होली के बहाने-2

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000

लेखक : सनी

गुरु जी को बहुत बहुत प्यार, नमस्कार ! अन्तर्वासना के पाठकों और मेरे आशिकों को जिन्होंने चैट में मेरे से बात की, मेरी नंगी गांड और लड़कियों जैसा जिस्म देखा। लेकिन यह सब अन्तर्वासना की बदौलत हुआ।

होली के बहाने का पहला भाग आपने पढ़ा, अब आगे लिखने जा रहा हूँ !

वो बोला- कभी चुसवाया नहीं था इसलिए जल्दी छूट गया !

उसने मुझे कस कर अपने जिस्म से चिपका लिया।

कोई बात नहीं ! खड़ा करना आता है मुझे !

कुछ पल हम वैसे ही लेटे रहे, वो मेरे चुचूक चुटकी से मसलने लगा। मैं पहले ही गर्म था, दोस्तो क्या मजा आ रहा था लेकिन अभी जिसके लिए में उसके पास आया था मेरा वो मकसद नहीं पूरा हुआ था, मतलब अभी मेरी प्यासी गांड की, हाँ प्यासी गांड की प्यास कहाँ बुझी थी ! लेकिन मुझे उसके लौड़े से पूरी उम्मीद थी वो दोबारा खड़ा होगा।

दोस्तो, मैं ऐसे लोगों से गांड इसलिए मरवाता हूँ कि ये किसी से कहते नहीं, मजदूरी करते हैं तो शरीर सख्त होते हैं, बिना किसी पावर दवाई के इनके लौड़े अपने दम पर खड़े होते हैं।

इसलिए वैसा ही हुआ, मैंने कुछ देर उसको पुचकारा सहलाया, बोला- तू तो मेरा दस बार खड़ा कर लेगा, यह सुख तो मुझे किसी ने नहीं दिया, हमारी औरतें तो अँधेरे में साड़ी ऊपर करके ही घुसवा लेती हैं, पानी छूटा ! बस ख़त्म काम !

मैं हूँ ही ऐसी राजा ! मुझे से शादी कर लो ! पूरा स्त्री-धर्म निभाउंगी, रोज़ रात को नंगी होकर तेरे नीचे लेटा करुँगी, तेरे लिए एक कमसिन औरत बन जाउंगी ! हाँ, बहुत मजा दिया करुँगी। भोसड़ा तेरे नाम कर दूंगी।

मेरी ऐसी बातों से उसका खड़ा हो गया- साली है ही औरत ! देख, कैसे खड़ा हो गया !

ऐसा लौड़ा पाकर यहाँ छुपा बैठा है ? अमीर घर की औरतों को खुश करके पैसा कमाया कर !

मैंने चूस-चूस उसका सुपारा लाल कर दिया जैसे वो फिर पूरे आकार में आया, चूसना मुश्किल होने लगा।

चलो, अब मुझे ठंडा करो ! डालो मेरे राजा !

बोला- कुछ देर तेरी गांड को चाटना है ! कितनी गोरी चिट्टी है !

वो जुबान से मेरी गांड छेड़ने लगा मेरे कूल्हे खुद ऊपर होने लगे, मैंने कहा- मेरे लोअर में कंडोम पड़ा है, निकाल लो !

मैंने उस पे कंडोम चढ़ा दिया।

बोला- कैसे चुदोगे?

अपने नीचे लिटा कर चोद ! मजा आएगा ! जिस्म से जिस्म की रगड़ होगी, मेरे मम्मे तेरी मर्दाना छाती से घिसेंगे, क्या नज़ारा होगा !

मैंने उसके लौड़े को चूसते वक़्त थूक लगा लगा कर ऊँगली गांड में डाल खुली कर ली थी। उसने ऊपर रख दबाव डाला, लौड़ा घुसता चला गया चीरता हुआ लौड़ा मेरी गांड में घुसने लगा, तीखा दर्द हुआ। मैंने उसी दर्द को मजा बना लिया और सब भूल कर चुदाई का मजा लेने लगा। अपना ध्यान दर्द से हटा लिया। आप यह कहानी अंतर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।

इतने में उसने अपना पूरा लौड़ा घुसा दिया। काफी बड़ा लौड़ा था उसका लेकिन जल्दी कंडोम की चिकनाई और गांड की लेस से लौड़ा गीला हो हो जाने लगा तो मैं खुद ठोकने को बोलने लगा था- अह अह और और अह अह और और अह आहा !

बोला- मजा आता है?

हाँ, बहुत आता है ! लौड़ा पसंद आया, ज़ालिम हो !!! तेरी झुग्गी में बसने का इरादा है मेरा !

बस जा साली ! यह ले ! यह ले ! यह ले !

और तेज़ ! तेज़ और तेज़ ! होली मुबारक हो !

अश अश उई उई करके चुदने लगा मैं !

उसकी स्पीड बढ़ी, मैं समझ गया कि झड़ने वाला है !

उसने कंडोम उतारा, घुसा दिया, दो तीन झटकों में जब उसका निकलने लगा तो उसने पूरा पानी मुझे सीधा कर मेरे मुँह पर, छाती पर निकाला और मुझे चूमने लगा।

तभी पीछे से किसी की आवाज़ सुनी- वाह वाह भाई ! अकेला-अकेला गांडू पेल रहा है ? दारु हमारे साथ पीकर आये और नज़ारे यहाँ अकेले अकेले लूटने में लगे हो ? साले हम भी होली मुबारक करेंगे !

नहीं, आप तो तीन लोग हो ! मैं नहीं करवा सकता ! मुझे जाना है !

तेरी माँ की चूत, जाएगा ? जाकर दिखा साले ! गला काट कर फेंक दूंगा !

पहले ही इसका बहुत मोटा था, अब तीन बन्दे कैसे भुक्त पाऊंगा ! कल कर लेना ! भागा थोड़े जा रहा हूँ !

नहीं हमें अभी मजा दे !

आगे क्या हुआ? अगले भाग में लिखूँगा, अंतर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ना मत भूलना !

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000