जिगोलो बनने की सच्ची कहानी

मेरा नाम राज़ शर्मा है, मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ ! मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ।

मुझे अन्तर्वासना की कहानियां बहुत पसंद हैं। मैं अन्तर्वासना पर अपनी पहली और सच्ची कहानी लिख रहा हूँ, आशा करता हूँ आपको पसंद आएगी।

मैं आज से दो साल पहले दिल्ली आया था, छोटे शहर से होने के कारण मुझे नए शहर के तौर तरीके ज्यादा नहीं पता थे, पता नहीं था कि ऐसा भी होता है !

अब मैं अपनी कहानी पर आता हूँ। मैं एक अच्छे, सुडौल शरीर का मालिक हूँ और दिखने में भी अच्छा हूँ, शायद इसीलिए कोई मुझे देख ले तो एक बार में फ़िदा हो जाती है !

मैं इंजीनियरिंग का विद्यार्थी हूँ, दिल्ली में द्वारका में रहता हूँ, शाम को रूम पर अकेले बोर हो जाता हूँ तो अक्सर कहीं घूमने निकल जाता हूँ।

बात काफी पहले की है जब मैं नया नया दिल्ली आया था, एक शाम को मैं द्वारका कि सेंट्रल मार्केट में गया हुआ था, मेरा दोस्त और मैं मार्केट में घूम रहे थे, मेरे दोस्त का कुछ ड्रिंक का प्रोग्राम था पर मैं ड्रिंक नहीं करता था तो मैं वहीं बाहर बनी रेलिंग पर बैठा था। मेरा दोस्त ड्रिंक करने के लिए बार में चला गया और मैं बाहर बैठा रहा !

तभी सामने से एक महिला आई काफी सारे सामान के साथ !

मैंने सोचा कि वो मेरी हेल्प चाहती है पर वो तो मुझे कुछ और ही समझ रही थी, जो कि मुझे भी बाद में समझ में आया !

खैर मैं रेलिंग से उतर कर उसके पास पहुँचा और उसका सामान ले लिया सिर्फ हेल्प करने के इरादे से !

उसने अपनी गाड़ी की ओर इशारा किया, मैं सामान लेकर उसकी गाड़ी की ओर चला गया !

उसने आकर कार का दरवाजा खोला, मैंने सामान उसकी गाड़ी में रख दिया और मैं वापस लौटने लगा !

अचानक वो बोली- कहाँ जा रहे हो?

मैंने कहा- कुछ रह गया क्या?

उसने कहा- अन्दर तो आओ, बाहर से ही बात करोगे?

मैं उसके साथ वाली सीट पर बैठ गया, उसने गाडी स्टार्ट कर दी।

मैंने कहा- आप कहाँ ले जा रही हैं मुझे?

उसने कहा- क्या प्रॉब्लम है?

मैंने कहा- मैं समझा नहीं, आप क्या कहना चाहती हैं?

उसने कहा- क्यूँ नखरे कर रहे हो, अगर कुछ नहीं करना था तो आये क्यूँ थे?

मैंने कहा- आप गलत समझ रही हैं, मैं वो नहीं हूँ, जो आप समझ रही हैं !

उन्होंने कहा- तुम्हारे गेटअप से तो लग रहा है कि तुम जिगोलो हो !

मैंने कहा- सॉरी, ऐसा कुछ नहीं है ! मैं अपने दोस्त के साथ यहाँ घूमने आया था बस !

उसने कहा- फिर तुम्हें क्या प्रॉब्लम है? मैं फ्री में तो कुछ करने को नहीं कह रही, फीस दूंगी जो तुम चाहो !

पर मेरा पहला इंसिडेंट था तो मैं घबरा रहा था ! उसे शायद कुछ ज्यादा ही जरुरत थी तो वो हरकतें करने लगी मुझे जगह जगह टच करने लगी !

मुझे घबराहट होने लगी, मैं बुरी तरह डर गया था और मैं कार से निकल कर भागने लगा !

मेरे चिल्लाने और इन हरकतों से वो भी सहम गई और मुझे जाने दिया ! मैं कार से बाहर आ गया ! वो मुझे कार के अन्दर से ही देख रही थी, मैं उसे काफी पसंद आ गया था !

मैं थोड़ी देर वहीं कार के बाहर खड़ा रहा, वो मुझे बड़ी बेचैन नज़रों से देख रही थी !

मैंने खुद खो संभाला और सोचा- लेट्स सी वॉट हेप्पेन…

मैं हिम्मत करके कार की तरफ बढ़ा और उसके पास बैठ कर उससे कहा- मैं वो नहीं जो वो समझ रही हैं ! पर मैं आपकी हेल्प कर सकता हूँ !

उसकी आँख भर सी आई, मैंने उसे हग कर लिया !

उसने कहा- मेरा नाम पूजा है, मेरे घर चलोगे?

मैंने कुछ देर सोचा और फिर हाँ कह दिया !

वो मुझे अपने घर की ओर ले चली ! मैंने अपने दोस्त को फ़ोन कर दिया कि मुझे कुछ जरुरी काम है तो मैं जा रहा हूँ !

