अन्तर्वासना की सेक्स स्टोरी पढ़ कर चुदी

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नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम रजत है. आपने मेरी लिखी गई मेरी सच्ची कहानी गोरखपुर की जीनत ने घर बुला कर चुत चुदाई को बहुत पसंद किया, इसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद.

दोस्तो, आज मेरी कहानी एक मेरी अन्तर्वासना पाठिका की है, जिसने मुझे अपने घर बुला कर चुत चुदाई कराई. उसने मुझसे कहा कि इस कहानी को अन्तर्वासना को भेज कर प्रकाशित करवा दूँ, इसलिए मैं यहां उसके लिए ये कहानी लिख कर भेज रहा हूं और उम्मीद करता हूं कि अन्तर्वासना के सभी पाठक इस कहानी को जल्द से जल्द पढ़ कर मजा ले सकें.

हुआ यूं कि मेरे पास एक दिन मेरी ईमेल आईडी पे एक मेल आया हुआ था. वो मेल एक औरत का था, उसने कहा कि उसने मेरी कहानी पढ़ी है, बहुत अच्छी लगी. क्या मैं आपका असली नाम जान सकती हूं? तो मैंने कहा कि मेरा नाम रजत ही है फिर उसने मेरा नम्बर मांग लिया. मैंने काफी सोचने के बाद उसको अपना नम्बर दे दिया.

फिर दो दिन बाद उसका कॉल आया, उसने अपना नाम ऋचा (बदला हुआ नाम) बताया. वो नोएडा की है और इस वक़्त अपने ससुराल दिल्ली में रहती है. उसने बताया कि उसके पति एक बड़ी कंपनी में बड़े ओहदे पर हैं, जिसके चलते वे उसको ज्यादा टाइम नहीं दे पाते हैं. इस वजह से घर में अकेले रहने की आदत बन गयी है, मेरा समय ही नहीं कट पाता है. इसलिए घर पे बैठे बैठे पोर्न मूवी देख कर अपनी चुत की आग शांत कर लेती हूं. फिर एक दिन मैंने इंटरनेट पे अन्तर्वासना की साइट देखी, जिसमें बहुत सी अच्छी अच्छी कहानी पढ़ने को मिलीं, उसके बाद तो मैं इसकी नियमित पाठिका बन गयी हूं और पोर्न फिल्म देखना छोड़ कर चुदाई की कहानी पढ़ कर मजा लेती हूँ. कहानी पढ़ते समय मैं अपने मन में एक छवि बना कर उस कहानी के नायक को अपने ऊपर महसूस करके अपनी चुत की आग को शांत कर लेती हूं. इसमें बहुत मजा आता है. अन्तर्वासना की कहानियों से मेरा मन और तन दोनों शांत हो जाता है. फिर एक दिन आपकी कहानी पढ़ी, जिसको पढ़ कर ऐसा लग रहा था कि आपकी ये कहानी सच्ची है, तो आपके ईमेल पे संदेश भेजा, जिसका आपने उत्तर दे कर मेरा मन खुश कर दिया.

फिर उसने मुझसे पूछा- क्या आपकी कहानी वास्तव में सच्ची है, जो आपने अन्तर्वासना पे लिखी है? मैंने उनको बोला- आपको क्या लगता है? उसने बताया कि सच्ची लगी, तब ही तो सबकी कहानी छोड़ कर आपको मेल किया.

फिर उसने मेरी फ़ोटो मांगी, जिसको मैंने भेज दिया. उसको देखने के बाद वो बोली आप तो बहुत छोटे लगते हो.. शायद 24 साल के भी नहीं लगते. तो मैंने कहा- शरीर की बनावट ही कुछ ऐसी है.. तो मैं क्या कर सकता हूं. फिर मैंने उसकी उम्र पूछी तो उसने बताया कि वो 28 साल की है और अभी तक उसका को बच्चा नहीं है.

उसके बाद मैंने उसकी फोटो मांगी तो उसने पहले तो मना कर दिया. फिर डर डर के अपनी कुछ फोटो मुझे मेरे वाट्सअप पर भेजीं. जैसे ही मैंने उसकी फोटो देखी तो बस मुँह से एक ही शब्द निकला कि मस्त सेक्सी… वो एक हीरोइन से कम नहीं लग रही थी. उसके चेहरे में सबसे खास उसके होंठ थे, जो ऊपर के थोड़े मोटे और नीचे के पतले थे. जो उसके सेक्सी और कामुक होना दर्शा रहे थे.

