कुछ बन कर दिखाओ
बेटी- पापा, मैं माँ बनने वाली हूँ। पापा- बदतमीज, …
बिन मेहनत घर में लौड़ा मिल गया
प्रणाम मेरे लवर्स को, मेरे आशिकों को, मेरे पाठकों क…
औरतों का सेवक
प्रेषक : रोहित दोस्तो नमस्कार ! मैं गत चार सालों से …
एक ख्वाहिश
ख्वाहिशें सच में बहुत अजीब होती हैं। अन्तर्वासना पर …
सुनीता की चाहत-3
सुनीता का एक हाथ मेरे बालों को सहला रहा था और दूस…
मैं अज्ञानी था
नमस्कार दोस्तो, भूल तो नहीं गए? मैं आदित्य एक बार फि…
कॉलेज की मोटी दोस्त
प्रेषक : मोहित शर्मा हेल्लो दोस्तो, मैं मोहित जालंधर …
वासना का पुजारी
अन्तर्वासना के सभी पाठकों को शर्मीले सिड की तरफ से प्…
जो पहले कर ना सकी थी
लगातार मेरी नाक बह रही है, सारा बदन टूट रहा है, अ…
आम हारे, चीकू जीते
अपना पिछला करतब करने के बाद मेरी तबीयत नासाज हो ग…