होली के नशे में

विजय अग्रवाल, दिल्ली हम पांच दोस्त हैं, सभी शादीशुदा…

मनोरमा और शिवाली

हेलो दोस्तो, हैरी का नमस्कार ! कैसे हैं आप? सबके बह…

पाँच सौ का नोट

सभी पाठकों को मेरा नमस्कार, पाठिकाओं को मेरे खड़े ल…

मेरी पत्नी यही तो चाहती थी

नमस्कार मित्रो, मैं परीक्षित… आपने प्रदीप जी की समस्या…

मेघा की तड़प-4

रात को दस बजे प्रकाश अदिति को लेकर घर आ गये थे। अद…

केले का भोज-4

क्षितिज कहीं पास दिख रहा था। मैंने उस तक पहुँचने क…

केले का भोज-3

मैंने योनि के छेद पर उंगली फिराई। थोड़ा-सा गूदा घि…

पलक की सहेली सरिता-1

जैसा कि आपने पलक और अंकित के बाद में पढ़ा कि सरिता…

चुदक्कड़ माया का सुहाना सपना-1

अन्तर्वासना पढ़ने वालों को चूतनिवास का लौड़ा इकतीस बा…

चिरयौवना साली-19

टीवी देखते देखते और एक दूसरे के साथ मस्ती करते सात…