उसने मुझसे पूछा- कैसी लगी फ़ोटो? तो मैंने बताया- बहुत खूबसूरत है. ऐसा लग रहा जैसे खुदा ने खुद तुम्हें बनाया है और फिर वो साँचा तोड़ दिया होगा क्योंकि तुम बहुत ही खूबसूरत हो. वो हँसने लगी और बोली- अरे इतना भी मस्का मत लगाओ.. मैं इतनी भी सुंदर नहीं हूं, जितना तुम समझ रहे हो.

उसके बाद उसने मुझे कॉल किया. उसकी आवाज जैसे ही मैंने सुनी, मैं तो उसका और भी दीवाना हो गया.. क्योंकि उसकी आवाज बहुत मीठी थी.

इस तरह उसका और मेरा, बातों का सिलसिला चल पड़ा और हमारी फ़ोन पे ही सेक्स की बात होने लगी. मैं उसको फ़ोन पे चोद कर शांत करने लगा.

एक दिन उसने कहा कि उसका पति कुछ दिन के लिए एक ट्रेनिंग में बहरीन, जो एक गल्फ देश है, वहां जा रहे हैं. क्या तुम यहाँ मेरे पास दिल्ली आ सकते हो? तो मैंने कहा- क्यों नहीं.. पर मैंने एक शर्त रखी कि मैं आऊंगा पर आपके घर नहीं बल्कि किसी होटल में रुकूँगा. उसने बोला- नहीं यार.. मुझे डर लगता है तुम मेरे घर आ जाओ, यहां कोई नहीं है. मैंने कहा- ठीक है आ जाऊंगा.

फिर उसने मेरा बैंक नम्बर मांगा और आइएफसी कोड भी मांगा, जो मैंने दे दिया. उसने मेरे लिए एक ट्रेन का एसी का टिकट भी भेजा. मैं तय समय पर एक और चुत का स्वाद चखने दिल्ली निकल पड़ा.

दिल्ली पहुँच कर जैसे ही मैंने उसको कॉल किया, वो तुरंत आ गयी. वो मुझे लेने एक बड़ी से कार से आई थी और एक टॉप और जींस पहने हुई थी.

जैसे ही मैंने उसको देखा मेरा लंड जो सोया हुआ था, एकदम से जग गया और जींस से बाहर आने के लिए बेकरार होने लगा. ऋचा ने ये बात नोटिस कर ली और बोलने लगी- बाबू को बाहर आने की बहुत जल्दी है. तो मैंने कहा- आप जैसी खूबसूरत बला को देख कर तो किसी नामर्द का भी लंड खड़ा हो जाए तो मैं तो एक जवान लड़का हूं.

हम कार में बैठ गए, उसने मेरे लंड पे हाथ फेर दिया, जिससे मेरा लंड और बेकाबू होने लगा. मैंने किसी तरह अपने आप पे काबू किया हुआ था. फिर उसने कार स्टार्ट की और हम दोनों कुछ देर चल कर एक बिल्डिंग के पास पहुँच गए.

उसने कहा कि पहले मैं आगे जाती हूँ और तुम मेरे कुछ देर बाद 17 वें फ्लोर पर आ जाना. ठीक लिफ्ट के सामने वाला घर मेरा ही है, वहां आ जाना. मैं वहां खड़ी रहूंगी.

मैंने उससे साथ चलने के लिए इशारा किया तो उसने मना करते हुए कहा कि वो मुझे अपने साथ नहीं ले जा सकती क्योंकि यहां सब उसको और उसके पति को जानते हैं.

फिर मैं उसके बताए अनुसार उसी फ्लोर पे पहुँचा तो देखा सामने वाले रूम में वो खड़ी थी. मैं जल्दी से अन्दर पहुँच गया तो उसने झट से दरवाजा बंद कर दिया.