वो मुझे अपने घर ले गई, वो शालीमार बाग में रहती थी, काफी पॉश इलाके में घर था उसका !

उसका पति किसी बिज़नस ट्रिप पर बाहर गया था ! उसने बताया कि उसका पति अक्सर बिज़नस ट्रिप्स पर रहता है।

मैं कुछ कुछ घबरा भी रहा था और कुछ कुछ मज़ा सा भी आ रहा था, मैं जाकर सोफे पर बैठ गया उसने मुझसे खाने के लिए पूछा।

मैंने मना कर दिया, मेरी भूख गायब हो गई थी !

उसने बेडरूम की तरफ इशारा कहा- तुम वहाँ पहुँचो, मैं भी आती हूँ !

मैं बाथरूम में फ्रेश होकर उसके बेडरूम में जाकर बैठ गया।

वो गुलाबी रंग की नाइटी में आई और आकर मेरे लिए ड्रिंक बनाने लगी !

मैंने मना कर दिया- मैं ड्रिंक नहीं करता !

उस टाइम मैं ड्रिंक जैसी चीजों से दूर ही रहता था।

वो बाहर चली गई और मेरे लिए एक ग्लास दूध लाई, मैंने वो पी लिया।

उसने कहा- लेट्स बिगेन !

मैंने कहा- ठीक है !

और जैसा मैंने ब्लू फिल्म्स में देखा था उसी तरह उस पर टूट पड़ा।

वो समझ गई कि मैं नौसिखिया हूँ।

उसने पूछा- यह तुम्हारा फर्स्ट टाइम है क्या?

मैंने घबराते हुए कहा- हाँ !

उसने कहा- तो तुम्हें मेरे साथ ये सब करने में कोई प्रॉब्लम तो नहीं है?

मैंने कहा- नहीं, मैं कोशिश करूँगा तुम्हारा पूरा साथ देने की !

उसने कहा- मेरे कपड़े उतारो !

मैंने डरते डरते उसकी नाइटी उतार दी, उसने भी धीरे धीरे मेरे कपड़े उतार दिए। मेरे शरीर पर बस मेरा अंडरवीयर बचा था जो मैं उतरना नहीं चाहता था पर उसने जबरन उसे भी उतरवा दिया।

मैं उसके सामने निर्वस्त्र खड़ा था और वो मेरे सामने !

मुझे शर्म सी आ रही थी कि उसने मुझे हग करके बेतहाशा चूमना शुरू कर दिया, वो इस तरह मुझे चूम रही थी जैसे सालों से भूखे को खाना मिल गया हो !

मुझे भी मज़ा आने लगा। उसने मुझे चूमते चूमते मेरे लंड को पकड़ लिया। क्या एहसास था वो ! मैं जैसे जन्नत में पहुँच गया था !

फिर उसने मेरे लंड को मुँह में लेकर काफी चूसा, लगभग दस मिनट बाद मैं झड़ गया।

यह ऐसा एहसास था कि मैं बयां नहीं कर सकता !

फिर उसने कहा- अब तुम मुझे लिक करो !

मैंने कहा- मुझे अजीब लग रहा है, यह मुझसे नहीं होगा !

उसका मुँह उतर सा गया, मैंने हिम्मत करके उसकी चूत के पास मुँह लेकर गया। एक अजीब सी खुशबू आ रही थी, मैं उसमें खो गया और ना जाने कब उसे चाटने लगा।

वो जोर जोर से आह भरने लगी! आह उह आह ह ह मह ह आह ह ! उसकी आवाज मुझमें एक मदहोशी ला रही थी, मैं पागलो की तरह उसकी चूत को चूस रहा था।

थोड़ी देर बाद उसने मेरे बाल पकड़ कर खींचने शुरू कर दिए और एक जोर की पिचकारी मेरे मुँह में भर दी।

मुझे उस दिन पहली बार पता चला कि लड़कियाँ भी इजेक्ट करती हैं !

मगर उसके जिस्म की खुशबू की मदहोशी में मैं उसका पूरा पानी पी गया !

मैं पता नहीं किस दुनिया में था पर मैं जहाँ भी था बहुत खुश था।

उसने मुझे जगह जगह चूमना शुरू कर दिया, मैं फिर से उत्तेजित होने लगा।

उसने मुझे ऐसे ऐसे गुर सिखाये कि मैं खुद को उसका हमेशा ऋणी मानूँगा।

खैर उसने मुझे चूम चूम कर फिर से गरम कर दिया, मेरा लंड बहुत चूसा और वो फिर सख्त हो गया काम के लिए एक बार फिर तैयार !

उसने कहा- अब इसे मुझे में समां दो !

मैंने उसे चूमा और अच्छे से चूमा। मैंने सोचा कि पहले थोड़ा इन्हें भी खुश कर दूँ !

मैंने उसे जोर से बाहों में जकड़ा और अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए !

इसका तो मुझे काफी एक्सपिरियंस था। उसके गुलाबी गुलाबी होंठ बड़े रसीले थे, मैं उसके होंठ चूस रहा था और मेरे हाथ उसके नंगे जिस्म पर चल रहे थे।

कभी उनकी चूचियाँ दबाता, कभी उनकी चूत पर चुटकी ले लेता !

