मदहोश बरसात

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प्रेषक : अजय

मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ और दिखने में स्मार्ट हूँ।

बात उन दिनों की है जब मैं कॉलेज में पढ़ता था, 2-3 लड़कियों से मेरा चक्कर हमेशा रहता था लेकिन तब तक किसी को चोदा नहीं था, बस चूमना, चूची दबाना बस इतना ही किया था।

उन दिनों मेरे कॉलेज में एक लड़की आई जिसका नाम था शोभा ! दिखने में ठीक थी लेकिन उसके चूचे बहुत मस्त थे, 34 इन्च के होंगे उस के, कोई भी लड़का देख कर पागल हो जाये।

लेकिन थी वह भी चालू ! गहरे गले के कपड़े पहनती जिससे उसकी चूचियाँ दिखें और लड़के उसके पीछे पागल हो जायें।

सब लड़के उससे पटाने और चोदने के लिए सोचने लगे लेकिन मैंने उस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया।

कॉलेज की फ्रेशर पार्टी होने वाली थी, हमेशा की तरह मेरे ग्रुप ने ग्रुप-डांस में हिस्सा लेना था लेकिन एक डांस पार्टनर की कमी पड़ गई और हमने कॉलेज मैनेजमेंट को मना कर दिया कि हम डांस नहीं कर पायेंगे। हमारा ग्रुप-डांस हमेशा फर्स्ट आता था तो इसलिए मैनेजमेंट ने कहा कि वे पार्टनर का इन्तज़ाम कर देंगे और दो दिन बाद जब हम डांस के लिए जा रहे थे उस समय मुझे अध्यापक ने बुलाया और शोभा को दिखाते हुए कहा- यह तुम्हारी नई डांस पार्टनर है।

मैंने हाँ कर दी और वो हमारे साथ डांस अभ्यास करने लगी। मैंने देखा कि वो मुझमें ज्यादा ही रुचि ले रही है।

एक दिन बहुत जोर की बरसात हो रही थी और सब कॉलेज के दरवाज़े के पास बरसात के रुकने का इंतजार कर रहे थे, मैं पार्किंग में गया और कार स्टार्ट की। तभी किसी ने कार के शीशे पर खटखटाया, मैंने देखा कि वह शोभा थी।

उसने कहा- बाहर बहुत बारिश है और सड़क पर बहुत पानी है, क्या तुम मुझे ऑटो स्टैंड तक छोड़ दोगे? वहाँ से मुझे ऑटो मिल जाएगा घर तक के लिए।

मैंने कहा- ठीक है।और मेरे साथ बैठ गए। मेरी कार के शीशी काले होने की वजह से मैंने उन्हें पूरा बंद नहीं किया। हम बात करने लगे, थोड़ी दूर एक जगह पर बहुत पानी था तो मैं अपनी कार धीरे धीरे निकालने लगा।

तभी एक बाइक वाला बहुत तेज़ आया शोभा की तरफ से और काफी पानी कार के अंदर शोभा पर गिर गया और वो बचने के लिए मेरी गोद में आ गए जिससे उसकी चूचियाँ मेरे लंड को छू गई।

मेरा लण्ड लगा सलामी देने ! मेरी पैन्ट तम्बू बन गई।

वो हंस कर बोली- यह क्या हुआ?

मैंने कहा- यह मदहोश हो गया तुम्हारी जवानी के छूने से।

लेकिन शायद उसके मन में कुछ अलग ही था, वो तपाक से बोली- मुझे कब मदहोश करोगे?

और मेरे लण्ड पर हाथ रख दिया।

मैंने कहा- रानी, यह जगह और मौका सही नहीं ! वक्त आने दो, सब कर दूँगा।

शायद वो भी चुदने के लिए तड़प रही थी।

लेकिन वो बोली- ले चलो जहाँ ले चलना है।

और मैंने कहा- ठीक है।

हम शहर से बाहर निकलने वाली सड़क प्र आ गए, उसने मेरे लंड पर हाथ लगाते हुए कहा- आपने बताया नहीं कि यह मदहोश कैसे करता है?

मैंने देर न करते हुए जिप खोल दी, मेरा 7.5 इंच का लंड बाहर आ गया और मैंने उस का हाथ उस पर रख दिया और कहा- चूसो इसे ! एक-दो बार तो उसने मना किया लेकिन फ़िर वो साली चूसने लगी और इतना मस्त चूस रही थी कि पता नहीं कितनों का चूस चुकी है।

चूस चूस कर मेरे लण्ड को लाल कर दिया और लम्बा कर दिया।

मेरा लंड भी मानो इतने प्यार से पेश आ रहा था कि क्या बताऊँ !

