महिला अधिकारी और उसकी शादीशुदा सहेली-3

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000

उसने मुझे अनुभूति के फ्लैट पर छोड़ आने की बात कह कर कार निकाली और हम चल दिए अनुभूति के घर की तरफ…

शाम के 7 बजे थे, हेतल मुझे अनुभूति के घर छोड़ के मुझसे मेरा नंबर लेकर चली गई और जाते जाते यह वादा लेकर गई कि जब भी वो बुलाएगी मैं जरूर आऊँगा।

मैंने भी व्यंगात्मक स्वर में कह दिया- हेतल, इस शानदार चुदाई की अबकी बार फीस लगेगी।

वो मुस्कुरा कर यह बोलती हुई चल दी- आज जैसी शानदार सुकून वाली चुदाई के लिए मैं कुछ भी करने को तैयार हूँ।

खैर मैंने अनुभूति के दरवाज़े की घण्टी बजाई और मैडम वही स्किन टच सलेक्स पहने हुए डार्क लिपस्टिक लगाए हुए थी, मैं देखता रह गया।

वो बोली- सर अन्दर तो आइये, देख बाद में लेना।

मैं अन्दर आया, उसने दरवाज़ा अन्दर से लॉक कर दिया और बोली- मैं चेंज करके आती हूँ, आप बैठिये।

मैं बोला- आप सुबह से कहाँ थी, मैं कब से आप का वेट कर रहा था, हेतल जी के घर पर बैठा के बोर हो गया था।

मैंने वैसे ही अंजान बनते हुए कहा। तो वो बोली- मैं दिन भर पापा के साथ थी, अभी वो जामनगर गए हैं तो मैं अब बिल्कुल फ्री हूँ। और मुझसे बोलने लगी- आपको देख कर लगता तो नहीं कि हेतल ने आपको बोर किया होगा।

उसकी इस व्यंगात्मक बात में शरारत सी नजर आई मुझे। तो जैसे कि मुझे हेतल ने बताया था कि उसने सारी बात अनुभूति से कर दी है, रात भर अनुभूति की चुदाई का जश्न मनाना है, इस बात को ध्यान में रख कर मैंने शरारती बनते हुए अनु से पूछा- आप चेंज क्यों करना चाहती हैं? अच्छी तो लग रही हैं इन स्किन टच सलेक्स में!

यह सुनते ही वो मुस्कुराई तो मैंने दूसरा तीर छोड़ दिया, मैंने कहा- अनु जी, यहाँ बैठिये, मेरे पास ज्यादा वक़्त नहीं है, मुझे वापस शहर जाना है, जल्दी से बात कर लेते हैं।

तो वो बात रिकवर करते हुए बोली- हेतल ने तो बताया था कि आप आज रात यहाँ रुकने वाले हैं, और इस कारण से मैंने सारे इंतजामात कर रखे हैं।

मैं बोला- ठीक है जी, मैं रुक जाता हूँ।

वो बोली- हेतल बता रही थी कि आपकी प्लानिंग बहुत अच्छी होती है, आज आप रात भर मुझे प्लानिंग करना बताएँगे।

मैंने कहा- वो सब तो ठीक है, पहले डिनर हो जाये?

अनू बोली- हम्म चलिए, आपके पास ज्यादा टाइम नहीं है, आप नहा लीजिये, मैं तब तक खाना लगा देती हूँ, फिर हम अपना सेशन शुरु करेंगे।

मैंने हलकी सी मुस्कराहट दी और नहाने चला गया।

मैं सोच रहा था कि चुदाई तो शायद एक घंटे बाद शुरू करेंगे, तब तक गर्म पानी से शावर ले लूँ। यही सोच कर मैं शावर लेने लग गया।

अनु थोड़ी देर बाद आई और मुझसे बोली- शम्पू चाहिए क्या? मैंने कहा- दे दो।

मैंने जैसे ही बाथरूम का दरवाज़ा खोला, अनु को देखता ही रह गया और पप्पू अपनी नींद तोड़ कर खड़ा हो गया।

मैंने फ्रेंच चड्डी पहनी हुई थी और अनु ने वही स्किन टच सलेक्स पहनी हुई थी मगर ऊपर सिर्फ ब्रा थी, टॉप वो निकाल चुकी थी।

