कमाल की हसीना हूँ मैं -9

शुरू-शुरू में तो मुझे बहुत शर्म आती थी। लेकिन धीरे…

पर पुरुष समर्पण-2

मधुरेखा लेकिन उसने बिना कुछ बोले फ़िर से मेरे लबों…

नवाजिश-ए-हुस्न-4

लेखक : अलवी साहब सीढ़ियाँ उतरते मुड़ के वापस उसके प…

कहीं ले चलो-3

मैं राज ! याद आया दोस्तो, मैं आपका शुक्रगुजार हूँ अ…

संगीता का संगीत

लेखक : जूजा जी यह कहानी उन दिनों की है, जब मुझ पर…

जन्म दिन का तोहफ़ा-2

दोस्तो, इस कहानी के पिछले भाग में आपने पढ़ा कि मैं …

लंड कैसे खड़ा हो गया

एक बार संता की आँखों में कुछ तकलीफ़ हो गई तो उसकी …

Porn Movie Wali Aunty – Part I

Hiiii friends main manish saxena, ek bar fir hazi…

Bus Me Aunty Mili

Hello dosto ap ka dost sajjad hazir he ap ki khid…

पर-पुरुष सम्मोहन

मेरे मित्र ने जितना मुझे समझाया था, वो मैंने सफ़लता…