वासना की न खत्म होती आग -7

अब तक आपने पढ़ा.. मेरा फ़ोन फिर बजना शुरू हो गया.. …

मेरा गुप्त जीवन- 156

तभी हल्की आवाज़ के साथ कमरे का दरवाज़ा खुल गया और एक…

प्रेमिका को पहली बार उसके घर में चोदा

दोस्तो.. मैं अरुण एक बार फिर आप सभी के लौड़ों और भा…

मेरा गुप्त जीवन- 155

मैंने धीरे धीरे लंड को नैंसी की चूत के अंदर बाहर …

मेरा गुप्त जीवन- 157

रश्मि मुझ को सचमुच हैरानी से देख रही थी और उसकी आँ…

जबलपुर की ममता की अतृप्त वासना -4

अब तक आपने पढ़ा.. ममता मेरे लण्ड पर कूद रही थी.. उस…

विरह की आग में सुनयना की चुदास

मेरे प्यारे पाठक दोस्तो, आप सभी को मेरा प्रणाम.. मैं…

वासना की न खत्म होती आग -8

वो मुझे अपने दांतों को भींचते हुए मुझे देख धक्के ल…

सेक्स की भूखी बेंगलुरु की लड़की

मैं चंद्रशेखर एक बार फिर हाज़िर हूँ अपनी कहानी लेकर…

दहेज की कार में सलहज की चूत सेवा

मेरे प्रिय दोस्तो, अपने मेरी पिछली कहानियों को बहुत…