Search Results for "होता-हे-जो-वोह-हो-जाने-दो"

क्या माल पटाया है !

लेखक : भवानी भाई दोस्तो, आज मैं आपको अपनी बहन मंजू…

ये दिल … एक पंछी-2

प्रेषिका : निशा भागवत “ओह्ह्ह ! मैं तो गई…” “प्लीज नि…

जेम्स की कल्पना -5

अब मन में वह दुविधा भी नहीं बची थी, कि यह क्यों हो…

जेम्स की कल्पना -6

कल्पना को अपने आसपास खाली-सा लग रहा था। वह भी कुछ …

खामोश शर्मिन्दगी

बहुत देर से रेलवे आरक्षण की लम्बी कतार में खड़े रहने…

ये दिल … एक पंछी-1

प्रेषिका : निशा भागवत निशा की शादी हुये पांच वर्ष स…

जिस्म की जरूरत -25

तभी एक परिचित सी मोहक सुगंध ने मेरा ध्यान अपनी ओर …

जिस्म की जरूरत -24

क्या हाल है मेरे दोस्तो… मैं जानता हूँ कि यूँ अचानक…

जिस्म की जरूरत -26

कुछ देर हम एक दूसरे के शरीर को सहलाते हुये अपनी ग…

सन्ता के चुटकुले

मुम्बई के सन्ता साहब दुबई में जॉब करते थे तथा चार स…