मदमस्त मौसी ने लंड चूसा, मैंने की चुदाई

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मेरा नाम लव है.. मैं एक प्लेबॉय हूँ. मेरे लंड का साइज़ 7 इंच है.. हाइट 5.6 है, गुड लुकिंग हूँ, दिल्ली का रहने वाला हूँ.

दोस्तो, आज मैं आपको जो सेक्सी कहानी बता रहा हूँ वो किसी क्लाइंट की नहीं है, बल्कि मेरी और मेरी मौसी पूजा (नाम चेंज) की है.

बात 2 साल पुरानी है.. जब मैं और माँ नानी के घर गए थे. मेरी नानी के यहाँ मेरी नानी और मौसी हैं. जब हम वहाँ पहुँचे तो हमें देखकर नानी और मौसी बहुत खुश हुईं. मौसी ने तो मुझे गले से लगा लिया. जब उन्होंने मुझे गले लगाया तो उनके चूचे मेरे सीने से चिपक गए, जो मुझे बहुत मजे दे रहे थे.

खैर.. फिर वो मुझसे अलग हुईं और हमारे लिए नाश्ता ले आईं. हम सभी ने नाश्ता किया और मैं अपने पुराने दोस्तों से मिलने बाहर चला गया.

जब मैं रात को घर आया तो माँ ने मुझे बताया कि कल नानी और वो किसी बाबा के पास जा रही हैं, जिन्हें मेरी नानी बहुत मानती थीं. नानी ने मुझसे भी चलने को कहा, तो मैंने मना कर दिया क्योंकि मुझे बाबा-शाबा पसंद नहीं हैं. माँ भी ये जानती थीं, इसलिए उन्होंने ज्यादा फोर्स नहीं किया. फिर हम सबने खाना खाया और सो गए.

अगले दिन जब मैं सोकर उठा, तब तक माँ और नानी जा चुकी थीं. मौसी नहीं गई थीं क्योंकि शायद माँ ने उन्हें मेरी देखभाल के लिए छोड़ दिया था. मैं नींद से उठ तो चुका था लेकिन फिर भी आलस की वजह से आँख बंद करके लेटा था. थोड़ी देर बाद मौसी मेरे रूम में झाड़ू लगाने आईं और अपना काम करने लगीं. मैंने थोड़ा सा आँख खोलकर देखा तो मुझे उनकी चुचियों के बीच की लाइन दिखाई दी. मेरा तो लंड खड़ा हो गया. फिर अचानक मौसी की नज़र मेरे खड़े लंड पे पड़ी. वो खड़े लंड को एकटक देख रही थीं.

फिर वो धीरे से मेरे पास आईं और मेरे लंड को निक्कर के ऊपर से सहलाने लगीं. उस वक्त मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. फिर उन्होंने मुझे आवाज़ दी, पर मैंने कोई जवाब नहीं दिया. इससे उनकी हिम्मत बढ़ गई और उन्होंने धीरे से मेरे लंड को निक्कर से बाहर निकाल लिया और सहलाने लगीं.

फिर मौसी धीरे से मेरे लंड पर किस करने लगीं और अपना मुँह खोल कर लंड को अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगीं. मैं तो जैसे सातवें आसमान में पहुँच गया था. वो लंड चूसती ही जा रही थीं और एक हाथ से अपनी चूची भी मसल रही थीं. फिर कुछ मिनट बाद मैं उनके मुँह में ही झड़ गया और वो मेरे वीर्य को मजे से पी गईं और मेरे वीर्य के मस्त स्वाद से तृप्त सी हो गईं.

थोड़ी देर बाद मैंने उठने का नाटक किया और रूम से बाहर आ गया. उस वक्त मौसी किचन में नाश्ता बना रही थीं. मैं धीरे से उनके पीछे गया और उनसे चिपक गया. फिर मैंने उनके गालों पर किस करके उन्हें गुडमॉर्निंग विश किया.

वो बोलीं- उठ गए.. जाओ जाकर नहा लो, फिर साथ में नाश्ता करते हैं. मैंने कहा- ठीक है

मैं फ्रेश होने चला गया. करीब 30 मिनट बाद तैयार होकर खाने की टेबल पर आ गया. हमने साथ में नाश्ता किया.

