Search Results for "विधवा-बेटी-और-बाप-का-कामसूत्र-खेल"

मदहोश बरसात

प्रेषक : अजय मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ और दिखने म…

बहकता हुस्न

विजय पण्डित अहमदाबाद एक बहुत बड़ा शहर है, साबरमती क…

बस में मस्ती

दोस्तो, मेरा नाम मीत है, मैं मुंबई में रहता हूँ। अ…

नीचे की चीज़

मेरा नाम राज है, मेरी उम्र २२ साल है ! मेरा शरीर म…

वो हसीन शाम

प्रेषक : ओ पी झाकड़ हेल्लो दोस्तो ! मेरा नाम प्रकाश है…

तीसरी कसम-1

प्रेम गुरु की अनन्तिम रचना हज़ारों साल नरगिस अपनी बे…

तीसरी कसम-4

प्रेम गुरु की अनन्तिम रचना मैं अभी अपने ख्यालों में …

तीसरी कसम-6

प्रेम गुरु की अनन्तिम रचना “पलक अगर कहो तो आज तुम्हे…

तीसरी कसम-2

प्रेम गुरु की अनन्तिम रचना हे लिंग महादेव ! अगर मुझ…

तीसरी कसम-3

प्रेम गुरु की अनन्तिम रचना ‘पलक…’ ‘हुं…’ ‘पर तुम्हें…