मेरी गांड की सुहागरात

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दोस्तो, मेरा नाम राज शर्मा है, मैं तीस साल का हूँ। मेरी लम्बाई पांच फीट आठ इंच है। मैं नॉएडा का रहने वाला हूँ।

मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ, आज मैं आपके सामने अपनी पहली सच्ची कहानी रखने जा रहा हूँ।

मेरे अन्दर सेक्स कूट कूट कर भरा है, मैंने कई बार कई लड़कों की गांड मारी है।

पर पिछले कुछ समय से मुझे गांड मरवाने का मन करने लगा।

एक बार मैंने अपने बोटम साथी से कहा कि वो मेरी गांड मारे पर वो अन्दर नहीं घुसा सका। पर मेरा मन गांड मरवाने के लिए और भी ज्यादा मचलने लगा। पर मैं किसी भरोसे वाले आदमी से मरवाना चाहता था।

पता नहीं क्यों मैं सिर्फ उम्र दराज पैंतीस चालीस साल के आदमी से गांड मरवाना चाहता था।

फिर मैंने ऑरकुट का सहारा लिया, वहाँ पर मुझे फरीदाबाद का एक आदमी मिला जिसकी उम्र अड़तीस साल थी। उसका लण्ड आठ इंच लम्बा, पतला और मुड़ा हुआ था।

हमने एक दूसरे से फ़ोन पर बात की और फिर मैंने उसे नॉएडा अपने घर पर बुला लिया।

उस दिन मेरे घर पर कोई नहीं था, उसने मेरी दो बार गांड मारी। शुरू में कुछ दर्द हुआ पर बाद में मजा बहुत आया।

उसके बाद हम कई बार मिले और उसने मुझे कई बार चोदा पर बाद में वो विदेश चला गया।

कुछ दिन बाद मेरी गांड में फिर खुजली होने लगी और मैं चुदने के लिए मचलने लगा। उन्हीं दिनों मेरे बराबर वाले फ्लैट में सलीम

नाम का आदमी आकर रहने लगा, उसकी उम्र चालीस साल थी, दस साल पहले उसकी बीवी का देहांत हो चुका था।

वो अकेला ही रहता था। हम लोग शाम को फ्लैट की छत पर मिलते, वो हर समय उदास रहता था।

धीरे धीरे हम बात करने लगे और एक दूसरे से खुलने भी लगे थे।

एक दिन मैंने उससे उसकी उदासी का कारण पूछा तो उसने बताया कि वो अपनी बीवी को बहुत मिस करता है।

मैंने कहा- तुमने दूसरी शादी क्यों नहीं की?

तो उसने बताया- बस मन ही नहीं किया।

फिर एक दिन मैंने मजाक में कहा- तुम्हारा काम कैसे चलता है। क्या तुम्हारा मन नहीं करता?

उसने कहा- मन तो बहुत करता है पर कोई मिलती ही नहीं।

तो मैं बोला- लड़की न सही कोई लड़का ही ढूंढ लो।

इस पर वो बोला- कहाँ से लाऊँ?

उसकी तड़फ मुझसे देखी नहीं गई और मैं उसकी मदद करने की सोचने लगा।

दो दिन बाद मेरे सारे घर वाले बीस दिन के लिए गाँव चले गए। मैं भी समय काटने के लिए सलीम के फ्लैट पर चला गया।

सलीम ने बिस्तर पर अपनी बीवी का सुहाग का जोड़ा, उसके श्रृंगार का सामान और गहने फैला रखे थे। वो बहुत उदास था।

आज उसकी शादी की सालगिरह थे। उसे अपनी बीवी की बहुत याद आ रही थी।

मैंने उसे कहा- तुम क्यों परेशान हो? तुम चाहो तो मेरे साथ सेक्स कर सकते हो।

पर उसने मना कर दिया।

मुझसे उसकी यह हालत देखी नहीं गई। फिर मैंने एक निर्णय लिया।

तभी उसे किसी काम से बाहर जाना पड़ा। मैं उसके फ्लैट में ही रुक गया।

कुछ देर बाद मैं भी मार्केट गया और वहाँ से बाल साफ़ करने की क्रीम खरीद ली और फूल वाले को भी बुला लाया।

फिर मैंने फूल वाले से सलीम का बेडरूम सजवा लिया और साथ ही दो फूल माला भी खरीद ली।

फिर मैंने अपने पूरे कपड़े उतारे, मेरे शरीर पर काफी बाल हैं पर मेरी छाती बिल्कुल लड़कियों की तरह है एकदम मोटी मोटी।

उसके बाद मैंने वीट क्रीम को अपने पूरे शरीर पर लगाया और कुछ देर बाद साफ़ कर दिया और नहा लिया।

अब मेरा शरीर एकदम चिकना हो गया था, मेरी छाती और गांड एकदम चमक रही थी।

फिर मैंने पूरे शरीर पर गार्नेयर क्रीम लगाई, अब मेरा बदन चमक रहा था।

उसके बाद मैंने सलीम के बीवी की मस्त वाली पारदर्शी ब्रा और पेंटी पहन ली।

फिर मैंने अपना मेकअप करना शुरु किया।

पहले मैंने अपने हाथों और पैरों के नाखूनों में नेल पोलिश लगाई और फिर होंटों पर लिपस्टिक, गले में हार, हाथों में चूड़ियाँ और पैरों में पाजेब !