करीब दस मिनट चूसने के बाद मुझे ऐसा लगने लगा कि मैं झड़ने वाला हूँ तो मैंने उसके सर को जोर से पकड़ लिया और पूरे लंड को उसके गले तक डाल दिया और सारा माल उसके मुँह में निकाल दिया और वो मलाई समझ कर सारा गटक गई।

फिर कार मैंने एक कच्चे रास्ते पर उतार दी और थोड़ा आगे जाकर कार रोक दी और पिछली सीट पर आकर उसके होंठों को चूसने लगा। उसके होंठ बिल्कुल गुलाब की तरह नर्म और गुलाबजामुन से भी ज्यादा मधुर थे।

साथ साथ मैं उसकी चूची भी दबा रहा था और वो आहें ले रही थी और पागलो की तरह मुझे किस कर रही थी।

उसके बाद पहले मैंने उसकी टीशर्ट और ब्रा अलग की, जब उसकी नंगी चूचियों को देखा तो पागल हो गया।

मैं उसकी चूची को लगा मसलने और उसका दूध पीने इस तरह उसे खूब गर्म कर दिया, वो पागलों की तरह मेरे लंड को मसल रही थी और कह रही थी- फ़क मी ! फ़क मी !

मैंने कहा- जान अभी तो बहुत मज़ा लेना है।

और 69 की अवस्था में आते हुए उसकी पैन्ट खोल कर चूत को चूसने लगा। क्या मस्त चूत थी उसकी, मस्त खुशबू आ रही थी।

चूसते हुए मैंने चूत का दाना भी रगड़ खाया। एक मीठी सी सिरहन हुई और उसके मुँह से आह आह्ह।

उसकी चूत गीली हो गई थी, मैं समझ गया कि अब देर नहीं करनी चहिये। मैंने उसे कहा- साली तू एकदम चिकनी घोड़ी है, कितना मजा आ रहा है तुझे?

इस बीच मैं पानी छोड़ रही चूत को अपनी जीभ से चाटने लगा।

बोली- भेनचोद, अब मत तड़पा, चोद दे ! चोद दे !!! नहीं तो कोई आ जायेगा।

फिर मैंने कहा- तेरी भोसड़ी मारूँ, तू तो मस्ती से भरी हुई है।

मस्ती से उसकी आँखें बंद हो रहीं थी।

मैंने उसकी चूत को चूमा और फिर वहीं उसकी टाँगें फैला दी और बीच में बैठ अपना लौड़ा उसकी चूत पर टिका दिया और धक्का मारा !मानो उसकी चूत में घोड़े का लौड़ा घुसा दिया हो, ऐसे चिल्लाई वो- हाय मर गई मैं !

वो अब मुझे कस कर जकड़ कर अपने चूतड़ धीरे धीरे ऊपर नीचे करके मेरा लण्ड अपनी चूत में अन्दर-बाहर कर रही थी।

“हां राजा बहुत मजा आ रहा है, बस किये जाओ स्सीईईइ आह्ह्ह स्स्सीईईईईइ आह्ह्ह्हस्ससीईइ आह्ह !”

कुछ ही देर में आवाजें फ़चाक फ़चाक में बदल गई। उसकी चूत दो बार पानी छोड़ चुकी थी।

वो बोली- बस करो… बस करो… आज मार डालोगे क्या?

मैंने कहा- अभी मेरा पानी नहीं निकला, मैं क्या करूँ?

और मैं धक्के मारता जा रहा था, मेरा पानी निकलने वाला था, मैंने पूछा- कहाँ निकालूँ?

उसने कहा- मेरे मुँह में !

फिर मैंने उसकी चूत से लंड निकाल कर मुँह की तरफ़ किया, करीब दो मिनट की चुसाई के बाद उसके मुँह में ही झड़ गया और वो मेरा सारा माल निगल गई और चूस चूस कर मेरा लंड साफ़ कर दिया।

उसके बाद मैं काफी बार उससे मिला और उसकी खूब चुदाई की।

तो दोस्तो, यह थी मेरी पहली कहानी है। मुझे मेल जरूर करें और बताएँ कि मेरी कहानी कैसे लगी…

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