जिम इन्स्ट्रक्टर की गांड चुदाई

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000

मैं गांडू हूँ, मुझे गांड मरवाना पसंद है. मैं जिम जाता था तो वहां का इन्स्ट्रक्टर मुझे पसंद आ गया. मैं उसका लंड लेना चाहता था. मैंने कोशिश की तो क्या हुआ?

दोस्तो, नमस्कार सलाम कैसे हैं आप सब. मैं आप सबका शुक्रगुजार हूँ कि आपको मेरी पहली सेक्स कहानी ट्रक ड्राइवर से गांड मरवाई पढ़ कर काफी पसंद आई.

और कुछेक ने तो लिखा कि उनका पानी तक छूट गया था.

मुझे हैरानी तो तब हुई कि कुछ लेस्बियन पसंद करने वाली भाभियों का मेल आया कि मेरी सेक्स कहानी पढ़ कर उनकी चुत भी रिसने लगी थी.

इस सबके लिए फिर से धन्यवाद.

अब अगली सेक्स कहानी की और चलने से पहले अपने उन नए दोस्तों से अपना परिचय दे देना चाहता हूँ. मेरा नाम कारूण है. मैं अमदाबाद का रहने वाला हूँ और गे सेक्स में मैं टॉप हूँ. मेरे ख्याल से इतना परिचय काफी है.

आज की ये गे सेक्स कहानी मेरे जिम इन्स्ट्रक्टर की गांड चुदाई की कहानी है.

किसी भी जिम इन्स्ट्रक्टर का नाम लेते ही मेरा लंड खड़ा हो जाता है. जिम इन्स्ट्रक्टर जो कि मस्त बॉडी वाला होता है, वो किसे पसंद नहीं आता है. चाहे वो कोई लौंडिया हो या लौंडा हो.

जिस जिम इन्स्ट्रक्टर की बात मैं कर रहा हूँ. वो एक हट्टा-कट्टा जवान लौंडा था, उसकी उभरी हुई छाती, कसा हुआ शरीर और 16 इंच के डोले थे. उसकी जांघें देखो, तो बड़ी बड़ी और नसें एकदम से उभरी हुई थीं.

बस मेरा जिम इन्स्ट्रक्टर एक ऐसा ही सेक्सी लौंडा था, जो मेरे दिलो दिमाग में रच बस गया था. अगर मैं उसकी तारीफ़ करूं, उसकी तारीफ करने के लिए मेरे पास शब्द भी कम पड़ जाएंगे.

जब भी वो जिम में व्यायाम करता था, तो उसे देखते रहने का ही मन करता रहता.

मैं हमेशा उस दिन का इंतजार करता रहता, जब वो अपनी टांगों की एक्सर्साइज़ करता. क्योंकि उस दिन वो शॉर्ट्स वाली छोटी चड्डी पहन कर व्यायाम करता था. उसकी जांघें देख कर मन मचल उठता और मेरे लंड में से सीन देख कर ही पानी निकल जाता.

उसकी जांघों की मादकता के बावजूद मैं उसकी चौड़ी मर्दाना छाती पर बहुत मरता था. मुझे उसकी उभरी हुई छाती बड़ी सेक्सी लगती थी. कभी कभी तो मैं उसको अपने सपनों में सोच कर मुठ भी मार लेता था.

अक्सर जिम में मैं उसे ताड़ता रहता था. चेंजिंग रूम में मैंने उसे कितनी बार तौलिया में भी लपेटे हुए देखा था. अब बस मन इतना बेचैन हो गया था कि कैसे भी करके मुझे उसका लंड देखना था और छूना था.

मैं सोचता था कि जैसे उसका लंड बाहर से फूला हुआ दिखता है, क्या वैसा ही अन्दर से भी बड़ा और तगड़ा होगा.

जब भी मुझे मौका मिलता, मैं उसे नंगा देखने के लिए वॉशरूम में चला जाता.

