दोस्त की मम्मी की ब्रा

नमस्ते दोस्तो, सबसे पहले तो आप सब पाठकों का दिल से …

मेरा गुप्त जीवन -58

मैं हँसते हुए बोला- कम्मो यह सब तुम ने ही तो सिखाय…

वो पूस की एक रात-2

मैंने हाथ बढ़ाया, जैसे ही उसने रूमाल लेना चाहा… मै…

मेरा गुप्त जीवन -57

फिर रानी एकदम से अपने चूतड़ ऊपर उठा कर मेरे पेट के…

थोड़ा दर्द तो होगा ही

आपने मेरी रचना एक कुंवारे लड़के के साथ (चार भागों …

मेरा गुप्त जीवन-56

जैसे ही मैं कॉलेज से वापस आया कम्मो मुझको मेरे कमर…

पूरा रंडी बना दिया

जब से मेरी बीवी को पीएसी के जवानों और उसके जीजा न…

मेरा गुप्त जीवन-59

शाम को घर पहुंचा तो विनी बैठक में मिल गई और बोली-…

मेरा गुप्त जीवन -60

कुछ दिन ऐसे ही बीत गए और हम सिर्फ कम्मो, पारो और मै…

रेखा- अतुल का माल-4

इस बीच रेखा का मोबाइल बजा। रेखा बोली- मेरे पति का…