Search Results for "माँ-को-रखैल"
मेरा गुप्त जीवन -45
कम्मो काफ़ी देर चोदती रही मुझको… और जब उस का मन भर …
एक भाई की वासना -23
सम्पादक – जूजा जी हजरात आपने अभी तक पढ़ा.. जाहिरा उ…
मज़दूर से मिली तृप्ति
निम्न कहानी का पूरा मजा लेने के लिए एक बार पूर्व-प्र…
एक भाई की वासना -21
सम्पादक – जूजा जी हजरात आपने अभी तक पढ़ा.. हम सब ना…
मेरा गुप्त जीवन-40
परी को देखा वो अपना पेटीकोट पहन कर बैठी थी, उसके …
मेरा गुप्त जीवन -50
तब हम चलते हुए किश्ती से थोड़ी दूर हो गए और तब मैंन…
मेरा गुप्त जीवन-43
रात भर हम जागते, चोदते और सोते रहे। यही क्रम काफी …
एक भाई की वासना -25
सम्पादक – जूजा जी हजरात आपने अभी तक पढ़ा.. अचानक फै…
मेरा गुप्त जीवन -47
जैसा हमने तय किया था, मैं 12 बजे रात को निम्मी और …
मेरा गुप्त जीवन -52
अगले दिन नैनीताल से चल कर हम शाम को लखनऊ पहुँच गए…