वीर्यदान महादान-3

विक्की कुमार जैसे ही कामना मेरी बाहों में आई तब मु…

वीर्यदान महादान-1

मित्रो, मैं अन्तर्वासना का पुराना पाठक व लेखक हूँ, च…

वीर्यदान महादान-5

विक्की कुमार पूरे नाश्ते के दौरान हम तीनों दुनिया ज…

वीर्यदान महादान-6

विक्की कुमार जब मेरा लण्ड पूरा खड़ा हो गया तो सोचा क…

भैया का दोस्त -2

खाना खाने के बाद प्रदीप और भैया तो हॉल में जा कर ट…

वीर्यदान महादान-4

विक्की कुमार हम दोनों उठे, शावर लिया व कपड़े पहन कर…

तेरी कह के लूँगा

और क्या हाल हैं जी? आपकी श्रेया आहूजा एक बार फिर आप…

एक थी वसुंधरा-4

“वसुंधरा! यह यह … मैं! कैसे … क्यों …??” सेंटर-टेब…

भैया का दोस्त -1

अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा नमस्कार ! आप सबने …

प्यास से प्यार तक-2

प्रेषक : मानस गुरू तभी से मैं श्रीजा को पाने के लिए…