लच्छेदार झांटों वाली
प्रेषिका : श्रुति हेलो मेरा नाम श्रुति है, मेरी उम्र …
शालू की गुदाई-2
लेखक : लीलाधर 21 मई का बेसब्री से प्रतीक्षित दिन ! ह…
शालू की गुदाई-3
लेखक : लीलाधर उसने कहा- लगातार चुभन से कभी कभी सि…
शालू की गुदाई-4
लेखक : लीलाधर मुझे दरार के नीचे गुदा की गुलाबी कल…
फ़ौजी
लेखिका : लक्ष्मी कंवर मैं जोरावर सिंह, राजस्थान से ह…
मेरी शादी करवा दो-1
लेखिका : कामिनी सक्सेना दिल की कोमल उमंगों को भला …
शालू की गुदाई-1
दोस्तो, आपने मेरी पिछली कहानी ‘केले का भोज’ को तह…
मोऽ से छल किये जा … सैंयां बे-ईमान-6
लेखक : प्रेम गुरु मैं अब अपने कपड़े पहन लेना चाहती …
रीटा की तड़पती जवानी-4
बड़ी अदा से रीटा ने बहुत लाहपरवाही से अपनी सुडौल ट…
रीटा की तड़पती जवानी-7
रीटा अपनी ठुकाई से पूरी तरह सन्तुष्ट थी. भयंकर ऐतिह…