फिर मैंने सलीम की बीवी का सुहाग का जोड़ा भी पहन लिया और बेड पर बैठ कर सलीम का इंतज़ार करने लगा।

सलीम को आठ बजे आना था, अब मैं सलीम की बीवी बनने को तैयार था।

जैसे ही आठ बजे, मैंने दरवाजा अन्दर से खोल दिया, सारे घर की लाइट बंद थी, बस बेडरूम में जीरो वाट का बल्ब जल रहा था।

जैसे ही सलीम घर आया और मुझे आवाज लगाता हुआ बेडरूम में आया तो पूरा कमरा गुलाब की खुशबू से भरा हुआ मिला।

वो मुझे अपनी बीवी के सुहाग जोड़े में बिस्तर पर बैठा देख कर बहुत अचम्भित हुआ और बोला- ये सब क्या है?

मैंने कहा- आज तुम्हारी सुहागरात है ना? तो चलो मैं ही तुम्हारी बीवी बन जाती हूँ।

फिर मैंने एक माला सलीम को दे दी और दूसरी अपने हाथों में ले ली।

हम दोनों ने एक दूसरे के गले में माला डाली, फिर मैंने कहा- अब मैं तुम्हारी बीवी हूँ।

उसने मुझे गले से लगा लिया और मुझे चूमने लगा।

धीरे धीरे वो मेरे कपड़े उतारने लगा। अब मैं सिर्फ ब्रा और पैंटी में था। वो दीवानों की तरह मुझे चूमने लगा। अब मैं भी गरम हो चुका था, मैंने भी उसके कपडे उतार दिए। अब वो भी सिर्फ निक्कर में था। उसका लंड लोहे के रोड की तरह सख्त था, काफी मोटा और लम्बा भी।

फिर उसने मेरी ब्रा भी उतार दी और मेरी चूचियों को दबा दबा कर चूसने लगा।

अब मेरे अन्दर भी हवस का तूफ़ान भर चुका था।

मैंने भी उसका निक्कर उतार फेंका। उसका तनतनाया हुआ काला लंड मेरे सामने था, करीब नौ इंच लम्बा और तीन इंच मोटा, उसका सुपारा बहुत मोटा था, एकदम लाल।

मैंने उसके लंड को हाथ में ले लिया और हिलाने लगा। सलीम अपने लंड को मेरे होंटों पर घुमाने लगा। वासना से मेरी आँखे बंद होने लगी। फिर उसने अपना लंड मेरे मुँह में दे दिया।

मैं धीरे धीरे उसके लंड पर जीभ घुमाने लगा और मुँह में डाल कर चूसने लगा।

मैं बड़ी मुश्किल से उसके लंड को चूस पा रहा था क्योंकि वो बहुत मोटा था।

कभी कभी तो सलीम का लंड मेरे गले तक चला जाता।

फिर सलीम से मेरे पेंटी भी उतार फेंकी और मेरे चूतड़ों को दबाने लगा, फिर उसने मेरी गांड को चाटना शुरू किया।

मेरे गांड में भयंकर आग लग चुकी थी पर मैं सलीम के मोटे लौड़े से डर भी रहा था।

पर मैंने हिम्मत करके सलीम के लौड़े के आगे अपनी गांड कर दी।

सलीम ने पोंड्स की बहुत सारी क्रीम मेरी गांड पर लगा दी और कुछ क्रीम अपने लौड़े पर भी लगा दी।

तभी मैंने सलीम से कहा कि वो पहले अपनी उंगली मेरी गांड में घुसाए क्योंकि उससे गांड मारने में आसानी होगी।

फिर सलीम ने मेरी गांड में उंगली करनी शुरू कर दी, मुझे बड़ा मजा आ रहा था। फिर उसने अपनी दो उंगलियाँ मेरी गांड में घुसा दी।

अब मेरे बदन में आग लग चुकी थी।

मैंने सलीम से कहा- अब गांड मारनी शुरू करो।

सलीम ने अपना मोटा लंड मेरी गांड पर रख कर दबाव बनाना शुरू किया। परउसका लंड बहुत मोटा था, वो मेरे गांड में जा ही नहीं रहा था।

फिर मैं पेट के बल बिस्तर पर लेट गया और अपने चूतड़ अपने हाथों से खोलने लगा।

अब सलीम ने अपना लंड मेरे गांड में डालना शुरू किया, मैंने जोर से अपना मुँह भीच लिया। और तभी सलीम ने जोर से धक्का मारा,

