अंगूर का दाना-6
प्रेम गुरु की कलम से प्रथम सम्भोग की तृप्ति और संतुष्ट…
Boyfriend Kahu Ya Baap
Hello friends, me Radhika ek baar fir ayi hu apni…
किरायेदार-7
मैं सोमवार रात को 10 बजे आया, सुरेखा और दिन की तर…
पड़ोसन दीदी-2
वो जिस्म की आग से तप रही थी। उसने मुझे अपनी ओर खीं…
किरायेदार-9
लेखिका : उषा मस्तानी रजनी उठी और उसने मुस्करा कर मु…
छुपाए नहीं छुपते-1
मेरे और सुगंधा के बीच प्रथम संभोग के बाद अगले दिन …
मेरी मुनिया उसका पप्पू-2
लेखक : जीत शर्मा वो अचानक बेड से उठा और कमरे से बा…
किरायेदार-6
लेखिका : उषा मस्तानी दो दिन बाद सुबह नल चलने की आव…
अंगूर का दाना-3
प्रेम गुरु की कलम से उस रात मुझे और अंगूर को नींद …
किरायेदार-3
सुरेखा की तरफ देखती हुई नर्स बोली- तू भी अपनी चूत …