अगर खुदा न करे… -2
आधा घंटा हम चारों का बंद कमरे में एक साथ हुए बीत …
ये दिल … एक पंछी-2
प्रेषिका : निशा भागवत “ओह्ह्ह ! मैं तो गई…” “प्लीज नि…
जिस्म की जरूरत -26
कुछ देर हम एक दूसरे के शरीर को सहलाते हुये अपनी ग…
तू नहीं और सही-2
प्रेषिका : दिव्या डिकोस्टा उसकी गीली झांटों से मेरे …
चाची के घर में-2
प्रेषक : राजेश अय्यर मेरे प्यारे दोस्तो और देवियो व भ…
चूत की खिलाड़िन-2
मौसी मेरे कान में बोलीं- भाभी है, कुछ चूत का खेल …
तीन पत्ती गुलाब-21
अगले दिन सुबह जब मधुर स्कूल चली गई तो गौरी नाज-ओ-अ…
तीन पत्ती गुलाब-23
मैंने अपनी जेब से वह सोने की अंगूठी निकाली और गौर…
जिस्म की जरूरत -23
मेरा मुँह अब भी उसकी चूत पे टिका हुआ था और मेरी ज…
जिस्म की जरूरत-22
उनके होठों की नर्मी और साँसों की गर्मी ने मुझे पिघल…