एक दिन ऐसा हुआ कि शहर में बहुत बारिश हुई थी और इसी वजह से जिम में बहुत कम लोग आए थे. उस दिन बारिश ने मौसम भी ऐसा बनाया था कि जिम इन्स्ट्रक्टर को सोच कर मेरा लंड मेरे शॉर्ट्स में एकदम टाइट हो गया था. मुझे उसके साथ सेक्स करने की तलब लग गई थी.

बारिश की वजह से धीरे धीरे करके जिम में से सब लोग चले गए थे. अब उधर मैं और जिम इन्स्ट्रक्टर ही बचे थे.

जिम वाले सर बोले- आज बहुत बारिश हो रही है … तो हम भी जल्दी ही निकल जाते हैं. पता नहीं बारिश कब रुकेगी. ये बोल कर जिम के सर चेंजिंग रूम में चले गए.

मैं भी उनके पीछे पीछे चेंजिंग रूम में घुस गया. पूरे जिम में हम दोनों ही थे, इसलिए सर मुझसे बिना शरमाए अपने कपड़े चेंज करने लगे.

वो हमेशा जिम से नहाकर ही जाते थे.

इसलिए सर ने अपनी टी-शर्ट को निकाल दिया और उसके बाद ट्रॅक पैंट भी निकाल कर अलग कर दिया. वो अब सिर्फ़ अंडरवियर में थे. अंडरवियर देख कर मैं उनके लंड का उभार साफ़ देख सकता था.

लंड का उभार देख कर मुझसे संयम नहीं हो रहा था. मेरा लंड भी नाग की तरह फन उठाए खड़ा था.

मैंने सर से कहा- वाह सर … क्या बॉडी है आपकी! सर ने बोला- हां … पर इसके लिए मेहनत लगती है.

मैं- सर, आपकी चेस्ट तो बहुत ही सेक्सी है. सर हंसते हुए बोले- हां.

फिर मैंने हिम्मत करके पूछ ही लिया- सर, आप जितने हट्टे-कट्टे हो, वैसा ही आपका वो भी बड़ा है क्या! सर समझ गए कि मैं लंड की बात कर रहा हूँ.

वो मुझे देखते हुए बोले- क्यों तुझे लंड में कोई ख़ास इंटरेस्ट है क्या? मैं- हां सर, अगर आप दिखाएं तो मुझे अच्छा लगेगा. सर- लंड देख कर क्या करोगे?

मैं- जो आप बोलें सर … मैं लंड चूसता भी हूँ, उसकी मसाज भी करता हूँ … और वगैरह वगैरह भी कर लेता हूँ. सर- अच्छा वगैरह वगैरह भी कर लेते हो. ओके, पर मेरी एक शर्त है. तुम्हें भी नंगा होना पड़ेगा. मैं उत्साहित होकर बोला- हां क्यों नहीं सर, जैसे आप बोलो.

मैं सर को नंगा देखने के लिए मरा जा रहा था. मैंने ये सोचा था कि सर को नंगा भी देख लूंगा और उनका मोटा लंड भी चूस लूंगा.

सर ने मुझे देखते हुए अपनी अंडरवियर निकाली. और उनका 8 इंच लंबा और 3 इंच मोटा लंड देख कर मैं तो समझो पागल ही हो गया.

सर ने अपने लंड दिखाते हुए कहा- अब तुम्हारी बारी … तुम अपने कपड़े निकालो और नंगे हो जाओ.

मैंने भी अपनी टी-शर्ट निकाली और शॉर्ट्स निकाल दिया.

सर के मोटे लंड को देख कर मेरा लंड तो पहले से ही नब्बे डिग्री पर खड़ा था.

जैसे ही मैंने अपना शॉर्ट्स निकाला, मेरा लंड तन कर बाहर आ गया.

वो देख कर सर बोले- अरे कारूण, तेरा लंड तो काफ़ी लंबा और तगड़ा है. मेरा लंड 7.5 इंच लम्बा था और तगड़ा था.

