फ़ौजी
लेखिका : लक्ष्मी कंवर मैं जोरावर सिंह, राजस्थान से ह…
शालू की गुदाई-1
दोस्तो, आपने मेरी पिछली कहानी ‘केले का भोज’ को तह…
मोऽ से छल किये जा … सैंयां बे-ईमान-6
लेखक : प्रेम गुरु मैं अब अपने कपड़े पहन लेना चाहती …
रीटा की तड़पती जवानी-4
बड़ी अदा से रीटा ने बहुत लाहपरवाही से अपनी सुडौल ट…
शालू की गुदाई-4
लेखक : लीलाधर मुझे दरार के नीचे गुदा की गुलाबी कल…
लंड की करतूत-3
मेरी पिछली कहानियाँ लण्ड की करतूत-1 और लंड की करतू…
चाची चार सौ बीस-3
अंकल मुझे अपने नीचे दबा कर जोर जोर से चोद रहे थे …
चाची चार सौ बीस-1
मैं उन दिनों अपनी चाची प्रियंका के यहाँ रतलाम में …
केयर टेकर-1
मैं दुनिया में बिल्कुल अकेली थी। मेरे माँ-बाप बचपन…
गर्मी का इलाज
मैं शालिनी राठौर… याद तो हूँ ना आपको… आपकी मदमस्त …