आप जानते हैं कि जब लंड बड़ा हो तो चड्डी उसे संभाल नहीं पाती है और वो बाहर निकल आता है, ठीक ऐसा ही मेरा साथ हुआ, मेरा लंड देखते ही उसकी नजर मेरी चड्डी पर रुक गयी और मेरी उसकी सलेक्स पर।

मैं हिम्मत करके बोला- अन्दर आ जाओ अनु।

तो वो मुस्कुराते हुए अन्दर आ गई, मैंने अन्दर से दरवाज़ा बंद कर दिया और झट से अपनी फ्रेंच चड्डी निकाल दी और नीचे झुक कर उसकी सलेक्स को चाटने लगा, कभी जांघों पर, कभी चूत के पास, कभी पिंडलियों पर!

थोड़ी देर बाद उसने अपने आप ही सलेक्स निकाल दी और मैंने उनकी चड्डी निकाल फेंकने में टाइम नहीं लगाया। सीधे मेरी नजर उसकी चूत पर गई, चूत आज भी ऐसी ही थी जैसी नई या कम चुदी चूत होती है। साथ ही जहाँ मैंने हेतल की बाल रहित चूत का मजा लिया था तो यहाँ हल्के-हल्के बाल उसकी चूत की शोभा बढ़ा रहे थे।

वैसे तो दोस्तो, चूत किसी भी स्थिति में हो, अच्छी ही लगती है, हर चूत की झांकी की अपनी एक बात है और झांट के बाल चूत का श्रृंगार हैं।

उसकी चूत भी एकदम मस्त लग रही थी, मैंने उससे कहा- आपको पता है, हेतल और मैंने।।।

इतने में वो बोली- मुझे सब पता है, और मैं भी वैसे ही चुदना चाहती हूँ मगर सुकून से, पूरी रात है हमारे पास।

मैंने कहा- फिर एक बार सीधे चुदाई कर लेते हैं बाकी काम बाद में खाने के बाद कर लेंगे। वो बोली- ठीक है।

और मैंने अपना लंड उनकी चूत पर रगड़ लगाया। चूत पूरी गीली हो चुकी थी ऊपर से शावर का गरम गरम पानी! उसने कहा- मेरी एक शर्त है! मैंने कहा- क्या? तो वो बोली- तुम्हें मेरा मूत पीना पड़ेगा, वो भी चाट चाट कर! मैंने कहा- ठीक है!

मैंने अपनी जीभ उसकी चूत पर लगाई और धीरे धीरे जीभ को अन्दर बाहर करने लगा और वो धीरे धीरे थोड़ा-थोड़ा पेशाब मेरी जीभ पर छोड़ती गई।

सही बता रहा हूँ कि मजा आ गया! जो टेस्ट आ रहा था उससे मेरी कामोत्तेज़ना और बढ़ गई। उसने सिसकारियाँ लेनी चालू कर दी थी- आःह्ह ऊई उई ईई हुम अह्ह्हह!

और चूत से चिकना चिकना पानी पेशाब और मेरी जीभ तीनों एकजुट हो चुके थे। मैं सब कुछ पी गया और चिकनी चूत पर लंड टिका के धीरे धीरे अन्दर डालने लगा। अकसर हम कहानियों में पढ़ते हैं कि उसने एक झटके से लंड डाल दिया। लड़की हो या औरत, एक झटके में डालने से उसे थोड़ा दर्द होता ही है।और वो साथ देने लगी, जब पूरा अन्दर दाल दिया तब मुझसे बोली- आपने कंडोम नहीं लगाया? मैंने कहा- मैं लाया नहीं हूँ।

फिर वो बोली- होने को तो मेरे पास पड़े हैं कंडोम, मगर अब मजा आ रहा है, छोड़ कर नहीं जा सकती, तुम अन्दर ही निकाल देना, मैं पिल खा लूँगी। मैंने कहा- ठीक है। फिर बोली- रात भर जब भी करो अन्दर ही निकालना! मैंने कहा- ओके!

और धीरे धीरे झटके देता रहा। उसकी आवाज़ बढती जा रही थी अह अहह उई ईईई हुम्म्म उई हुम्म्म ईई हम्म तेज्ज करो नाआ आ!

