के अंदर बाहर …

प्रेमिका को पहली बार उसके घर में चोदा

दोस्तो.. मैं अरुण एक बार फिर आप सभी के लौड़ों और भा…

पूस की रात-2

अंकल का फॉल होते देख भाभी अंकल के कमरे से तुरंत न…

मेरा गुप्त जीवन- 156

तभी हल्की आवाज़ के साथ कमरे का दरवाज़ा खुल गया और एक…