भैया का दोस्त -1
अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा नमस्कार ! आप सबने …
वीर्यदान महादान-1
मित्रो, मैं अन्तर्वासना का पुराना पाठक व लेखक हूँ, च…
वीर्यदान महादान-4
विक्की कुमार हम दोनों उठे, शावर लिया व कपड़े पहन कर…
वीर्यदान महादान-3
विक्की कुमार जैसे ही कामना मेरी बाहों में आई तब मु…
वीर्यदान महादान-6
विक्की कुमार जब मेरा लण्ड पूरा खड़ा हो गया तो सोचा क…
वीर्यदान महादान-5
विक्की कुमार पूरे नाश्ते के दौरान हम तीनों दुनिया ज…
प्यास से प्यार तक-2
प्रेषक : मानस गुरू तभी से मैं श्रीजा को पाने के लिए…
प्यास से प्यार तक-1
प्रेषक : मानस गुरू (यह कहानी अन्तर्वासना इमेल क्लब के…
क्यों हो गया ना ?
मेरी ये कहानी मेरी एक ई-मित्र को समर्पित है – प्रेम …
तू मेरी को – मैं तेरी को
दो लड़के दो लड़कियों के पीछे पड़े हुए थे। तंग आकर लड़…