अठारह वर्षीया कमसिन बुर का लुत्फ़-3

थोड़ी देर तक सब लोग गप्पें मारते रहे, करीब साढ़े ग्या…

खूबसूरत खता-2

प्रेषिका : निशा कुणाल दो मिनट तक ऐसे ही यामिनी के …

आरती की आरती

दोस्तो, मेरा नाम जीत है। बात उस समय की है जब मैं इ…

साली और साली की बेटी संग मज़े किए-2

सुबह उठा तो देखा के साली साहिबा नहा धोकर फ्रेश होक…

मेरी मदमस्त रंगीली बीवी-12

सलोनी- चचा… मेरे सहलाने और उसकी हरकतों से शमीम का…

अठारह वर्षीया कमसिन बुर का लुत्फ़-4

ऐशु रानी मन्त्रमुग्ध सी हमें देख रही थी, जैसे ही हमा…

मेहनत का फ़ल

कैसे हो आप लोग… आशा है कि आपको मेरी भेजी हुई कहान…

एक अनार दो बीमार-1

लेखिका : कामिनी सक्सेना दो तीन वर्ष गाँव में अध्यापन…

खूबसूरत खता-1

प्रेषिका : निशा “डार्लिंग ! आज तो बहुत सेक्सी दिख रह…

यह कैसा मोड़-2

प्रेषक : विजय पण्डित “यह तो गार्डन है… किसी ने देख ल…