वो बोली- राज़ अब मत तड़पाओ ! मेरी प्यास बुझा दो !

पर मैं अभी और मूड में था ! मैं उसे मदहोश किये जा रहा था !

वो बार बार कह रही थी- राज़ यू आर बेस्ट, आइ लव यू, फक मी हार्ड, प्लीज़ जल्दी उईई इइ इ आह ह ह !

हमारी सांसें एक दूसरे से टकरा रही थी, ठण्ड से मौसम में भी पसीना हमारे बदन को भिगो रहा था !

फिर मैं उसको चूमते हुए फिर से नीचे पहुँचा और उसकी चिकनी चूत में जीभ डालकर उसके चोदने लगा !

इस बार मुझे अजीब सा नहीं लगा बल्कि मज़ा आ रहा था !

उसने कहा- अब हट जाओ राज ! मुझे पूरा कर दो, मत तड़पाओ !

उसकी आँखों की प्यास में एक अज़ब सा नशा था !

मैंने उसे ज्यादा ना तड़पाते हुए नीचे आ गया और चोदने के लिए आसन में बैठ गया !

मैंने हाथ से उनकी चूत के मुँह को खोला और अपने लंड का सिर उस पर लगा दिया !

उसकी चूत काफी गीली थी और शायद उसकी उस दिन से पहले ढंग से चुदाई भी नहीं हुई थी ! मैंने लंड लगा कर धीरे धीरे फिराना शुरू किया।

वो गुस्से में बोली- अन्दर करो ना !

मैंने एक झटका दिया पर लंड आधा ही अन्दर गया, उसकी चूत बहुत कसी थी। मैंने एक और झटका दिया उसकी चीख निकल गई पर लंड अब भी पूरा नहीं उतरा था !

मैंने एक और झटका दिया उसकी और चीख निकली और आँखों से आँसू की धार बह गई। मुझे भी थोड़ा दर्द हुआ, सच में ही बहुत टाईट थी।

फिर मैंने धीरे धीरे धक्के लगाने शुरू किये। कुछ देर बाद उसके अन्दर के तरल ने थोड़ी राहत दी। मैंने धक्कों की स्पीड बढ़ाई !

उनके मुँह से दर्द और आनन्द की मिली जुली आवाज निकल रही थी- आह मार डाला ! जोर से और ! बस धीरे ! धीरे ! हाँ बस ऐसे ही ओह ह ह ह.. आऽऽह.. आऽऽह… आ…धीरे… आऽऽह… हां… आऽऽह… आऽऽह… जोर से…

मेरे मुँह से भी आह आह की आवाज निकल रही थी। मेरे धक्के बढ़ते जा रहे थे, वो भी गांड हिला हिला कर साथ दे रही थी। थोड़ी देर बाद उसने मुझे कस के पकड़ा और कहा- मेरा हो गया !

पर मैं लगा रहा, थोड़ी देर बाद उसे फिर से जोश आ गया। और उसने फिर से वही आवाज निकालनी शुरू की !

वो बीच बीच में मुझे जगह जगह काट रही थी, नाखून मार रही थी।

मेरी पूरी कमर पर उसके नाखून के निशान लग गए थे, मैं धक्के दिए जा रहा था और उसे मज़ा आ रहा था।

वो एक बार और झड़ गई, मेरा भी टाइम आ गया, मैंने कहा- आई ऍम कमिंग !

उसने कहा- अन्दर ही डाल दो !

मैं हल्के हल्के झटके देता हुआ उसमें छूट गया ! थोड़ी देर तक हम ऐसे ही पड़े रहे !

उसके बाद पूरी रात में 2-3 राउण्ड और चले !

अगले दिन उसने मुझे एक लिप किस से जगाया !

मुझे बड़ा अच्छा फील हो रहा था पर अब मुझे जाना था, मैं तैयार होकर जाने लगा तो उसने मुझे दो हजार रुपये देने चाहे, मैंने मना कर दिया क्यूंकि मैं कोई प्रोफेशनल नहीं था।

मगर उसने कहा- ये मेरा प्यार समझ कर रख लो !

और जबरदस्ती मुझे वो पैसे दे दिए। मगर कहते हैं ना जिस्म और पैसे की भूख कभी ख़त्म नहीं होती !

उसका तीन दिन बाद फिर से फ़ोन आया और मुझे फिर से बुलाया !

मैंने उसे फिर से खुश किया पर इस बार मैंने पैसे नहीं लिए। मुझे उससे लगाव हो रहा था पर वो लगाव नहीं सेक्स था।

उसने कुछ क्लायंट्स को मेरा नंबर दिया और मुझे जिगोलो बना दिया !

मैंने उनको कैसे खुश किया, वो अगली कहानी में !

फ़िलहाल के लिए अलविदा।

मेरी कहानी पर कमेन्ट करना ना भूलें और रेट करना भी ! आपकी मेल्स का इंतज़ार रहेगा ! टेक केयर…