फिर मौसी बर्तन लेकर उन्हें धोने चली गईं. मैं वहीं से बैठा हुआ उन्हें या यूं कहें कि उनकी उछलती गांड को देख देख रहा था. फिर थोड़ी देर बाद मैं धीरे से उठा और पीछे से जाकर उन्हें पकड़ लिया.

उस वक्त मेरा लंड उनकी गांड में टच करने लगा और मैंने उनकी गर्दन पर किस किया. उन्होंने मुझे धक्का देकर दूर किया और कहा- ये क्या कर रहे हो? उस वक्त तो मुझे होश ही नहीं था. मैंने फिर से उन्हें अपनी बांहों में ले लिया और उन्हें किस करने लगा. उन्होंने फिर से मुझे धक्का देकर गिरा दिया और रूम में भाग गईं.

मैं भी उनके पीछे भागा और उन्हें पकड़ कर बेड पर पटक दिया और उनके ऊपर चढ़ कर उनके गालों पर 2 थप्पड़ मारे और कहा- जब तुम मेरा लंड चूस सकती हो तो इतना नाटक क्यों कर रही हो? उन्होंने हंस कर कहा- तुम्हें कैसे मालूम कि मैंने ऐसा किया?? मैंने कहा- उस वक्त मैं जाग रहा था. इतना कह कर मैंने उनके होंठों पर अपने होंठों को रख दिया और उन्हें किस करने लगा.

इसके बाद वो मेरा साथ देने लगीं. फिर मैंने उनके कपड़े उतार दिए और खुद भी नंगा हो गया. अब मैंने उन्हें उठा कर अपनी गोद में बिठा लिया और किस करने लगा, साथ ही साथ उनकी चुचियों को भी दबाने लगा. फिर थोड़ी देर बाद मैंने उन्हें बिस्तर पे चित्त लिटा दिया और खुद 69 की पोजीशन में उनके ऊपर आ गया. अब मेरा लंड उनके मुँह के पास था. उन्होंने तुरंत मेरे लंड को अपने मुँह में ले लिया और उसे चूसने लगीं. इधर मैं भी उनकी चुत चाट रहा था. फिर मैं अपनी एक उंगली उनकी गांड में डालने लगा तो वो सीत्कार करने लगीं क्योंकि उन्हें दर्द हो रहा था.. पर मुँह में लंड होने की वजह से वो चीख नहीं पा रही थीं.

खैर.. फिर मैंने अपनी एक उंगली और उनकी गांड में डाल दी और चुत चाटता रहा. थोड़ी देर में हम दोनों झड़ गए और लेट गए. उस वक्त मैं उनकी चुचियां चूसने लगा और वो मेरे बालों में हाथ फेरने लगीं और दूसरे हाथ से मेरे लंड को सहलाने लगीं.

थोड़ी देर में मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया. अब मैंने उन्हें बेड पे सीधा किया और उनकी कमर के नीचे एक तकिया लगा दिया, जिससे उनकी चुत ऊपर को हो गई. उसके बाद मैं अपना लंड उनकी चुत पे रगड़ने लगा, जिससे वो तड़प उठीं, मौसी बोलीं- करण प्लीज़ अब ज़ल्दी से इसे मेरी चुत में डाल दो, वरना मैं मर जाऊंगी.

पर मैं उन्हें तड़पाता रहा, जब उनकी चुत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया तभी मैंने एक जोर का शॉट मारा. मैंने एक ही बार में मेरा आधा लंड उनकी चुत में पेल दिया. वो ‘उउईई म्म्म्मामी उउह मर गई.. उउ उउफ्फ़ करणन्न् उउ.. उउईई..’ करके चिल्ला उठीं.

फिर भी मैं रुका नहीं और दूसरा शॉट दे मारा. इस बार मेरा पूरा लंड मौसी की चुत को फाड़ता हुआ पूरा अन्दर चला गया. इस बार वो चीख नहीं सकीं.. क्योंकि उनके होंठों को मैंने अपने मुँह में भर लिया था. पर उनकी आँखों में आंसू आ गए थे.