साथ ही लंड की चिकनी चूत में जाने की गप्प गप्प की आवाज़ आ रही थी। थोड़ी देर बाद मैंने उसकी कमर पकड़ कर पूरा लौड़ा अन्दर घुसा कर तेज़ झटके दिए और सारा माल उसकी चूत के अंतिम गहराई में डाल दिया।

वो भी शांत हुई और हम दोनों शावर में नहा कर एक दूसरे के अंगों को सहलाते रहे, फिर दोनों एक ही तौलिये में लिपट कर बाहर निकले और मैं जैसे ही कपड़े पहनने जाने लगा, वो बोली- रहने दो ना! आज रात कोई जरूरत नहीं है इस दायरे की।

हम दोनों नंगे ही बैठ कर खाना खाने लगे। खाना खाकर मैं बिस्तर पर लेट गया, वो बोली- मैं नीचे के साफ़ बाल करके आती हूँ, रात को तकलीफ नहीं होगी।

अनु बाथरूम में चली गई, थोड़ी देर बाद जब वो बाहर आई तो उसके गोरे बदन पर काली चूत की कालिमा जा चुकी थी और उसकी जगह भूरे रंग के छोटा सा दाना लिए हुए शानदार चूत थी।

चूत तो वाकई शानदार और डबल रोटी की तरह फूली हुई लग रही थी, मैं देर न करते हुए तुरंत ही उसकी चूत को किस करने के लिए आगे बढ़ गया। उसकी चूत को देखते ही फिर से चूत में रसोई खोलने का विचार बन गया। अपना क्या था, उससे बोला- घर में शहद और रूहअफजा है? वो बोली- हाँ है।

मैंने तुरंत उससे दोनों चीजें मंगवा ली, मैंने उससे पूछा- क्या पसंद है? वो बोली- मैं रूहअफजा के साथ तुम्हारा लंड चूसना चाहती हूँ।

मैंने तुरंत लंड को रूहअफजा में नहलाया और उसकी चूत में अन्दर तक शहद और रूहअफजा को उंगली से तर किया और 69 की स्थिति में लेट गए, दोनों ने चुसाई चालू की।

मेरे लंड का पानी और रूहअफजा का स्वाद उसे जन्नत का एहसास करवा रहा था और मैं चूत को पूरा स्वाद लेकर चाट रहा था।

थोड़ी देर बाद मैंने कहा- मैं अब चुदाई का इच्छुक हूँ।

तो जैसे कि वो तड़प रही थी और पानी का आलम इस तरह बहा चुकी थी कि बेडशीट पर लग रहा था कि किसी ने चाशनी गिरा रखी हो।

मैंने तुरंत ही भीगा हुआ लंड उसकी साफ़ चिकनी भीगी हुई चूत पर रखा तो लंड ने अपना रास्ता खुद ही ढूंढ लिया और गप्प की आवाज के साथ अन्दर घुस गया।

हमारे झटके पुरजोर चलते रहे, वो नीचे से खुद भी झटके देकर बराबर का साथ दे रही थी और भांति भांति की कामुक आवाज निकाल रही थी।

अंततः उसने मुझे कमर से जोर से पकड़ा और मेरे लंड के ऊपर इस तरह जोर लगाने लगी कि मुझे लगा कि आज तो मेरे आण्ड भी चूत की सैर कर लेंगे।

और चूत से कुछ रिसाव जैसा महसूस हुआ जो गर्म था।

मैंने, जैसे कि मैं चूत चाटने का शौकीन हूँ, तुरंत ही लंड निकाल कर मुँह में पूरे रस को चाट लिया और फिर से अपना लौड़ा उसकी चूत पर रगड़ दिया, पूरा माहौल मस्त था, फिर लंड को उस अद्भुत पानी में और नहलाया और पेल दिया चूत में!

तेज़ झटके के साथ मैं भी झड़ गया। पूरी रात ऐसा ही चटाई-चुदाई का माहौल बनता रहा। तीन ट्रिप के बाद मैं थक गया और सुबह जल्दी उठ कर उसे एक ट्रिप का आनन्द देकर मैं वहाँ से चला आया।

वो आज भी मुझे कॉल करती है मगर अब मन करता है की किसी ऐसी महिला की प्यास बुझाऊ जो वाकई जरूरतमंद हो।

मेरी पहली कहानी आपको कैसी लगी, मुझे जरूर बताइए। [email protected]

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000