तेरी याद साथ है-21

प्रेषक : सोनू चौधरी मैंने बिना वक़्त गवाए अपने लंड क…

विदुषी की विनिमय-लीला-1

पाठकों से दो शब्द : यह कहानी अच्छी रुचि के और भाषाई…

जिस्मानी रिश्तों की चाह -42

आपी नाश्ते के वक्त मेरी छेड़छड़ से इतनी गर्म हो गई कि …

मेरे इम्तिहान की तैयारी

हेलो, मैं हूँ गोपी ! जी हाँ, मैं ही हूँ आपकी जानी…

विदुषी की विनिमय-लीला-4

लेखक : लीलाधर काफी देर हो चुकी थी- “अब चलना चाहिए…

सोफे पर साली को चोदा

दोस्तो, मैंने आपको बताया था कि मेरी शादी के बाद अप…

हुई चौड़ी चने के खेत में -4

लेखक : प्रेम गुरु प्रेषिका : स्लिमसीमा (सीमा भारद्वाज…

तेरी याद साथ है-20

प्रेषक : सोनू चौधरी निक्कर निकलते ही मेरा मुन्ना बिल्…

वो सात दिन कैसे बीते-6

‘हम एनल सेक्स कर सकते हैं… अगर तुम चाहो।’ मैंने खु…

जिन्दगी के दो हसीन तोहफे-1

कैसे हो दोस्तो, मैं आपका दोस्त राज एक बार फिर से आप…