गाँव जाकर नौकर से प्यास बुझवाई-3

लेखिका : आंचल धन्यवाद गुरुजी आपने जो मुझे अन्तर्वासन…

मॉस्को की याद में

प्रेषक : रोबिन चन्द्र अन्तर्वासना के सभी चाहने वालों क…

कुड़ी पतंग हो गई

आज मेरी बड़ी बहन को हॉस्पिटल में दाखिल करवा दिया था…

औरतों की यौन-भावनाएँ-1

लेखक : जय कुमार मैं जय कुमार, कालबॉय हूँ, रंग सा…

हसीना की चूत में पसीना

मेरा नाम आर्यन है, मैं मोरादाबाद में रहता हूँ। मेर…

चाची की प्यास बुझाई-2

हम दोनों आमने-सामने बैठे थे, मैंने चुपचाप सर झुका…

मेरी स्नेहा चाची

मेरा नाम तनवीर है, मैं जयपुर में रहता हूँ। मैंने …

मेरा गरूर-चकनाचूर

लेखिका : अंजू वर्मा मेरा नाम अंजू है। मैं बीस साल …

प्यासी मकान मालकिन

यह बात सन 2008 की है, जब मैं गाँधीनगर में नौकरी क…

फिर दूसरी से कर लेना-6

इस प्रकार दो दिन मस्ती से गुजार कर घर लौट आया ! घर …