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कमाल की हसीना हूँ मैं-40
मैं मानती हूँ कि कुछ देर पहले मैं इन हब्शियों के भ…
सन्ता और महिलाएँ
सन्ता अपने दोस्तों के साथ एक रात को बाहर चला गया। ज…
कमाल की हसीना हूँ मैं-38
मैंने साँस ली ही थी कि एक बार फिर मुझे उसकी मुठ्ठि…
गाली देना शोभा नहीं देता !
एक लड़की सलमा गाँव के बाहर गन्ने के खेतों के पास खड़…
Ami – The Journey Of Slut – Part II
Us din rat ke jay ke jane k bad me khadi bhi nahi…
कमाल की हसीना हूँ मैं-44
घंटे भर बाद ही एक सेमीनार था जो ससुर जी ने मुझे अ…
दीक्षा
इस कहानी को लिखने के लिये मुझे प्रेरित किया अन्तर्वा…
नया मेहमान-3
मैं घर चला आया, मेरा दूसरा कदम भी कामयाब रहा। घर …
कमाल की हसीना हूँ मैं-39
कुछ ही देर में उनके लौड़े फौलाद की तरह सख्त हो गये …
कमाल की हसीना हूँ मैं-46
शहनाज़ खान इस दौरान मैं कई मर्तबा झड़ी और मेरी चूत न…