मुम्बई से दुबई- कामुक अन्तर्वासना-8

पिछले भाग में आपने पढ़ा कि ट्रेन में एक लड़की मिली ज…

चूत की आग के लिए मैं क्या करती-8

प्रेषिका : सुरभि तिवारी सुनील आ गया। मैंने उन दोनो…

चूत की आग के लिए मैं क्या करती-2

सुनील ने कहा- भाभी, अब तुम कभी प्यासी नहीं रहोगी, …

वो सात दिन कैसे बीते-6

‘हम एनल सेक्स कर सकते हैं… अगर तुम चाहो।’ मैंने खु…

जिन्दगी के दो हसीन तोहफे-1

कैसे हो दोस्तो, मैं आपका दोस्त राज एक बार फिर से आप…

तू मेरा लंड और मैं तेरी चूत

आप सभी को मेरा नमस्कार, मेरा नाम राहुल है, मैं ग्वा…

मेरी दीदी लैला -1

नमस्ते दोस्तो, मैं रजत हूँ, मेरी उमर 18 साल है, पँज…

लूट का माल

फ़ुलवा हरजीत सिंह ज्यों ही कमरे में दाखिल हुआ, सन्तो…

मुझसे दोस्ती करोगे-1

शमीम बानो कुरेशी मैं सुहाना से मिलकर बाहर निकली ह…

एक अनार दो बीमार-1

लेखिका : कामिनी सक्सेना दो तीन वर्ष गाँव में अध्यापन…