एक गांव की छोरी
मैं उन दिनों गांव में अपनी दीदी के घर आया हुआ था.…
जालंधर के होटल में
दोस्तो, राहुल हरियाणा से फ़िर हाज़िर है आपके लिए एक …
तांत्रिक की साधना
प्रेषक : अरनब बनर्जी मैं अन्तर्वासना की एक नियमित पाठ…
मदनराग रंग लायो..
तन के मिलन की चाह बडी नैसर्गिक है। सुन्दर स्त्री की द…
वो कच्ची कलियाँ तोड़ गया
प्रेषिका : सिमरन सिंह मेरा नाम सूर्यप्रभा है, मैं अट्…
भाभी और उसकी बहन को जयपुर में चोदा
प्रेषक : रोहित खण्डेलवाल हेलो दोस्तो, मैं आपका दोस्त …
मामा जी ने चोदा
मेरे मामा जी की पत्नी यानि मेरी मामी का अकस्मात निध…
इंग्लैंड आकर बन गई मैं टैक्सी-1
लेखिका : रूही सिंह सभी अन्तर्वासना पढ़ने वालों को र…
राजेश अंकल ने चुदना सिखाया
लेखिका : पायल मल्होत्रा अंतर्वासना पढ़ने वाले हर शख्स …
सोफिया की मजबूरी
प्रेषक : जो हन्टर रोज की तरह मैं और दिव्या अपने ऑफ़िस…