सर ने मेरे लंड की तारीफ़ करते ही उसे हाथ में पकड़ लिया और सहलाने लगे. ये देख कर मैं चौंक गया. सर भी लंड में इंट्रेस्टेड थे. ये देख कर मैं समझ गया कि शायद उन्होंने भी पहले गे सेक्स किया होगा.

सर मेरी तरफ देखकर मुस्कुरा कर बोले- क्या सोच रहे हो … अरे यार हां, मैं भी लंड में इंट्रेस्टेड हूँ. मुझे भी लंड चूसना, चुसवाना, गांड मरवाना और गांड मारना बहुत पसंद है.

मैंने कहा- सर, आपको देख कर ऐसा लगता नहीं है कि आपको भी लौंडे पसंद होंगे. सर बोले- क्यों क्या किसी के माथे पर लिखा रहता है कि इसे लौंडे पसंद होंगे?

मैं- नहीं सर मेरा मतलब वो नहीं था. सर- मैं उसका लंड लेता हूँ, जिसका लंड मुझे बहुत पसंद आ जाता है … और मैं लंड उसे देता हूँ, जिसकी गांड मुझे बहुत पसंद आ जाए.

ये सुनकर मैं बोला- मुझमें आपको क्या पसंद आया. मेरा लंड या गांड. आप मेरी गांड मारोगे कि मैं आपकी मारूं? थोड़ी देर सोच कर सर बोले- तुम आज मेरी गांड मारो.

ये बोलते ही सिर घुटनों के बल नीचे बैठ गए और मेरा लंड चूसने लगे.

मुझे तो मानो तरन्नुम आ गई थी. मैं सर के बालों में हाथ रख कर लंड को उनके मुँह में चलाने लगा.

सर भी मेरे लंड को चूसते हुए आगे पीछे करके मजा ले रहे थे. वो बार बार मेरे लंड पर थूकते और फिर उसको चाटने लगते. ऐसा लग रहा था कि सर को मेरा लंड काफ़ी पसंद आ गया था.

थोड़ी देर बाद सर ने मुझे लंड पकड़ने को बोला. मैं काफ़ी अच्छे से उनका लंड चूसने लगा और थूक से चिपचिपा कर दिया.

उधर वॉशरूम में एक बड़ी बेंच पड़ी थी. कुछ देर लंड चूसने के बाद सर ने उस पर मुझे लेटा दिया और उल्टे होकर मुझ पर लेट गए. वो 69 करना चाहते थे.

मैंने सर के लंड को अपने मुँह में ले लिया. वो भी मेरे लंड को चूसने लगे.

काफ़ी देर तक हम दोनों ने 69 किया और एक दूसरे के लंड को चिकना करते रहे.

बीच में मैंने अपनी उंगली थूक वाली करके उनकी गांड में डालने की कोशिश की. उनकी गांड मस्त कसी हुई थी. ऐसा लगता था सर भी मेरी उंगली को एंजाय कर रहे थे.

पहले मैंने एक उंगली, फिर दो उंगलियों को सर की गांड में करके उसे ढीली की. फिर तीन उंगलियों को मैंने एक साथ सर की गांड में पेल दीं और आगे पीछे करने लगा.

ये देखकर सर मस्ती से बोले- आह अब छेद काफी ढीला हो गया है. चल अभी अपनी मर्दानगी दिखा और मेरी गांड मार.

मैं भी सर की गांड मारने के लिए रेडी हो गया और मैंने सर को बेंच पर सीधा लेटा दिया.

उनकी दोनों टांगों को ऊपर करके मैंने पहले उनकी गांड को थूक से अच्छे से गीली कर दी. फिर मैंने अपने लंड पर भी थूका और अपने लंड का सुपारा उनकी गांड के छेद पर रगड़ने लगा. सर की मस्ती भरी आहें निकलने लगीं

मैंने मौका देख कर अपने लंड को जोर से दाब देते हुए सर की गांड के अन्दर घुसा दिया.

