मेरा गुप्त जीवन- 169
जब मैं अपने वाले कमरे में पहुँचा तो वहाँ लड़कियों …
बुढ़ापे में चुदाई की चाहत
दोस्तो, आज मैं आपको एक नई बात बताने जा रहा हूँ। जब…
प्रतिशोध की ज्वाला-3
अब तक आपने मेरी इस कहानी में पढ़ा था अपनी बदले की …
मेरी छात्रा की पहली चुदाई
यह कहानी मैं अपने प्यार दीक्षा के कहने पर लिख रहा ह…
ट्रेन में चाण्डाल चौकड़ी के कारनामे-4
मधु ने अपना पर्स खोला और मेरे लंड को चूम कर बोली- …
मेरा दूसरा खुशनसीब दिन
यह कहानी मेरी पिछली रचना वो दिन भी बहुत खुशनसीब थ…
दोस्त की भतीजी संग वो हसीन पल-4
जब मैंने अपना एक हाथ उसके पजामे के ऊपर से ही उसकी…
अब्बू के दोस्त और मेरी अम्मी की बेवफाई -2
अब तक आपने पढ़ा.. अंकल अम्मी को अपनी बाँहों में लेक…
कमसिन बेटी की महकती जवानी-6
अब तक की इस हिंदी में चुदाई की कहानी में आपने जान…
चाण्डाल चौकड़ी के कारनामे-1
मुझे लग रहा था कि सभी के लिए कमरे निर्धारित हैं तो…