एक खुशनुमा सपना
हेल्लो दोस्तो! मैं सावी एक बार फिर से हाजिर हूँ अपन…
मेरी प्यास बुझाओगे क्या?
निखिल नमस्ते दोस्तो, मेरा नाम निखिल है। मैं मुम्बई क…
मस्तानी लौन्डिया-2
चार दिन आरामे से बीते। निशु के साथ ताश के बहाने न…
कच्ची उम्र की गोरी
हाय दोस्तो, मैं अन्तरवासना का नियमित पाढ़क हूँ और मै…
मेरा बदन उनके दोस्त की बाँहों में
लेखिका : शालिनी सबसे पहले अन्तर्वासना पढ़ने वाले सभ…
गैर मर्द की बाँहों में एक बार फिर
गैर मर्दों की बाहों में मिलता है सुख-2 सभी अंतर्वा…
सुलगते जिस्म-2
नई जवानी थी … कुछ ही देर में वो फिर से तरोताज़ा था…
औरत की धधकती आग-2
तो रूबी कहने लगी- इतना मजा पहली बार ले रही हूँ ! …
एक ही थैली के चट्टे बट्टे-4
मेरे पति को अब तीस पैंतीस दिन तक किसी टूर पर नहीं…
वो धीरे से मेरे पास आ गई
प्रेषक : धीरेन्द्र शुक्ला मेरी कहानी कुछ इस तरह है। म…