अब उसने मुझे फ्रेश होने को बोला और खुद कुछ बनाने के लिए किचन में चली गयी. मैं भी उसके पीछे पीछे किचन में पहुँच गया और उसको पीछे से जकड़ लिया. मैं उसकी गर्दन पे किस करने लगा. वो मुझसे कहने लगी- अरे प्यार आराम से कर लेना, पहले कुछ खा लो. तो मैंने कहा- मुझे तो तुमको ही खाना है खिला दो न.. तुम्हें खाने ही तो इतनी दूर से आया हूं. उसने बोला- नहीं.. जाओ पहले फ्रेश हो जाओ.. फिर तुमसे कुछ बात करनी है. अगर तुम्हारी राजमंदी होगी, तब ही कुछ आगे करेंगे.

उसके बाद मैंने उसको किस किया और अलग होकर मैं फ्रेश होने चला गया. जब मैं वापस आया तो उसने एक मैक्सी पहन ली थी, जो एकदम पारदर्शी थी. उसमें से उसका पूरा बदन दिख रहा था. मेरा लंड फन उठाने लगा. उसने मुझे नाश्ता दिया और हम बात करने लगे.

फिर मैंने उससे पूछा- तुम्हें क्या पूछना था, बताओ? उसने मुझसे कहा कि मैं अभी तक कुँवारी जैसी ही हूं.. क्योंकि मेरे पति का लंड बहुत ज्यादा छोटा है. वो तो मुझसे शादी भी नहीं करना चाहते थे, पर घरवालों के दबाव में आकर शादी कर ली. अब तुम मुझे अपना बना लो रजत! इतना कहने के बाद वो रोने लगी.

मैं जल्दी से उसके पास को गया और उसके आंखों के आंसू पोंछ कर सांत्वना दी. फिर उसके माथे पे एक किस करके अपनी ओर खींच लिया. फिर उसने भी मुझे कसके पकड़ लिया और अपने होंठों को मेरे होंठों से मिला दिया. मुझे तो ऐसा लग रहा था कि जैसे कोई मलाई हो, जिसको मैं चूस रहा हूं.

उसके बाद तो मैं और वो न जाने कितनी देर तक किस करते रहे, ये मुझे भी होश नहीं रहा.

फिर उसने बेडरूम में चलने के लिए बोला. मैं और वो किस करते हुए रूम में घुसे. उसके बाद तो हम एक जिस्म दो जान बन गए. इस बीच हम दोनों ने एक दूसरे के कपड़ों को खोल दिया था और हम बेडरूम में पहुंचने तक नंगे हो चुके थे.

ऋचा ने मेरा खड़ा लंड देखा तो उसने कहा- एकदम परफेक्ट.. मुझे ऐसा ही लंड चाहिए था.

मैंने उसको इशारा किया तो उसने बेझिझक मेरे लंड को चूसना शुरू कर दिया, जिससे मुझे जन्नत का मजा मिलने लगा था. उसने मेरे लंड को चूस चूस कर एकदम लाल कर दिया था. जब मेरा पानी आने को हुआ तो मैंने उसे चेताया.. मगर उसने बोला- तुम मेरे मुँह में ही खाली कर दो.. मैं थूक दूंगी.

उसकी इच्छा जान कर मैंने अपना गर्म लावा उसके मुँह में उतार दिया. इसके बाद मैंने उसको बेड पे चित लेटा दिया और अपना मुँह उसकी चुत पे रख दिया. अपनी चूत पर मेरी जीभ का अहसास पाते ही वो एकदम से उछल गयी.

मैंने चुत चाटना शुरू कर दिया, तो उसने बताया कि उसको बहुत मज़ा आ रहा है.. पर गुदगुदी हो रही है. मैं रुका नहीं और उसकी चुत पे अपने मुँह से मालिश करता रहा. साथ ही एक हाथ की उंगली को मैं उसकी चुत के अन्दर डाल रहा था जिससे उसको दुगना मजा मिलने लगा था.

वो “आआह आआह उम्म्ह… अहह… हय… याह… उईईई आआह आआह…” करने लगी.

फिर कुछ देर ऐसे ही करते हुए उसने मेरा सर जोर से अपनी चुत के अन्दर दबा दिया और वो अपना रस मेरे मुँह पे निकाल दिया, जिसको मैंने चूस चूस कर साफ कर दिया.

