कमाल की हसीना हूँ मैं-17

अचानक उन्होंने अपनी मुठ्ठी में बंद एक खूबसूरत लॉकेट…

कमाल की हसीना हूँ मैं-16

“शहनाज़ ! बहुत टाईट है तुम्हारी…” कहते हुए फिरोज़ भा…

नवाजिश-ए-हुस्न-3

लेखक : अलवी साहब पूरी बस खाली थी, हम दोनों अन्दर अ…

दीवानी मोटे हथियार की

प्रेषक : राज कार्तिक हाय दोस्तो… आपकी शालिनी भाभी एक…

मेरी गांड की सुहागरात

दोस्तो, मेरा नाम राज शर्मा है, मैं तीस साल का हूँ। …

कमाल की हसीना हूँ मैं-31

कुछ देर बाद हम वहीं आराम करके अपने कपड़े पहन कर बा…

गाण्ड पर मुहावरे

गाण्ड खुजाना- चिन्ता करना गाण्ड घिसना- मेहनत करना गा…

कमाल की हसीना हूँ मैं-1

अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा सलाम ! उम्मीद करती…

कमाल की हसीना हूँ मैं -2

खैर अगले दिन से मैं अपने काम में जुट गई। धीरे धीर…

कमाल की हसीना हूँ मैं -5

उन्होंने मेरे निप्पल को अपनी उँगलियों से छूते हुए म…