समय के साथ मैं चुदक्कड़ बनती गई-1

प्रेषिका : नीनू मेरा नाम नीनू है, मैं पंजाबन हूँ, …

सुहागरात भी तुम्हारे साथ मनाऊँगी-3

जानू जाओ न प्लीज ! अलग सा चेहरा बनाकर बोली। मुझे उ…

भाई की गर्लफ़्रेन्ड-2

प्रेषक : जय उसने धीरे से उसके फ़ूल जैसे गुलाबी होंठ…

Nisare Bhaujanku Kali

Mu setebele gote bhainka ghara ku jauthili. bhauj…

महिला अधिकारी और उसकी शादीशुदा सहेली-3

उसने मुझे अनुभूति के फ्लैट पर छोड़ आने की बात कह कर…

Choot Ka Bhoot

July ka ye pahla sunday tha.iss hafte maine saari…

सुहागरात भी तुम्हारे साथ मनाऊँगी-2

कहानी का पहला भाग : सुहागरात भी तुम्हारे साथ मनाऊ…

समय के साथ मैं चुदक्कड़ बनती गई-3

प्रेषिका : नीनू “दोनों ऊपर आ जाओ, मेहमान हो मेरे, …

समय के साथ मैं चुदक्कड़ बनती गई-2

प्रेषिका : नीनू उसने और अंदर किया, फिर रुक कर और अ…

कम्मो बदनाम हुई-1

प्रेम गुरु के दिल और कलम से मेरा नाम कुसुम है पर प्…