उसका पूरा सुपारा मेरी गांड में घुस गया था और मुँह से घुटी घुटी चीखें निकल गई।

फिर सलीम ने मेरे चूतड़ों को दबाना शुरू किया। वो करीब पांच मिनट तक मेरे चूतड़ों से खेलता रहा।

अब मेरा दर्द कम हो चुका था। फिर सलीम ने मेरे चूतड़ों को सहलाते हुए अपना लंड मेरी गांड में आगे पीछे करना शुरू किया। अब मुझे भी मजा आने लगा था, मैं भी अपनी गांड उचका कर उसका पूरा लंड खाने को तैयार था।

करीब पांच मिनट बाद सलीम का पूरा लंड मेरी गांड में घुस चुका था पर हम दोनों के बदन पसीने में नहा चुके थे।

अब सलीम ने धक्के मारने शुरू कर दिए थे, वो कई साल का प्यासा था, लगता था कि आज मेरी गांड की खैर नहीं।

मुझे भी मजा आ रहा था।

करीब सात मिनट बाद सलीम झड़ गया, उसके वीर्य ने मेरी गांड की कटोरी लबालब भर दी थी। वो करीब एक मिनट तक झाड़ता रहा, उसके वीर्य की गर्म गरम पिचकारी ने मेरी आग को ठंडा कर दिया था।

फिर हम दोनों एक दूसरे की बांहों में लुढ़क गए।

करीब आधा घंटा बाद मैंने फिर अपनी गांड को सलीम के लंड पर घिसना शुरू कर दिया और दो मिनट बाद सलीम का लंड चोदने के लिए फिर तैयार था।

इस बार मैं सलीम के सामने घोड़ी बन गया और अपनी गांड सलीम के मुँह के सामने कर दी।

सलीम ने मेरी गांड को चाटना शुरू कर दिया, वो अपनी जीभ को मेरी गांड पर गोल गोल घुमाने लगा।

वो मेरी गांड को करीब पांच मिनट तक चाटता रहा, फिर मैंने कहा- अब चुदाई शुरू करो।

उसने फिर मेरी गांड और अपने लंड पर पोंड्स की क्रीम लगाई और लंड डालना शुरू कर दिया।

इस बार लंड आराम से अन्दर जा रहा था, मुझे बहुत मजा आ रहा था, मैंने सलीम से कहा- अब मैं तुम्हारी बेगम हूँ, मुझे जी भर कर चोदो।

सलीम ने मेरी गांड को बजाना शुरू कर दिया। साथ ही वो मेरे चूतड़ों पर थप्पड़ भी बजाने लगा।

मैं जन्नत की सैर कर रहा था, मैंने सलीम से कहा- मेरे राजा, बजा दे मेरी गांड का बाजा।

फिर उसने अपने धक्कों की रफ़्तार तेज कर दी और साथ ही मेरे चूतड़ों पर अपने थप्पड़ों की बरसात भी।

मेरी गांड फच फच बोलने लगी।

मैंने उत्तेजना में कहा- जानू, आज मेरी गांड को फाड़ दे।

करीब बीस मिनट तक सलीम मेरी गांड को फाड़ता रहा।

बीस मिनट बाद सलीम मेरी गांड में झड़ गया। मेरी गांड की प्यास भी बुझ चुकी थी। फिर हम दोनों एक दूसरे की बाहों में ही सो गए।

सुबह आठ बजे सलीम की आँख खुली तो मैं उसके सामने चाय की ट्रे लिए हुए खड़ा था।

मैंने सलीम की बीवी का एक बहुत ही पारदर्शी गाउन पहन रखा था। सलीम ने मेरे हाथों से ट्रे लेकर एक तरफ रख दी और मुझे बाहों में

भर कर चूमने लगा और बोला- आज तुमने मुझे बहुत बड़ी ख़ुशी दी है। मैं इसे जिंदगी भर नहीं भूल सकता।

और फिर उसकी आँखों में आँसू आ गए।

मैंने सलीम को गले से लगा लिया और कहा- आज से मैं तुम्हारी बीवी बनकर तुम्हारी देखभाल करुँगी और कभी भी तुम्हारी आँखों में आँसू नहीं आने दूँगी। अब चलो चाय पियो !

तब सलीम ने कहा- आज चाय नहीं तुम्हारा दूध पियूँगा !

और वो मेरे चूचों से खेलने लगा, वो मेरे चूचों को मुँह में लेकर चूसने लगा। फिर उसने मेरा गाउन उतार दिया। तब उसने मुझे करीब

बीस मिनट तक चोदा।

फिर हम एक दूसरे की बाँहों में ही लेट गए। इस तरह हम तीन दिन-रात तक सुहागरात मनाते रहे।

बाकी का किस्सा अगली कहानी में !

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