Search Results for "आपा-का-हलाला-13"
दोस्ती का उपहार-3
प्रेषक : विनय पाठक मैं आपको अपनी पिछली कहानी में ब…
दिल का क्या कुसूर-8
तभी अचानक मुझे अपने अन्दर झरना सा चलता महसूस हुआ।…
बाथरूम का दर्पण-3
मेरे होंठ उसके गाल पर थे और हाथ चुची पर! मैंने पू…
कविता का प्रोजेक्ट
प्रेषक : विकास कुमार मेरा नाम विकास है, मेरा कद ५’…
दिल का क्या कुसूर-3
दोनों लड़कियाँ आपस में एक दूसरे से अपनी योनि रगड़ र…
बाथरूम का दर्पण-4
मैं आपको बता दूँ कि मैंने कभी किसी को मजबूर करके …
दिल का क्या कुसूर-3
दोनों लड़कियाँ आपस में एक दूसरे से अपनी योनि रगड़ र…
चूत चाटने का मजा-2
कहानी का पिछला भाग : चूत चाटने का मजा-1 उसने कहा-…
दिल का क्या कुसूर-4
मुझे पुरूष देह की आवश्यकता महसूस होने लगी थी। काश…
दिल का क्या कुसूर-9
मुझे लगा कि इस बार मैं पहले शहीद हो गई हूँ। अरूण …