फिर मैं थोड़ी देर वैसे ही रहा बस उनको किस करता रहा और उनके चुचे दबाता रहा.

थोड़ी देर बाद जब उनका दर्द कम हुआ. तो मैंने धीरे-धीरे शॉट मारना शुरू किए. अब वो भी अपनी गांड उठा-उठा कर मेरा लंड अपनी चुत में ले रही थीं मौसी ‘उउईईई उउह उफ्फ़.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… अम्म्म्म अहह..’ करके मोन कर रही थीं.

जब मैं थोड़ा थक गया तो मैंने उन्हें अपने ऊपर कर लिया. अब वो मेरे लंड पर कूद रही थीं और मुझे चोद रही थीं. इस वक्त पूरे कमरे में सिर्फ़ हमारी चुदाई की आवाजें ही गूँज रही थीं.

करीब 15 मिनट ऐसे चोदने के बाद मैं फिर से मौसी के ऊपर आ गया और तेज़-तेज़ शॉट मारने लगा. थोड़ी देर बाद उनका शरीर ऐंठने लगा और वो झड़ गईं. थोड़ी देर बाद मैं भी झड़ गया.. और उसके ऊपर ही लेट गया. फिर हम दोनों उठे और साथ में बाथरूम में गए और फ्रेश होकर बाहर आ गए.

थोड़ी देर बाद मैं बाहर आने लगा तो वो बोलीं- कहाँ जा रहे हो? मैंने कहा- दस मिनट में आता हूँ. मैं बाहर आ गया.

फिर मैं सीधा मेडिकल स्टोर में गया और वहाँ से एक वियाग्रा की टॅबलेट लेकर खा ली. फिर मैं एक बियर शॉप से दो कॅन बियर लेकर वापस आ गया. मौसी ने बियर देख कर कहा- करण, तुम पीते भी हो? मैंने कहा- कभी कभी..

मैंने मौसी को अपनी जाँघ पर बिठाया और बियर पी. थोड़ी सी उन्हें भी ज़बरदस्ती पिला दी. फिर मैं उन्हें किस करने लगा. वो फिर से गरम हो गईं. इस बार मैं उनकी गांड मारना चाहता था तो मैंने उनसे कहा, वो मना करने लगीं, पर समझाने पर मान गईं.

मैंने उन्हें कुतिया की तरह किया और पीछे से अपना लंड उनकी चुत में एक बार में पूरा पेल दिया. वो चिल्ला उठीं- उउ.. ओइईई म्मा गार माँ आआह.. अहह रुको.. ऊऊवई..

पर मैं नहीं रुका और दनादन शॉट मारता रहा. करीब 15 मिनट बाद वो झड़ गईं. फिर मैंने अपना लंड उनकी चुत से निकाल कर गांड पर सेट किया और एक शॉट मारा. मेरा टोपा अन्दर चला गया पर उन्हें काफ़ी दर्द हुआ.

फिर उन्होंने अपना मुँह तकिया पर रख दिया. मैंने एक जोर का शॉट मारा और मेरा लंड उनकी गांड फाड़ता हुआ पूरा अन्दर घुस गया. वो बहुत तेज़ चीखीं, पर तकिए की वजह से आवाज़ ज्यादा नहीं हुई. लेकिन वो रो रही थीं. थोड़ी देर बाद उनका दर्द कम हुआ तो वो भी अपनी गांड हिलाने लगीं, ‘अहह अहह अम्म्म्म..’ करके मजा लेती रहीं. करीब 20 मिनट गांड मारने के बाद मैं उनकी गांड में ही झड़ गया और फिर हम दोनों सो गए.

उसके बाद रात में ही माँ और नानी आ गए और अगले दिन हम घर आ गए.

अब जब भी मैं वहाँ जाता हूँ तो मौसी को जरूर चोदता हूँ.

दोस्तो, कैसी लगी ये मेरी मौसी की चुदाई की सेक्सी कहानी.. मेल लिखिएगा. [email protected]

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