सर जोर से चिल्ला दिए और मीठे दर्द को जज्ब करते हुए बोले- वाह क्या मर्द का लंड है … चल अब जोर जोर से मेरी गांड मार … आह जितनी तेरे अन्दर ताक़त हो, उतनी जोर से मेरी गांड मार ले.

मैं भी जोश में आ गया और सर की गांड को जोर जोर से पेलने लगा. ठप ठप की आवाज जोर जोर से आने लगी.

सर को लंड गांड में लेने में बड़ा मज़ा आ रहा था.

वो गांड मरवाते हुए गाली पर गाली बकते जा रहे थे- ‘मादरचोद मुझे अपनी रंडी बना ले … चल अब अपने लंड का पानी पिला दे … आह मेरी गांड सूखी पड़ी है … तेरे लंड के बिना इसे चैन ही नहीं मिल रहा था. आह मेरी गांड तर कर दे अपने लंड के पानी से … आह अपनी हवस निकाल ले … और चोद डाल मुझे लौंडे.

जैसे जैसे वो गाली देते, मैं और तेज़ी से उनकी गांड मारने लगता.

थोड़ी देर बाद मैंने उनको खड़ा करके आगे से झुका दिया और खड़े खड़े उनकी गांड मारनी शुरू कर दी.

अब वो और मस्त आवाजें निकाल रहे थे- आह और जोर से मार भोसड़ी के आह और जोर से चोद दे मेरी गांड.

वो बोलते तो मेरा जोश और बढ़ जाता- आह साले मैं तेरी रंडी हूँ … तू मेरा भड़वा बन जा हरामी … और जोर से मेरी गांड मार … मैं तेरा गर्म पानी पीना चाहता हूँ.

सर मस्ती में बोलते रहे और मैं उनकी गांड का बाजा बजाता रहा.

थोड़ी देर बाद सर बोले- चल अब फव्वारे के नीचे चल और उधर फव्वारे में मेरी गांड मार.

हम दोनों उठ गए और सर ने फव्वारे को चालू कर दिया.

फव्वारे के नीचे मैंने फिर से सर की गांड मारना चालू कर दी. फव्वारे का पानी मेरे लंड से होते हुए उनकी गांड में जा रहा था और उनकी गांड को गीला कर रहा था.

ऐसे ही ये गांड मारने का सिलसिला बहुत देर तक चलता रहा.

फिर सर अपने लंड को मुठ मारने लगे और अपना सारा पानी मेरे लंड पर निकाल दिया.

अब मेरे पूरा लंड उनके वीर्य से चिकना हो गया. फिर सर घुटनों के बल बैठ गए और मेरे लंड को पकड़ कर चूसने लगे.

मेरे लंड पर उनकी गांड का रस लगा था, वो सर ने चाट लिया और लंड को गन्ना जैसे तब तक चूसते रहे, जब तक मेरे लंड का सारा पानी निकल नहीं गया. सर लंड का सारा पानी पी गए और मेरे लंड को चाट कर साफ कर दिया.

इस तरह से मैं टॉप होते हुए भी अपनी गांड मरवाने का मन बना कर सर के पास आया था और सर ने अपनी गांड मरवा ली.

अब भी सर को जब भी अपनी गांड मरवाने का मन होता है, वो मुझे रुकने को बोल देते हैं और सबके जाने के बाद मैं सर की गांड मार कर उनकी हवस पूरी कर देता हूँ.

आपको मेरी ये गे सेक्स सेक्स कहानी कैसी लगी. आप मुझसे अपने मन की बात साझा जरूर करें. मुझसे बात करने के लिए खुल कर लिख सकते हैं.

मेरी कहानी को पढ़ने के लिए शुक्रिया, फिर मिलेंगे एक और नई कहानी के साथ! [email protected]

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000