इसी बीच मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया था और मैंने उसकी दोनों टांगों को उठा कर अपने दोनों कंधों पे ले लिया. उसके बाद अपना लंड उसकी चुत पे सैट करके रगड़ने लगा. मैं लंड को उसकी चुत में डाल नहीं रहा था.. बल्कि यूं ही रगड़ भर रहा था. जिससे वो एकदम चुदास से भर के जोश में आ गयी और अपनी कमर उठा कर मेरा लंड अपनी चुत में लेने की कोशिश करने लगी, पर वो नाकामयाब हो रही थी.

उसने तड़फ कर कहा कि तुम जल्दी से मेरी चुत में अपना लंड डाल दो.. वरना मैं मर जाऊंगी.

उसके बाद मैंने अपना एक तिहाई लंड उसकी चुत में डाल दिया, जिससे वो एकदम से चिल्ला उठी. मैंने उसके मुँह को होंठों से जकड़ लिया और उसके बाद फिर एक शॉट मार कर आधा लंड उसकी चुत में उतार दिया.

अब तो वो मुझसे छुड़ाने का प्रयास करने लगी, लेकिन मेरी पकड़ मजबूत होने के कारण वो मुझसे छूट न सकी.

मैं उसके ऊपर चुत में लंड फंसाए वैसे ही पड़ा रहा और चूचियां सहलाता रहा.

फिर धीरे धीरे मैंने लंड को आगे पीछे करना चालू किया. कुछ देर बाद वो भी मेरा साथ देने लगी और कमर उठा उठा कर मेरा लंड अन्दर लेने लगी.

अब उसका दर्द गायब सा हो चुका था. मैंने सही समय देख पूरा का पूरा लंड उसकी चुत में उतार दिया. इस बार वो फिर से बिन जल तड़पती हुई मछली सी हो गयी और मुझसे छूटने की भीख मांगने लगी. पर मैं उसकी चिल्लपों को अनसुना करते हुए बड़े मजे से उसे चोदे जा रहा था.

कुछ ही देर बाद उसकी गांड भी मेरे लंड की ताल पर ठुमकने लगी. अब वो अजीब अजीब आवाज निकाल रही थी- आआह आआह हहह हहहह आआह सीईईई आआह और जोर जोर से चोद दे … वो गहरी सांसें ले रही थी.

कुछ मिनट बाद उसका दर्द पूरी तरह खत्म हो गया और वो मस्ती में आ गई तो वो मेरे ऊपर आ गयी और चूत को लंड पर पटकने लगी. वो इस वक्त मेरे लंड को पूरा अन्दर तक ले रही थी. इस क्रिया में वो ऊपर उठती और बड़े आराम से नीचे लंड पर बैठती जाती. इससे मुझे बहुत मजा आ रहा था. ऐसे ही धकापेल चुदाई के बाद वो झड़ गयी और उसके झड़ने के बाद मैं भी उसकी चुत में झड़ गया.

मैं थक गया था तो उसकी चुत में ही अपना लंड डाले रख कर सो गया. जब कुछ समय बाद मैं उठा, तो रात हो गयी थी.

फिर हम दोनों उसी अवस्था में बाथरूम में आ गए और फिर हम साथ में नहाये और कपड़े पहन कर बाहर एक रेस्तरां में खाना खाने आ गए.

मैं उसके घर दो दिन रहा और उसके बाद हम दोनों घूमने शिमला चले गए. वहां हम पति पत्नी की तरह गए और जम कर खूब चुदाई की. इसके बाद मैं वहाँ से अपने शहर आ गया. उसने मेरे बैंक में कुछ पैसे डाल दिये थे.

उसने कुछ दिन बाद मुझे बताया कि वो माँ बनने वाली है और इस बच्चे को मेरा बता कर मुझे धन्यवाद कहा. उसने कहा कि ये मेरा सपना था कि मैं माँ बन सकूँ, जिसको तुमने पूरा किया. मैंने उससे कहा- मैं एक जिगोलो हूं और मेरा काम यही है.. लड़कियों और औरतों को हर तरीके की खुशी देना.

दोस्तो, अब मैं अपने शहर में हूं और किसी न किसी की चुत का बाजा बजाता रहता हूं.

यह कहानी मैं ऋचा के लिए लिख रहा हूं और मेरी आप सबसे गुजारिश है कि अपनी एक नियमित पाठिका की हिम्मत के लिए अन्तर्वासना पर प्रकाशित इस ट्रू सेक्स स्टोरी पर अपने कमेंट्स करें.

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