जन्नत चाची
मै और मेरे चाचा-चाची पास-पास रहते थे, मेरे चाचा क…
एक के ऊपर एक
प्रेषक : अर्जुन मेरा नाम अर्जुन है, मैं शहर में काम …
दो नम्बर का बदमाश-1
‘ये चूतें, गाँड, और लंड सब कामदेव के हाथों की कठप…
आकर्षण- 6
लेखिका : वृंदा मुझे अपने टांगों के बीच कुछ रिसता …
आकर्षण-3
लेखिका : वृन्दा बस इसी तरह समय बीतता रहा.. हम समय …
दो नम्बर का बदमाश-3
दोस्तों अब दिल्ली लुटने को तैयार थी… मैंने उसका टॉप…
एनसीसी कैंप की रात
प्रेषक : प्रवीण मैं अध्यापक हूँ। हमारे स्कूल में लड़के…
हमारी नौकरानी सरीना-2
सरीना आठ बजे तक काम करके चली जाती थी, आज नौ बज रह…
आकर्षण- 7
बीच बीच में वो मुझे प्रेम भरे चुम्बन देता… धीरे धीर…
रेखा- अतुल का माल-4
इस बीच रेखा का मोबाइल बजा। रेखा बोली- मेरे पति का…